गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में गणपति की स्थापना ऐसे करें कि बरसे अपार धन और सुख!

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गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में गणपति की स्थापना ऐसे करें कि बरसे अपार धन और सुख!


गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में गणपति की स्थापना ऐसे करें कि बरसे अपार धन और सुख!


गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में गणेश स्थापना कैसे करें?

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) भगवान श्रीगणेश के जन्मोत्सव का पावन पर्व है। यह पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण भगवान गणेश की मूर्ति को घर में स्थापित करते हैं और 1 दिन से लेकर 11 दिन तक उनका पूजन करते हैं।

इस लेख में हम आपको बताएँगे कि घर में गणेश स्थापना कैसे करें, क्या सावधानियाँ रखें और कौन-कौन से पूजन विधि एवं मंत्र आवश्यक होते हैं।


गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का महत्व

गणेश चतुर्थी को विघ्नहर्ता श्रीगणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण होता है, बल्कि इसे सिद्धि, बुद्धि और समृद्धि प्रदान करने वाला पर्व भी माना जाता है। भगवान गणेश की पूजा से जीवन के सभी विघ्न दूर होते हैं

मुख्य कारण:

  • जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति
  • बुद्धि और विवेक में वृद्धि
  • नए कार्यों की शुभ शुरुआत

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) की तिथि और शुभ मुहूर्त

हर साल यह पर्व अलग-अलग तिथि को आता है। गणेश चतुर्थी के दिन मूर्ति स्थापना और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त देखना आवश्यक होता है।

पूजा मुहूर्त ध्यान में रखें:

  • सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक (प्रमुख शुभ समय)
  • चतुर्थी तिथि के शुरू होने से पहले तैयारी कर लें।

गणपति स्थापना से पहले घर की तैयारी कैसे करें?

गणपति को घर लाने से पहले हमें घर को शुद्ध और पवित्र बनाना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा आती है और पूजा सफल होती है।

तैयारियाँ:

  • घर की सफाई करें, विशेषकर पूजा स्थान की
  • गंगाजल का छिड़काव करें
  • पूजा स्थल को लाल या पीले कपड़े से सजाएँ
  • चौकी पर सुंदर आसन रखें

गणपति की मूर्ति कैसे चुनें?

गणेश जी की मूर्ति चुनते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। मूर्ति में भाव और ऊर्जा होनी चाहिए।

चयन के नियम:

  • मिट्टी की मूर्ति हो तो सर्वोत्तम
  • गणपति की सूंड बाईं ओर मुड़ी हो (घर के लिए शुभ)
  • मूर्ति शांत, सौम्य और प्रसन्न मुद्रा वाली हो
  • ज्यादा बड़ी मूर्ति न लें, घर की जगह के अनुसार चुनें

गणपति को घर लाने की विधि

गणपति को घर लाने से पहले मन में श्रद्धा और भक्ति का भाव रखें। उन्हें लाते समय पूरे घर में सकारात्मक वातावरण बनाना चाहिए।

प्रक्रिया:

  • गणेश जी को लाते समय फूल-माला पहनाएँ
  • “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे लगाएँ
  • घर में प्रवेश से पहले उनके चरण धोएँ
  • मूर्ति को सम्मान सहित पूजा स्थान पर रखें

गणपति स्थापना की संपूर्ण विधि

स्थापना का दिन और विधि अत्यंत महत्व रखती है। नीचे सरल और संपूर्ण गणपति स्थापना विधि बताई जा रही है:

  1. पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछाएँ
  2. कलश स्थापना करें (कलश में जल, आम्र पत्र और नारियल रखें)
  3. भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें
  4. भगवान का आवाहन करें – “ॐ गणपतये नमः” मंत्र का जाप करें
  5. रोली, चावल, फूल, दूर्वा और मोदक अर्पित करें
  6. दीप जलाएँ और अगरबत्ती करें
  7. गणेश अथर्वशीर्ष, गणपति स्तोत्र या गणपति मंत्र पढ़ें
  8. आरती करें

गणेश पूजा में उपयोग होने वाली वस्तुएँ

पूजन सामग्री की सूची:

  • लाल वस्त्र
  • मोदक, नारियल, फल
  • दूर्वा घास (21 तिनके)
  • रोली, अक्षत, पंचामृत
  • गंगाजल
  • कलश, आम के पत्ते
  • दीपक, अगरबत्ती
  • फूल, especially लाल फूल

इन सभी सामग्रियों से भगवान गणेश का पूजन करने पर विशेष फल प्राप्त होता है।


गणेश पूजन में उच्चारित किए जाने वाले प्रमुख मंत्र

कुछ मुख्य मंत्र इस प्रकार हैं:

  • ॐ गण गणपतये नमः
  • वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
  • गणेश गायत्री मंत्र:
    “ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि।
    तन्नो दंती प्रचोदयात्॥”

इन मंत्रों के जाप से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।


गणपति को प्रिय भोग क्या चढ़ाएँ?

भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय हैं। गणेश चतुर्थी के दिन उन्हें विशेष प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं:

प्रिय भोग:

  • मोदक
  • बेसन लड्डू
  • नारियल
  • फल (केला, अमरूद)
  • पंचामृत
  • नारियल पानी

नियम:
भोग चढ़ाने के बाद वही प्रसाद सभी को बाँटें।


गणपति स्थापना के दौरान रखें ये सावधानियाँ

गणेश चतुर्थी पर पूजा विधि सही तरीके से करना आवश्यक होता है। कुछ नियमों का पालन ज़रूरी है:

  • मूर्ति स्थापना के बाद उसे अकेला न छोड़ें
  • पूजा स्थल पर जूते-चप्पल न पहनें
  • नकारात्मक बातें या शोरगुल न करें
  • प्रतिदिन पूजा करें और आरती ज़रूर करें
  • पूजा के दौरान मोबाइल आदि का उपयोग न करें

गणपति व्रत का नियम और पालन कैसे करें?

गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक गणपति व्रत रखा जा सकता है। इस व्रत में कुछ नियमों का पालन करना होता है:

व्रत के नियम:

  • सूर्योदय से पहले स्नान कर लें
  • दिनभर सात्विक भोजन करें
  • व्रत में नमक नहीं लेते (यदि निर्जला न रख सकें तो फलाहार लें)
  • रात को भगवान को भोग लगाकर ही भोजन करें
  • रोज़ाना आरती और मंत्र जाप करें

गणेश विसर्जन की विधि

गणेश स्थापना के 1.5, 3, 5, 7 या 10 दिन बाद विसर्जन किया जाता है। विसर्जन एक पवित्र प्रक्रिया है।

विसर्जन विधि:

  • पहले गणेश जी से क्षमा प्रार्थना करें
  • “पुनरागमनाय च” मंत्र बोलें – ताकि वे अगले वर्ष फिर आएँ
  • मूर्ति को जल में विसर्जित करें (अब पर्यावरण की दृष्टि से कृत्रिम टैंक में करना बेहतर है)
  • पूरे उत्साह के साथ “गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ” कहें

घर में गणपति रखने के लाभ

घर में गणपति स्थापना से कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ मिलते हैं।

  • मन में शांति और स्थिरता आती है
  • घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है
  • कार्यों में सफलता और बाधा मुक्ति मिलती है
  • बच्चों की पढ़ाई में बुद्धि और एकाग्रता बढ़ती है
  • व्यापार और नौकरी में उन्नति होती है

गणपति स्थापना के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियाँ

कुछ आम गलती से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है:

  • मूर्ति को ज़मीन पर न रखें
  • पूजा में मांसाहार, शराब आदि का सेवन बिल्कुल न करें
  • रोज़ पूजा न करने से नकारात्मकता बढ़ती है
  • पूजा स्थल पर गंदगी न होने दें
  • विसर्जन में मूर्ति को फेंकें नहीं, सम्मानपूर्वक करें

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में गणपति की स्थापना ऐसे करें कि बरसे अपार धन और सुख!
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में गणपति की स्थापना ऐसे करें कि बरसे अपार धन और सुख!

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) को परिवार के साथ कैसे मनाएँ?

इस पर्व का असली आनंद तब है जब परिवार एकजुट होकर मनाए:

  • मिलकर मूर्ति स्थापित करें
  • बच्चों को गणेश जी की कथाएँ सुनाएँ
  • सामूहिक आरती करें
  • प्रसाद सभी को मिल बाँट कर दें
  • आसपास के बच्चों को भी पूजा में शामिल करें

गणेश जी की आरती (भाषा: सरल हिंदी)

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा…

यह आरती सभी आरती में प्रमुख मानी जाती है। आरती के समय श्रद्धा और भक्ति भाव होना ज़रूरी है।


गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में स्थापना क्यों है विशेष?

गणेश चतुर्थी केवल एक पर्व नहीं, यह भावनाओं, श्रद्धा और संस्कृति का संगम है। भगवान गणेश का घर में स्वागत करना हमारे जीवन में शुभता, समृद्धि और सफलता लाता है।

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर घर में गणेश स्थापना कैसे करें? (FAQS)


1. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) कब मनाई जाती है?

गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है, जो अगस्त या सितंबर में आती है।


2. घर में गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त क्या होता है?

स्थापना के लिए प्रातः काल से मध्याह्न तक का समय शुभ माना जाता है। विशेष पंचांग देखकर शुभ मुहूर्त जरूर निकालें।


3. गणेश जी की मूर्ति कैसी होनी चाहिए?

मिट्टी की बनी मूर्ति शुभ मानी जाती है। बाईं ओर सूंड वाली शांत मुद्रा वाली मूर्ति घर के लिए उत्तम होती है।


4. गणपति स्थापना के लिए घर की क्या तैयारी करें?

पूजा स्थल की सफाई, गंगाजल से शुद्धिकरण, और लाल/पीला वस्त्र बिछाकर पूजा स्थल को सजाएँ।


5. गणेश पूजन में किन वस्तुओं की जरूरत होती है?

दूर्वा, मोदक, लाल फूल, रोली, अक्षत, पंचामृत, नारियल, फल, दीपक, कलश, गंगाजल और वस्त्र।


6. गणेश जी की पूजा कैसे करें?

मूर्ति स्थापना के बाद कलश पूजन, आवाहन, अष्टोत्तर नामावली, मोदक भोग, मंत्र जाप और आरती करें।


7. गणपति को कौन-सा भोग सबसे प्रिय है?

मोदक गणेश जी का प्रिय भोग है। इसके साथ नारियल, फल और बेसन लड्डू भी चढ़ाए जाते हैं।


8. दूर्वा क्यों चढ़ाई जाती है?

दूर्वा घास गणेश जी को अत्यंत प्रिय होती है और इससे उनकी कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।


9. गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर व्रत कैसे रखें?

सात्विक आहार लें, निर्जला व्रत संभव न हो तो फलाहार करें। दिनभर भक्ति करें और शाम को आरती करें।


10. गणपति की स्थापना कितने दिनों तक रख सकते हैं?

1.5, 3, 5, 7 या 10 दिन तक रख सकते हैं। अनंत चतुर्दशी को विसर्जन करना विशेष शुभ होता है।


11. गणपति विसर्जन की सही विधि क्या है?

पूजा के बाद “पुनरागमनाय च” मंत्र बोलें, जल में धीरे-धीरे विसर्जन करें और श्रद्धा से जयकारे लगाएँ।


12. क्या विसर्जन घर पर किया जा सकता है?

हाँ, आजकल पर्यावरण की दृष्टि से घर पर बाल्टी या टैंक में विसर्जन करना बेहतर माना जाता है।


13. क्या स्थापना के बाद मूर्ति को अकेला छोड़ सकते हैं?

नहीं, मूर्ति को अकेला छोड़ना अशुभ माना जाता है। कोई न कोई व्यक्ति पास में होना चाहिए।


14. गणेश स्थापना में कौन-कौन से मंत्र पढ़े जाते हैं?

  • ॐ गण गणपतये नमः
  • वक्रतुंड महाकाय…
  • गणेश गायत्री मंत्र

15. गणपति स्थापना के लाभ क्या हैं?

जीवन में बाधाएँ दूर होती हैं, समृद्धि, बुद्धि, और शांति आती है। नए कार्यों की शुरुआत के लिए बेहद शुभ समय होता है।


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