“धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का चमत्कारी प्रभाव: जानें इसके लाभ और सही विधि”

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"धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का चमत्कारी प्रभाव: जानें इसके लाभ और सही विधि"

“धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का चमत्कारी प्रभाव: जानें इसके लाभ और सही विधि”


धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) हिंदू धर्म में स्वास्थ्य और आरोग्य का प्रतीक है। यह स्तोत्र भगवान धन्वंतरि को समर्पित है, जिन्हें आयुर्वेद के जनक के रूप में पूजा जाता है। भगवान धन्वंतरि को देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है, जो अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। यह स्तोत्र शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य प्रदान करने वाला माना जाता है।

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“धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का चमत्कारी प्रभाव: जानें इसके लाभ और सही विधि”धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)भगवान धन्वंतरि का महत्वधन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ: विधिपाठ विधि:धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का अर्थ और उसका प्रभावधन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का शाब्दिक अर्थधन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ कब करें?धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) के लाभ1. स्वास्थ्य में सुधार2. रोगों से मुक्ति3. आयुर्वेदिक उपचार को बढ़ावा4. नकारात्मक ऊर्जा को दूर करनाधन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ: विशेष बातेंधन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ: मंत्रधन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) और आयुर्वेद का संबंध1.धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)क्या है?2. धन्वंतरि कौन हैं?3. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ कब करना चाहिए?4. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) पढ़ने के क्या लाभ हैं?5. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ सभी कर सकते हैं?6. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का संबंध आयुर्वेद से है?7. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का अर्थ क्या है?8. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) कितनी बार पढ़ना चाहिए?9.धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ कैसे करें?10. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) में कौन-कौन से मंत्र हैं?11. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)बीमारियों को ठीक कर सकता है?12. धन्वंतरि जयंती कब मनाई जाती है?13. क्या यह स्तोत्र किसी विशेष पूजा का हिस्सा है?14. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ बच्चों के लिए भी फायदेमंद है?15. क्या स्तोत्र पढ़ने से आयु में वृद्धि होती है?

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का उच्चारण करने से मन को शांति मिलती है और स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है। इसे नियमित रूप से पढ़ने से न केवल बीमारियों का नाश होता है बल्कि आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।


भगवान धन्वंतरि का महत्व

भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता कहा जाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के समय, वे अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। वे आरोग्य और अमरता के प्रतीक हैं। भगवान धन्वंतरि की पूजा विशेष रूप से धन्वंतरि जयंती और धनतेरस के अवसर पर की जाती है।

इस स्तोत्र के माध्यम से हम भगवान धन्वंतरि से स्वास्थ्य, लंबी उम्र और सुखद जीवन की कामना करते हैं। यह स्तोत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है, जो लगातार बीमारियों से जूझ रहे हैं या जिनका प्रतिरोधक तंत्र कमजोर है।

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)

धन्वंतरि स्तोत्र
(Dhanvantari Stotra)

भिषग्वर रमाकान्त शालिवक्त्रपुरालय ।
रागरोगादिभूतं मां पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ १॥

शङ्खचक्रसुधाकुम्भजलुकाधर माधव ।
करुणाकर मामाशु पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ २॥

अखिलाधार गोविन्द निखिलार्तिनिवारक ।
व्याकुलं मां महाविष्णो पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ ३॥

श्यामवर्ण सदानन्द शालितुण्डपुरेश्वर ।
विपन्नं मां विश्वबन्धो पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ ४॥

जनार्द्दन जगन्नाथ जलजाक्ष ज्वरापह ।
प्रणतार्द्र प्रपन्नं मां पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ ५॥

सनातन गुणाराम सर्वामयकुलान्तक ।
रुजार्तं मां कृपाराशे पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ ६॥

शान्त शालिमुखागार शारदेन्दुनिभानन ।
शर्मसागर निःस्वं मां पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ ७॥

सुधाशनपते विश्वक्लेशनाशन केशव ।
प्रतप्तं मां सुधापाणे पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ ८॥

वासुदेव हृषीकेश व्याधिजातविनाशक ।
वनमालिन् वराकं मां पाहि धन्वन्तरे हरे ॥ ९॥

नारायण दयासिन्धो नाथ शालिमुखालय ।
पद्मनाभ मुरारे मां पाहि धन्वन्तर हरे ॥ १०॥

रोगातुराणामभयप्रदायिन् दाक्षिण्यवार्धे भिषगीशमूर्ते ।
कल्याणराशे कमलापते मां धन्वन्तरे पाहि हरे मुरारे ॥ ११॥

क्षीराब्धिनाथ दरचक्रसुधाजलूका-
धारिन् दयार्द्र शालिमुखालयेश ।
सर्वामयापह भिषग्वर सन्ततं मां
धन्वन्तरे पाहि हरे मुरारे ॥ १२॥

इति शालिवक्त्रपुरालय धन्वन्तरि स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
सार्थम्

॥ इति धन्वन्तरिस्तोत्रम् ॥

"धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का चमत्कारी प्रभाव: जानें इसके लाभ और सही विधि"
धन्वंतरि स्तोत्र ! (Dhanvantari Stotra) का चमत्कारी प्रभाव: जानें इसके लाभ और सही विधि

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ: विधि

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ करने के लिए शुद्ध मन और पवित्र स्थान का होना आवश्यक है। इसे सुबह के समय पूजा स्थल पर बैठकर पढ़ना चाहिए।

पाठ विधि:

  1. स्नान करके साफ कपड़े पहनें।
  2. भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  3. गंगाजल छिड़ककर पूजा स्थल को शुद्ध करें।
  4. धूप, दीप, और फूल चढ़ाएं।
  5. ध्यान मुद्रा में बैठकर स्तोत्र का उच्चारण करें।

इस प्रक्रिया को नियमित रूप से करने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और आरोग्य की प्राप्ति होती है।


धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का अर्थ और उसका प्रभाव

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) में भगवान धन्वंतरि के गुणों और महिमा का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने से तनाव दूर होता है और मन में शांति का अनुभव होता है। इस स्तोत्र का प्रभाव निम्नलिखित है:

  1. शारीरिक स्वास्थ्य: धन्वंतरि स्तोत्र नियमित रूप से पढ़ने से शरीर स्वस्थ रहता है और बीमारियां दूर होती हैं।
  2. मानसिक शांति: यह मन को शांति देता है और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  3. आध्यात्मिक उन्नति: इसे पढ़ने से आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है।
  4. आयु वृद्धि: भगवान धन्वंतरि की कृपा से आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है।

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का शाब्दिक अर्थ

इस स्तोत्र में भगवान धन्वंतरि को सृष्टि के रक्षक, आरोग्य के दाता, और जीवन के संरक्षक के रूप में वर्णित किया गया है। इसमें कहा गया है कि भगवान धन्वंतरि के नाम का स्मरण करने मात्र से बीमारियां दूर हो जाती हैं।


धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ कब करें?

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) को किसी भी समय पढ़ा जा सकता है, लेकिन इसे पढ़ने का सबसे शुभ समय सुबह का होता है। धनतेरस, धन्वंतरि जयंती, और एकादशी जैसे पवित्र दिनों पर इसका पाठ करना विशेष लाभकारी होता है।


धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) के लाभ

1. स्वास्थ्य में सुधार

यह स्तोत्र नियमित रूप से पढ़ने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

2. रोगों से मुक्ति

यह चronic diseases से राहत दिलाने में सहायक है।

3. आयुर्वेदिक उपचार को बढ़ावा

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) आयुर्वेद के साथ जुड़े उपचारों को और अधिक प्रभावी बनाता है।

4. नकारात्मक ऊर्जा को दूर करना

यह स्तोत्र सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है और जीवन में सुख-शांति लाता है।


धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ: विशेष बातें

  1. स्वर का सही उच्चारण: यह सुनिश्चित करें कि आप शब्दों का सही उच्चारण कर रहे हैं।
  2. आस्था और विश्वास: पाठ करते समय भगवान धन्वंतरि के प्रति आस्था और विश्वास बनाए रखें।
  3. समर्पण: इसे पढ़ते समय मन को एकाग्र और शांत रखें।

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ: मंत्र

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का मुख्य मंत्र है:

“शङ्खं चक्रं जलौका दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।
सूक्ष्मस्वच्छातिहृद्यांशुक परिविलसन्मौलिमंभोजनेत्रम्॥”

इस मंत्र का अर्थ है कि भगवान धन्वंतरि स्वास्थ्य और आरोग्य के दाता हैं। उनके स्मरण से सभी रोगों का नाश होता है।


धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) और आयुर्वेद का संबंध

आयुर्वेद भगवान धन्वंतरि द्वारा ही सृजित है। धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) आयुर्वेदिक उपचारों को प्रभावी बनाने में सहायक है। जो लोग आयुर्वेद के प्रति आस्था रखते हैं, उनके लिए यह स्तोत्र बेहद महत्वपूर्ण है।


धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ न केवल स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है, बल्कि यह आध्यात्मिक उन्नति का भी साधन है। इसे पढ़ने से शरीर और मन दोनों को शांति मिलती है। यदि आप भी आरोग्य और सुख-शांति की प्राप्ति करना चाहते हैं, तो धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ नियमित रूप से करें।

1.धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)क्या है?

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) भगवान धन्वंतरि को समर्पित एक प्रार्थना है, जो आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। इसे पढ़ने से शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।


2. धन्वंतरि कौन हैं?

भगवान धन्वंतरि को हिंदू धर्म में स्वास्थ्य और आयुर्वेद का देवता माना जाता है। वे समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे।


3. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ कब करना चाहिए?

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ सुबह के समय या धनतेरस, धन्वंतरि जयंती और एकादशी जैसे पवित्र दिनों पर करना शुभ माना जाता है।


4. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) पढ़ने के क्या लाभ हैं?

इसे पढ़ने से बीमारियां दूर होती हैं, आयु में वृद्धि होती है, मानसिक शांति मिलती है, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।


5. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ सभी कर सकते हैं?

हां, धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ कोई भी कर सकता है। इसे पढ़ने के लिए किसी विशेष नियम की आवश्यकता नहीं होती।


6. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का संबंध आयुर्वेद से है?

हां, भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के जनक माना जाता है। धन्वंतरि स्तोत्र आयुर्वेदिक उपचारों को प्रभावी बनाने में मदद करता है।


7. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का अर्थ क्या है?

धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) में भगवान धन्वंतरि की महिमा और उनकी आरोग्य प्रदान करने की शक्ति का वर्णन है। इसे पढ़ने से स्वास्थ्य और मन की शांति मिलती है।


8. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) कितनी बार पढ़ना चाहिए?

आप इसे अपनी सुविधा और श्रद्धा के अनुसार रोज़ाना 1 से 3 बार पढ़ सकते हैं।


9.धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ कैसे करें?

पवित्र स्थान पर, शुद्ध मन और शरीर के साथ, भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक जलाकर स्तोत्र का पाठ करें।


10. धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) में कौन-कौन से मंत्र हैं?

इसमें भगवान धन्वंतरि के स्वरूप, गुणों और उनकी कृपा का वर्णन करने वाले मंत्र शामिल हैं, जैसे:


“शङ्खं चक्रं जलौका दधदमृतघटं चारुदोर्भिश्चतुर्मिः।”


11. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra)बीमारियों को ठीक कर सकता है?

धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति प्रदान करता है, जिससे रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है।


12. धन्वंतरि जयंती कब मनाई जाती है?

धन्वंतरि जयंती दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस के दिन मनाई जाती है।


13. क्या यह स्तोत्र किसी विशेष पूजा का हिस्सा है?

हां, धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ अक्सर स्वास्थ्य संबंधी पूजा और आयुर्वेदिक अनुष्ठानों में किया जाता है।


14. क्या धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) का पाठ बच्चों के लिए भी फायदेमंद है?

हां, इसे बच्चों के स्वास्थ्य और मानसिक विकास के लिए भी पढ़ा जा सकता है।


15. क्या स्तोत्र पढ़ने से आयु में वृद्धि होती है?

मान्यता है कि धन्वंतरि स्तोत्र (Dhanvantari Stotra) के नियमित पाठ से आयु और स्वास्थ्य में सुधार होता है।

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