नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में होते हैं ये भव्य आयोजन, जानिए खास परंपराएं!

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नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में होते हैं ये भव्य आयोजन, जानिए खास परंपराएं!


नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में होते हैं ये भव्य आयोजन, जानिए खास परंपराएं!

नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में विशेष आयोजन

नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसमें दुर्गा माता के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान देशभर के देवी मंदिरों (Devi Temples) में विशेष आयोजनों की धूम रहती है। भक्त बड़ी श्रद्धा से मंदिरों में दर्शन करने पहुंचते हैं और माता की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत, हवन, जागरण और भजन-कीर्तन करते हैं।

Contents
नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में होते हैं ये भव्य आयोजन, जानिए खास परंपराएं!नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में विशेष आयोजनमंदिरों की विशेष सजावट और दीप प्रज्वलनअखंड ज्योति का महत्वमहामाई जागरण और भजन संध्याकन्या पूजन और भंडारे का आयोजनविशेष हवन और अनुष्ठानरामलीला और देवी लीला का मंचनशक्ति पीठों में विशेष उत्सवनवरात्रि के दौरान उपवास और नियमनवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में विशेष आयोजन – महत्वपूर्ण FAQs1. नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों (Devi Temples) में क्या-क्या आयोजन होते हैं?2. देवी मंदिरों (Devi Temples) में अखंड ज्योति जलाने का क्या महत्व है?3. नवरात्रि के दौरान मंदिरों में कैसे सजावट की जाती है?4. नवरात्रि में कौन-कौन से भजन-कीर्तन गाए जाते हैं?5. क्या सभी देवी मंदिरों (Devi Temples) में नवरात्रि के दौरान भंडारे आयोजित किए जाते हैं?6. कन्या पूजन का क्या महत्व है?7. शक्ति पीठों में नवरात्रि का उत्सव कैसे मनाया जाता है?8. मंदिरों में डांडिया और गरबा का आयोजन क्यों किया जाता है?9. क्या नवरात्रि के दौरान उपवास रखना अनिवार्य है?10. नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में कौन-कौन से अनुष्ठान होते हैं?11. नवरात्रि में रामलीला और देवी लीला का क्या महत्व है?12. क्या नवरात्रि के दौरान मंदिरों में विशेष दर्शन का आयोजन होता है?13. मंदिरों में नवरात्रि के दौरान कौन-कौन से प्रसाद वितरित किए जाते हैं?14. क्या नवरात्रि के दौरान मंदिरों में जागरण का आयोजन होता है?15. नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों (Devi Temples) में कौन-कौन सी सुरक्षा व्यवस्थाएं की जाती हैं?

मंदिरों को फूलों और रोशनी से भव्य रूप से सजाया जाता है। सुबह से ही मंत्रोच्चार, आरती और पूजा-पाठ की गूंज मंदिर परिसर को पवित्र बना देती है। इस दौरान कई जगहों पर अखंड ज्योति जलाई जाती है, जो पूरे नौ दिनों तक जलती रहती है। भक्तों को विशेष प्रसाद वितरित किया जाता है, जिसमें फल, मिठाइयां और खिचड़ी शामिल होती हैं।


मंदिरों की विशेष सजावट और दीप प्रज्वलन

नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। मंदिरों में रंग-बिरंगी लाइटिंग, फूलों की मालाएं और तोरण द्वार लगाए जाते हैं। कई प्रसिद्ध मंदिरों में अलग-अलग रंगों की थीम पर सजावट की जाती है, जो भक्तों को आकर्षित करती है।

दीप प्रज्वलन का भी नवरात्रि में खास महत्व होता है। मंदिरों में हजारों दीयों से रोशनी की जाती है, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो जाता है। कई मंदिरों में दीपदान कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जहां भक्त जलते दीपक अर्पित करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।


अखंड ज्योति का महत्व

नवरात्रि में देवी मंदिरों में अखंड ज्योति जलाने की परंपरा है। इसे शक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है। यह दीपक नौ दिनों तक लगातार जलता रहता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

कई मंदिरों में विशेष हवन कुंड बनाए जाते हैं, जहां पूरे नौ दिन अखंड हवन चलता रहता है। हवन में विशेष जड़ी-बूटियां डाली जाती हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है और भक्तों को आध्यात्मिक शांति मिलती है।

अखंड ज्योति के दर्शन करने से मनोकामनाएं पूर्ण होने की मान्यता है। भक्त इस दौरान मंत्र जाप और ध्यान करके अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करते हैं।


महामाई जागरण और भजन संध्या

नवरात्रि में महामाई जागरण और भजन संध्या का आयोजन किया जाता है। मंदिरों में रातभर भजन-कीर्तन चलते हैं, जिसमें भक्त माता की स्तुति में गायन और नृत्य करते हैं।

प्रसिद्ध भजन गायक और कलाकार इन आयोजनों में भाग लेते हैं। मंदिरों में डांडिया और गरबा का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें भक्त माता के भक्ति गीतों पर झूमते हैं।

भजन संध्या में जय अम्बे गौरी, दुर्गा स्तुति, महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र जैसे भजन गाए जाते हैं। इस दौरान वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो जाता है और श्रद्धालु भक्ति रस में लीन हो जाते हैं।


कन्या पूजन और भंडारे का आयोजन

अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का आयोजन किया जाता है। इसमें नौ कन्याओं को माता के नौ रूपों का प्रतीक मानकर पूजा की जाती है। उन्हें हलवा, चना और पूड़ी का भोग लगाया जाता है और उपहार दिए जाते हैं।

कई मंदिरों में विशाल भंडारे का आयोजन भी होता है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस दौरान भक्त सेवा कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं और गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करते हैं।

कन्या पूजन से माता की असीम कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।


विशेष हवन और अनुष्ठान

नवरात्रि के दौरान मंदिरों में विशेष हवन और अनुष्ठान किए जाते हैं। इन हवनों में दुर्गा सप्तशती, चंडी पाठ और श्रीसूक्त का पाठ किया जाता है।

महायज्ञ का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें देवी को नैवेद्य, पंचमेवा और फल अर्पित किए जाते हैं। यह अनुष्ठान नकारात्मकता को दूर कर शुद्धता और शांति प्रदान करते हैं।

कई मंदिरों में गुप्त नवरात्रि अनुष्ठान भी किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करना होता है।


रामलीला और देवी लीला का मंचन

नवरात्रि के दौरान कई जगहों पर रामलीला और देवी लीला का मंचन भी किया जाता है। रामलीला में भगवान राम के जीवन की कथाओं का मंचन होता है, जबकि देवी लीला में मां दुर्गा के राक्षसों पर विजय की गाथा सुनाई जाती है।

यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को बढ़ाते हैं बल्कि लोगों को संस्कृति और परंपराओं से भी जोड़ते हैं। मंदिरों में रासलीला और अन्य पौराणिक कथाओं का भी मंचन होता है, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद प्रदान करता है।


शक्ति पीठों में विशेष उत्सव

भारत के शक्ति पीठों में नवरात्रि का आयोजन अत्यंत भव्य होता है। जैसे वैष्णो देवी, ज्वालामुखी मंदिर, कामाख्या देवी, महाकाली मंदिर और अंबाजी मंदिर में लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं।

इन मंदिरों में विशेष पूजा, हवन, रात्रि जागरण और भंडारे का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु दर्शन करने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहते हैं और माता की कृपा पाने के लिए विशेष अनुष्ठान कराते हैं।

शक्ति पीठों की यात्रा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और भक्तों को अत्यधिक आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त होता है।


नवरात्रि के दौरान उपवास और नियम

मंदिरों में नवरात्रि के दौरान उपवास रखने की परंपरा है। भक्त फलाहार, दूध, साबूदाना, और सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन खाते हैं।

नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में होते हैं ये भव्य आयोजन, जानिए खास परंपराएं!
नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में होते हैं ये भव्य आयोजन, जानिए खास परंपराएं!

लहसुन-प्याज से परहेज, सात्विक भोजन ग्रहण करना और ब्रत कथा सुनना नवरात्रि में शुभ माना जाता है। उपवास से शरीर और मन की शुद्धि होती है और आत्मा को शक्ति मिलती है


नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों (Devi Temples) में विशेष आयोजन भक्तों की श्रद्धा और भक्ति को और मजबूत बनाते हैं। पूजा, हवन, भजन-कीर्तन, कन्या पूजन और दीपदान जैसे कार्यक्रम मंदिरों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करते हैं।

भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित शक्ति पीठों और प्रमुख देवी मंदिरों में इस दौरान भव्य आयोजन होते हैं। भक्त माता रानी की कृपा पाने के लिए बड़ी श्रद्धा से दर्शन, अनुष्ठान और उपवास रखते हैं।

नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में विशेष आयोजन – महत्वपूर्ण FAQs

1. नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों (Devi Temples) में क्या-क्या आयोजन होते हैं?

नवरात्रि के दौरान मंदिरों में विशेष पूजा, हवन, जागरण, भजन-कीर्तन, कन्या पूजन, भंडारे और दीपदान का आयोजन किया जाता है।

2. देवी मंदिरों (Devi Temples) में अखंड ज्योति जलाने का क्या महत्व है?

अखंड ज्योति को शक्ति और आस्था का प्रतीक माना जाता है। यह दीपक पूरे नौ दिनों तक जलता रहता है, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।

3. नवरात्रि के दौरान मंदिरों में कैसे सजावट की जाती है?

मंदिरों को फूलों, रंग-बिरंगी लाइटिंग, तोरण द्वार और दीपों से भव्य रूप से सजाया जाता है, जिससे वातावरण भक्तिमय बन जाता है।

4. नवरात्रि में कौन-कौन से भजन-कीर्तन गाए जाते हैं?

इस दौरान जय अम्बे गौरी, दुर्गा स्तुति, महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र जैसे भजन गाए जाते हैं, जिससे श्रद्धालु भक्ति में लीन हो जाते हैं।

5. क्या सभी देवी मंदिरों (Devi Temples) में नवरात्रि के दौरान भंडारे आयोजित किए जाते हैं?

हां, कई प्रसिद्ध मंदिरों में विशाल भंडारे का आयोजन होता है, जहां हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं।

6. कन्या पूजन का क्या महत्व है?

अष्टमी और नवमी को कन्या पूजन किया जाता है, जिसमें नौ कन्याओं को देवी के रूप में मानकर पूजा की जाती है और उन्हें विशेष भोजन व उपहार दिए जाते हैं।

7. शक्ति पीठों में नवरात्रि का उत्सव कैसे मनाया जाता है?

वैष्णो देवी, ज्वालामुखी, कामाख्या, महाकाली मंदिर जैसे शक्ति पीठों में विशेष पूजा, जागरण और हवन होते हैं, जहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं।

8. मंदिरों में डांडिया और गरबा का आयोजन क्यों किया जाता है?

डांडिया और गरबा देवी की स्तुति में किया जाता है, जिससे भक्त अपनी श्रद्धा को नृत्य और संगीत के माध्यम से व्यक्त कर सकें।

9. क्या नवरात्रि के दौरान उपवास रखना अनिवार्य है?

नहीं, यह श्रद्धा और आस्था पर निर्भर करता है, लेकिन कई भक्त सात्विक भोजन ग्रहण कर उपवास रखते हैं।

10. नवरात्रि में देवी मंदिरों (Devi Temples) में कौन-कौन से अनुष्ठान होते हैं?

इस दौरान दुर्गा सप्तशती पाठ, चंडी हवन, महायज्ञ, और दीपदान जैसे अनुष्ठान किए जाते हैं।

11. नवरात्रि में रामलीला और देवी लीला का क्या महत्व है?

इन आयोजनों के माध्यम से धार्मिक कथाओं का मंचन किया जाता है, जिससे भक्तों को संस्कृति और परंपराओं की जानकारी मिलती है।

12. क्या नवरात्रि के दौरान मंदिरों में विशेष दर्शन का आयोजन होता है?

हां, कई मंदिरों में विशेष आरती और दर्शन व्यवस्था की जाती है, जिससे भक्त माता के अलौकिक रूप के दर्शन कर सकें।

13. मंदिरों में नवरात्रि के दौरान कौन-कौन से प्रसाद वितरित किए जाते हैं?

हलवा, चना, खिचड़ी, फल, मिठाइयां और पंचामृत को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

14. क्या नवरात्रि के दौरान मंदिरों में जागरण का आयोजन होता है?

हां, कई मंदिरों में महामाई जागरण और भजन संध्या होती है, जहां भक्त रातभर भजन-कीर्तन करते हैं।

15. नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों (Devi Temples) में कौन-कौन सी सुरक्षा व्यवस्थाएं की जाती हैं?

भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल, CCTV कैमरे और प्रवेश व निकास के लिए विशेष मार्ग बनाए जाते हैं, जिससे भक्त सुरक्षित रूप से दर्शन कर सकें।

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