बस इन 10 बीज मंत्रों (Bija Mantras) से करें लक्ष्मी माता को प्रसन्न – खुल सकते हैं धन के सारे रास्ते!
बीज मंत्रों (Bija Mantras) का महत्व
बीज मंत्र वे छोटे-छोटे, लेकिन अत्यंत प्रभावशाली ध्वनियाँ और शब्द होते हैं जो ब्रह्मांड की ऊर्जा को आकर्षित करने की शक्ति रखते हैं। ये मंत्र साधारण नहीं होते, बल्कि इनमें आध्यात्मिक और रहस्यमयी शक्ति छिपी होती है। लक्ष्मी माता, जो धन, वैभव, समृद्धि और सौभाग्य की देवी हैं, उनके लिए भी अनेक बीज मंत्र प्रचलित हैं जिन्हें सही तरीके से जपने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
इन मंत्रों का जप शुक्रवार, पूर्णिमा या दीपावली जैसे विशेष दिनों पर करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। इन बीज मंत्रों के माध्यम से न केवल आर्थिक संकट दूर हो सकते हैं, बल्कि जीवन में शांति, संतुलन और सौभाग्य भी आता है।
1. श्रीं (Shreem) – मां लक्ष्मी का मूल बीज मंत्र
‘श्रीं’ (Shreem) बीज मंत्र को लक्ष्मी मंत्रों की रानी कहा जाता है। यह मंत्र मात्र एक अक्षर का है, लेकिन इसकी ध्वनि तरंगें धन और समृद्धि को आकर्षित करने में सक्षम हैं।
इस बीज मंत्र का रोज 108 बार जप करने से मानसिक शांति, आर्थिक लाभ, और भाग्य में वृद्धि होती है। इसे साधारणतः कमलगट्टे की माला से जपना शुभ माना गया है। ध्यान रहे कि जप के समय मन एकाग्र हो और स्थान स्वच्छ और शांत हो।
यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनके व्यवसाय में नुकसान, नौकरी में अस्थिरता या घरेलू आर्थिक समस्याएं बनी रहती हैं।
2. ह्रीं (Hreem) – शक्ति और लक्ष्मी दोनों का स्वरूप
‘ह्रीं’ (Hreem) मंत्र को माया बीज भी कहा जाता है। यह मंत्र लक्ष्मी और दुर्गा दोनों देवी शक्तियों को संतुष्ट करता है। इस मंत्र का प्रभाव अदृश्य अवरोधों को हटाने और आंतरिक शक्ति प्रदान करने के लिए जाना जाता है।
अगर आप नियमित रूप से ह्रीं मंत्र का जप करते हैं, तो यह धन, सम्मान और आत्मबल की वृद्धि करता है। यह मंत्र भय, संकोच और आत्म-संदेह को भी मिटाता है।
इसका प्रयोग रात्रि के समय या ध्यान में बैठते हुए करें, तो मन और आत्मा दोनों में ऊर्जा का संचार होता है।
3. ऐं ह्रीं श्रीं – लक्ष्मी नारायण मंत्र
यह त्रिविध मंत्र – ‘ऐं ह्रीं श्रीं’ – एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जो सरस्वती (ज्ञान), दुर्गा (शक्ति) और लक्ष्मी (धन) तीनों को समर्पित है।
जब तीनों बीज मंत्रों का एक साथ जप होता है, तब यह जीवन में संपूर्णता और संतुलन लाता है। इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति को बुद्धि, शक्ति और धन तीनों की प्राप्ति होती है।
यह मंत्र विद्यार्थियों, व्यवसायियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। सुबह स्नान के बाद शांत मन से इसका 21, 51 या 108 बार जप करें।
4. क्लीं (Kleem) – आकर्षण और संपन्नता का मंत्र
‘क्लीं’ (Kleem) मंत्र को आमतौर पर कामदेव बीज कहा जाता है, लेकिन यह मां लक्ष्मी को आकर्षित करने में भी उतना ही प्रभावशाली है।
यह मंत्र प्रेम, आकर्षण, सौभाग्य और व्यवसाय में ग्राहकों की वृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है। इसका जप करने से आपके आस-पास धन की ऊर्जा का चक्र बनता है।
यदि आप व्यापार में वृद्धि चाहते हैं या किसी को अपने विचारों से प्रभावित करना चाहते हैं, तो क्लीं मंत्र का जप जरूर करें। इसे गुप्त साधना में विशेष स्थान प्राप्त है।
5. ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः
यह एक संयुक्त मंत्र है जो लक्ष्मी माता की कृपा पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसमें ह्रीं और श्रीं दोनों बीज मंत्र शामिल हैं जो आकर्षण और धन दोनों को बुलाते हैं।
इस मंत्र का जप धन प्राप्ति, कर्ज मुक्ति, और व्यापार में लाभ के लिए किया जाता है। सुबह के समय दीपक जलाकर इस मंत्र का 108 बार जप करने से घर में समृद्धि आती है।
यदि आप धन संबंधी रुकावटों से परेशान हैं, तो यह मंत्र आपकी समस्याओं का समाधान बन सकता है।
6. ॐ श्रीं नमः – सबसे सरल और प्रभावशाली
‘ॐ श्रीं नमः’ मंत्र को लघु मंत्रों में सबसे अधिक प्रभावशाली माना गया है। यह मंत्र धन, वैभव और सुख-शांति की प्राप्ति के लिए उत्तम है।
इसका प्रयोग शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र पहनकर करना अत्यंत लाभकारी होता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो कम समय में अधिक लाभ चाहते हैं।
इस मंत्र का नियमित जप आपके घर में धन का आगमन बनाए रखता है और दरिद्रता से रक्षा करता है।
7. ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्नी च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात्
यह लक्ष्मी गायत्री मंत्र है, जो लक्ष्मी माता को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ समर्पित है। इसमें उनका ध्यान, साधना और कृपा की याचना शामिल है।
इस मंत्र का नियमित जप करने से मन की शुद्धि, आत्मबल में वृद्धि, और धन-संपत्ति का स्थायी लाभ मिलता है। यह मंत्र दीपावली, शुक्रवार, और पूर्णिमा के दिन विशेष फल देता है।
यदि आपके जीवन में बार-बार धन की कमी बनी रहती है, तो इस मंत्र को अपना नित्य नियम बना लें।
8. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः
यह मंत्र चार शक्तिशाली बीज मंत्रों से मिलकर बना है – श्रीं, ह्रीं, क्लीं और महालक्ष्म्यै। इसका जप धन के स्थायी लाभ, वैभव में वृद्धि, और नकारात्मक शक्तियों की समाप्ति के लिए किया जाता है।
यह मंत्र एक संपूर्ण लक्ष्मी साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त है। यदि आप कोई नई शुरुआत कर रहे हैं – जैसे नया व्यापार, नया घर या नया कार्य – तो यह मंत्र आपके लिए उत्तम है।
रोज प्रातः काल इस मंत्र का जप करने से दिन भर सकारात्मक ऊर्जा और धन का प्रवाह बना रहता है।
9. ॐ ह्रीं नमः – आंतरिक ऊर्जा और शुद्धिकरण
यह मंत्र एक शुद्धिकरण बीज मंत्र है जो लक्ष्मी माता के साथ-साथ आपके मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है।
यदि आप मानसिक रूप से परेशान हैं, निर्णय लेने में कठिनाई होती है, या ध्यान और साधना में मन नहीं लगता, तो इस मंत्र का अभ्यास करें।
यह मंत्र मन की स्थिरता, आत्मिक ऊर्जा और साधना की शक्ति को बढ़ाता है। शांति से बैठकर इसका जप करें, और जल्द ही आप अपने भीतर बदलाव महसूस करेंगे।
10. ॐ श्रीं श्रीये नमः – सौभाग्य और धन वर्षा का मंत्र
यह मंत्र लक्ष्मी माता के गुणों का गुणगान करता है और उन्हें घर आने का आमंत्रण देता है। इसका अर्थ है – “हे लक्ष्मी! आप हमें धन, सौभाग्य और शांति प्रदान करें।”
इस मंत्र का उच्चारण करने से आपके जीवन में अचानक लाभ, प्रमोशन, रुके हुए कार्यों की पूर्ति, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस मंत्र को हर दिन या विशेष अवसरों जैसे दीपावली, अक्षय तृतीया और शुक्रवार के दिन जरूर जपें।
बीज मंत्रों के जप की विधि
- शुद्ध स्थान और समय चुनें।
- स्नान करके साफ वस्त्र पहनें।
- कमलगट्टे या तुलसी की माला से जप करें।
- दीपक, अगरबत्ती और जल का अर्घ्य दें।
- मंत्रों का उच्चारण सही उच्चारण और श्रद्धा से करें।
- हर मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।

लक्ष्मी बीज मंत्रों का चमत्कारी प्रभाव
लक्ष्मी माता को प्रसन्न करने के लिए बीज मंत्र सबसे सरल, सशक्त और शीघ्र फल देने वाला उपाय है। यह न केवल धन की प्राप्ति में सहायक है, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र – स्वास्थ्य, संबंध, व्यवसाय और आत्मबल में भी सकारात्मक परिवर्तन लाता है।
यदि आप नियमित रूप से श्रद्धा और नियम से इन बीज मंत्रों का जप करेंगे, तो जीवन में दरिद्रता, असफलता और बाधाएं स्वतः ही दूर हो जाएंगी और समृद्धि, सुख और सौभाग्य आपके जीवन में स्थायी रूप से बस जाएगा।
यह रहे “लक्ष्मी को रिझाने वाले 10 बीज मंत्र” विषय पर आधारित 15 महत्वपूर्ण FAQ
1. बीज मंत्र क्या होते हैं?
बीज मंत्र छोटे लेकिन शक्तिशाली शब्द होते हैं, जिनमें देवी-देवताओं की ऊर्जा और कृपा को आकर्षित करने की शक्ति होती है।
2. लक्ष्मी माता के लिए कौन सा बीज मंत्र सबसे प्रभावशाली है?
“श्रीं” (Shreem) मंत्र लक्ष्मी माता का मूल और सबसे प्रभावशाली बीज मंत्र माना जाता है।
3. बीज मंत्रों (Bija Mantras) का जप कब करना चाहिए?
बीज मंत्रों का जप सुबह के समय, विशेषकर शुक्रवार, पूर्णिमा या दीपावली जैसे शुभ दिनों पर करना श्रेष्ठ होता है।
4. बीज मंत्रों (Bija Mantras) का कितनी बार जप करना चाहिए?
प्रत्येक मंत्र का 108 बार जप करने की परंपरा है। इससे उसका पूर्ण प्रभाव प्राप्त होता है।
5. क्या बीज मंत्रों (Bija Mantras) के जप से तुरंत धन प्राप्त होता है?
बीज मंत्रों का असर धीरे-धीरे होता है। ये नकारात्मकता हटाकर, सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाकर धन आगमन के रास्ते खोलते हैं।
6. क्या बीज मंत्रों (Bija Mantras) को बिना माला के जप सकते हैं?
हाँ, लेकिन कमलगट्टे की माला या तुलसी माला का उपयोग जप की शक्ति को और बढ़ाता है।
7. क्या बीज मंत्रों (Bija Mantras) का जप गलत तरीके से करने पर नुकसान हो सकता है?
अगर आप श्रद्धा, सही उच्चारण और नियम से मंत्र जपते हैं, तो किसी प्रकार की हानि नहीं होती।
8. क्या सभी बीज मंत्र एक साथ जप सकते हैं?
हाँ, लेकिन एकाग्रता के साथ करें। शुरुआत में एक ही मंत्र चुनें और अभ्यास के बाद अन्य मंत्र जोड़ें।
9. ‘ह्रीं’ और ‘क्लीं’ मंत्र में क्या अंतर है?
‘ह्रीं’ शक्ति और आत्मबल देता है, जबकि ‘क्लीं’ आकर्षण और सौभाग्य लाता है। दोनों मंत्र लक्ष्मी को प्रसन्न करते हैं।
10. क्या ये मंत्र व्यवसाय में लाभ के लिए भी उपयोगी हैं?
हाँ, विशेष रूप से ‘क्लीं’, ‘श्रीं’, और ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र व्यवसायिक लाभ के लिए प्रभावशाली हैं।
11. क्या महिलाओं और पुरुषों दोनों को ये मंत्र जपने चाहिए?
जी हाँ, लक्ष्मी माता की कृपा सभी पर समान रूप से होती है, चाहे वे स्त्री हों या पुरुष।
12. क्या बीज मंत्रों (Bija Mantras) से कर्ज से मुक्ति मिल सकती है?
हाँ, नियमित जप से कर्ज की समस्या और धन संबंधी रुकावटें दूर हो सकती हैं।
13. क्या बीज मंत्र ध्यान या योग में भी उपयोग होते हैं?
हाँ, ये मंत्र मन को एकाग्र करने, ध्यान गहरा करने और ऊर्जा बढ़ाने में मदद करते हैं।
14. क्या बीज मंत्रों (Bija Mantras) के साथ पूजा करनी चाहिए?
अगर आप चाहें तो दीपक, फूल, अगरबत्ती के साथ छोटा सा पूजन कर सकते हैं। इससे मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
15. बीज मंत्र कितने दिनों तक जपें?
कम से कम 40 दिन तक नियमित जप करें। इससे स्थायी और सकारात्मक परिणाम मिलने लगते हैं।