मई की अमावस्या (Amavasya in the Month of May) पर लक्ष्मी पूजन क्यों है बेहद खास? जानिए चमत्कारी फायदे और सही विधि!
मई में आने वाली अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन क्यों करें? – एक विस्तृत मार्गदर्शिका
अमावस्या का दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह वह तिथि होती है जब चंद्रमा आकाश में दिखाई नहीं देता। हालांकि कई लोग इस दिन को अशुभ मानते हैं, लेकिन लक्ष्मी पूजन के दृष्टिकोण से यह दिन बेहद शुभ माना जाता है। विशेषकर मई माह की अमावस्या, (Amavasya in the Month of May) देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली तिथि मानी जाती है। इस लेख में हम जानेंगे कि मई की अमावस्या पर लक्ष्मी पूजन क्यों करना चाहिए, इसकी महिमा, विधि, लाभ और सावधानियाँ क्या हैं।
अमावस्या का धार्मिक महत्व
अमावस्या को पितरों का दिन भी कहा जाता है। इस दिन तर्पण, पिंडदान और पूजा-पाठ करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही, यह दिन नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और नए कार्यों की शुरुआत के लिए उपयुक्त माना जाता है। जब अमावस्या किसी शुक्रवार या शुभ योग में आती है, तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। देवी लक्ष्मी, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी हैं, अमावस्या पर विशेष रूप से पूजी जाती हैं।
मई माह की अमावस्या (Amavasya in the Month of May) का विशेष महत्व
मई की अमावस्या, जो आमतौर पर गर्मियों के मध्य में आती है, का ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष प्रभाव होता है। इस समय सूर्य और चंद्रमा की स्थिति विशेष रूप से प्रभावशाली होती है, जिससे लक्ष्मी साधना और पूजन अत्यधिक फलदायी माना जाता है। कई पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख है कि गर्मियों की अमावस्या पर की गई पूजा से देवी लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी निवास करती हैं।
लक्ष्मी पूजन क्यों करें अमावस्या पर?
अमावस्या को आध्यात्मिक और तांत्रिक रूप से शक्तिशाली दिन माना गया है। इस दिन की गई साधना का फल कई गुना अधिक मिलता है। लक्ष्मी पूजन अमावस्या पर करने से:
- वित्तीय समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- व्यापार में वृद्धि और नौकरी में उन्नति होती है।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- ऋण मुक्ति में सहायता मिलती है।
- नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और शुभ ऊर्जा का संचार होता है।
मई की अमावस्या (Amavasya in the Month of May) पर लक्ष्मी पूजन की विधि
इस दिन सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनें और घर के उत्तर-पूर्व कोने में पूजा स्थल तैयार करें। पूजा की विधि इस प्रकार है:
- एक स्वच्छ चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर लक्ष्मी जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- प्रतिमा पर कुंकुम, हल्दी, अक्षत और फूल अर्पित करें।
- दीपक जलाएं, खासकर घी का दीपक और उसे कमल के फूल के साथ अर्पित करें।
- लक्ष्मी मंत्र का जाप करें – जैसे:
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” - सप्तधान्य, दूध, मिश्री, पान, लौंग-इलायची अर्पण करें।
- अंत में आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
अमावस्या पर लक्ष्मी मंत्रों का जप
मंत्रों का जप आपके पूजन को और भी सशक्त और प्रभावी बनाता है। अमावस्या पर निम्न लक्ष्मी मंत्रों का जप करें:
- “ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः”
- “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
- “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः”
हर मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे आपकी धन-संबंधी समस्याओं का निवारण होगा।
अमावस्या पर कौन-कौन से उपाय करें
मई की अमावस्या पर आप कुछ विशेष धार्मिक और तांत्रिक उपाय करके लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं:
- काले तिल और जल से स्नान करना दोषों को दूर करता है।
- घर के मुख्य द्वार पर हल्दी और कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।
- तुलसी में दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है।
- चांदी का सिक्का लक्ष्मी जी के चरणों में रखकर पूजा करें, और बाद में पर्स में रखें।
- रात को धूप और कपूर से पूरे घर में शुद्धि करें।
मई अमावस्या पर क्या न करें?
जैसे अमावस्या पर कुछ करने योग्य कार्य हैं, वैसे ही कुछ कार्यों से बचना भी आवश्यक है:
- किसी से झगड़ा या अपशब्द न कहें।
- पूजा करते समय नखरे, आलस्य या अधूरी श्रद्धा न रखें।
- मांस-मदिरा का सेवन पूरी तरह वर्जित है।
- घर गंदा न रखें, विशेषकर पूजा स्थल।
- बिना स्नान के किसी भी धार्मिक कार्य में भाग न लें।
मई अमावस्या और पितृ तर्पण
इस दिन पूर्वजों के नाम पर तर्पण और दान-पुण्य करने से उनके आशीर्वाद मिलते हैं। पितृदोष से मुक्ति के लिए अमावस्या पर तिल, जल और अन्न से तर्पण करना चाहिए। ऐसा करने से लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं क्योंकि वह सत्कर्म से जुड़े व्यक्ति के घर में निवास करना पसंद करती हैं।
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए कौन-कौन से दान करें?
अमावस्या पर किया गया दान कई गुना फलदायी माना गया है। आप निम्न वस्तुओं का दान कर सकते हैं:
- सफेद वस्त्र
- चावल और दूध
- साफ जल का घड़ा
- सात अनाज (सप्तधान्य)
- काले तिल और गुड़
- पंखा, चप्पल या छाता गर्मी से राहत के लिए
इन वस्तुओं का दान करने से न केवल धन की प्राप्ति होती है, बल्कि पुण्य और सौभाग्य भी बढ़ता है।
लक्ष्मी को प्रसन्न करने के अन्य उपाय
मई की अमावस्या पर आप कुछ विशेष लक्ष्मी प्रिय वस्तुओं का प्रयोग भी कर सकते हैं:
- कमल का फूल – लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय होता है।
- चांदी का सिक्का – स्थायी धन की प्रतीक।
- शंख – पूजन में प्रयोग कर सकारात्मक ऊर्जा लाएं।
- श्री यंत्र – घर में स्थापित करें और रोज जल चढ़ाएं।
- घी का दीपक तुलसी के पास जलाएं।
इन उपायों से लक्ष्मीजी आपके घर में स्थायी रूप से निवास करने लगती हैं।
पूजा के बाद क्या करें?
जब पूजा पूर्ण हो जाए, तब:
- घर के सभी सदस्य मिलकर आरती करें।
- पूजा का प्रसाद सबमें बांटें।
- लक्ष्मी जी के सामने अपनी मनोकामना या धन-संबंधी समस्या कहें।
- उस दिन दया, करुणा और सेवा के भाव रखें।
- यदि संभव हो तो किसी गरीब को भोजन कराएँ।
लक्ष्मी पूजन के चमत्कारी लाभ
यदि आप मई अमावस्या पर पूरे श्रद्धा भाव से लक्ष्मी पूजन करते हैं, तो निम्न अद्भुत लाभ मिल सकते हैं:
- रुका हुआ पैसा वापिस मिल सकता है।
- नौकरी में तरक्की के योग बन सकते हैं।
- घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है।
- नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
- जीवन में आत्मविश्वास और सकारात्मकता आती है।

पौराणिक कथाएँ और मान्यताएँ
एक कथा के अनुसार, अलक्ष्मी, जो दरिद्रता की प्रतीक मानी जाती हैं, अमावस्या की रात बाहर घूमती हैं। परंतु जिस घर में लक्ष्मी पूजन, दीपदान और शुभ कार्य किए जाते हैं, वहाँ अलक्ष्मी प्रवेश नहीं कर पाती। इसलिए यह रात धन और ऐश्वर्य के रक्षण की रात मानी जाती है।
मई की अमावस्या एक ऐसा सुनहरा अवसर है, जब आप लक्ष्मी पूजन करके अपने जीवन की वित्तीय स्थिति, पारिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति को मजबूत बना सकते हैं। यह दिन केवल पूजा का ही नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि और आभार प्रकट करने का भी अवसर है। यदि आप सही विधि से श्रद्धा पूर्वक लक्ष्मी जी का पूजन करते हैं, तो निश्चित ही आपके जीवन में धन, सौभाग्य और समृद्धि का वास होगा।
मई की अमावस्या (Amavasya in the Month of May) पर लक्ष्मी पूजन क्यों करें? FAQs
1. मई की अमावस्या (Amavasya in the Month of May) पर लक्ष्मी पूजन क्यों किया जाता है?
इस दिन की गई पूजा से लक्ष्मी जी जल्दी प्रसन्न होती हैं और धन-संपत्ति का आगमन होता है।
2. क्या अमावस्या को शुभ माना जाता है?
हालाँकि अमावस्या को सामान्यतः अशुभ कहा जाता है, पर धार्मिक साधनाओं और लक्ष्मी पूजन के लिए यह दिन बहुत शुभ होता है।
3. मई की अमावस्या पर कौन-सा मंत्र जपें?
आप “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जप करें।
4. अमावस्या पर कौन-से फूल लक्ष्मी जी को चढ़ाने चाहिए?
कमल का फूल और गेंदे के फूल लक्ष्मी जी को बहुत प्रिय होते हैं।
5. क्या इस दिन व्रत भी रखा जा सकता है?
हाँ, आप एक समय फलाहार करके लक्ष्मी जी का व्रत भी कर सकते हैं।
6. पूजा का समय कब सबसे अच्छा होता है?
शाम के समय, सूर्यास्त के बाद, दीप जलाकर पूजा करना सबसे श्रेष्ठ माना गया है।
7. क्या अमावस्या पर दीपदान करना जरूरी है?
हाँ, दीपदान करने से नकारात्मकता दूर होती है और लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं।
8. इस दिन कौन-से तांत्रिक उपाय फलदायी होते हैं?
चांदी का सिक्का, घी का दीपक, और श्री यंत्र की पूजा विशेष फल देती है।
9. क्या अमावस्या पर तर्पण करना चाहिए?
हाँ, पितृ शांति और पुण्य लाभ के लिए तर्पण करना शुभ होता है।
10. क्या घर की सफाई इस दिन आवश्यक है?
जी हाँ, साफ-सुथरा घर लक्ष्मी आगमन के लिए अनिवार्य होता है।
11. क्या कर्ज से मुक्ति के लिए यह दिन उपयोगी है?
बिल्कुल, सही विधि से पूजा करने पर ऋण मुक्ति संभव है।
12. क्या गरीबों को दान करना जरूरी है?
हाँ, इस दिन भोजन, वस्त्र या जलदान से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं।
13. क्या रात में लक्ष्मी पूजन किया जा सकता है?
हाँ, अमावस्या की रात को पूजा विशेष फलदायक होती है।
14. क्या इस दिन किसी से झगड़ा करना ठीक है?
नहीं, इस दिन मन की शुद्धता और शांति बनाए रखना जरूरी है।
15. क्या पूरे परिवार को पूजा में शामिल होना चाहिए?
हाँ, इससे सामूहिक ऊर्जा बढ़ती है और लक्ष्मी जी का कृपा सब पर होती है।