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श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप कैसे करें: एक सरल मार्गदर्शिका

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श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप कैसे करें: एक सरल मार्गदर्शिका

अलौकिक लाभों से भरपूर श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Sri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) देवी लक्ष्मी के 108 नामों का संग्रह है, जिन्हें श्रद्धा और भक्ति के साथ जपने से व्यक्ति की आर्थिक समृद्धि, मानसिक शांति, और धन-धान्य की वृद्धि होती है। यह मंत्र विशेष रूप से शुक्रवार को या दीपावली जैसे शुभ अवसरों पर जपने से अत्यधिक लाभकारी माना जाता है।

Contents

लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली में देवी लक्ष्मी के 108 दिव्य नामों का समावेश है, जो सामाजिक समृद्धि, परिवार में सुख-शांति, और व्यापार में सफलता लाने में मदद करते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप कैसे करें, इसके फायदे क्या हैं, और इस जप से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप क्यों करें?

देवी लक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। उनके 108 नामों का जप करने से न केवल धन की प्राप्ति होती है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति भी मिलती है। यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में कष्टों को दूर करने, आध्यात्मिक उन्नति करने, और घर में सुख-शांति लाने में सक्षम है।

जो व्यक्ति आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह जप विशेष रूप से लाभकारी हो सकता है। इस जप से वास्तु दोष भी दूर होते हैं और धन की प्राप्ति के नए रास्ते खुलते हैं। इसके अलावा, यह मंत्र व्यावसायिक सफलता, स्वास्थ्य लाभ, और आध्यात्मिक उन्नति में भी सहायक होता है।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप करने की विधि

1. उपयुक्त समय का चयन

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप शुक्रवार के दिन अधिक प्रभावी माना जाता है। इसके अलावा, दीपावली, अक्षय तृतीया, और नवरात्रि जैसे शुभ अवसरों पर भी इस जप का विशेष महत्व है। जप करने के लिए सुबह का समय उत्तम होता है, लेकिन इसे रात के समय भी किया जा सकता है, बशर्ते वह शांत और प्रदूषण से मुक्त वातावरण हो।

2. स्वच्छता का ध्यान रखें

जप करने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। शरीर और मन दोनों को शुद्ध करना आवश्यक है। इससे मानसिक शांति बनी रहती है और मंत्र का प्रभाव अधिक होता है। आप अपने स्थान को भी स्वच्छ रखें, ताकि वातावरण सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो।

3. जप की संख्या और विधि

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप 108 बार किया जाता है। आप इसे माला के माध्यम से जप सकते हैं, जिसमें 108 मोतियों की एक माला होती है। माला से जप करते समय हर मोती के साथ एक नाम का जप करें। अगर आपके पास माला नहीं है, तो आप मनोभाव से 108 बार जप कर सकते हैं।

4. ध्यान और मंत्र के उच्चारण की सही विधि

मंत्र का सही उच्चारण और ध्यान बहुत महत्वपूर्ण है। जप करते समय, मन में देवी लक्ष्मी का ध्यान करें और उनके चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर जप करें। इस दौरान पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का उच्चारण करें। मंत्र को ध्यानपूर्वक और स्पष्ट रूप से बोलें, जिससे उसका प्रभाव अधिक हो।

5. आचरण और उपवास

जप के दिन, आप व्रत भी रख सकते हैं। खासकर शुक्रवार के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा और जप करने से उनका आशीर्वाद जल्दी मिलता है। व्रत के दौरान सादा आहार करें और मांसाहार से परहेज करें। व्रत और पूजा के साथ श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप करने से लाभ दोगुना होता है।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप करते समय इन बातों का ध्यान रखें

1. एकाग्रता बनाए रखें

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप करते समय मन की एकाग्रता बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। अगर आप ध्यानपूर्वक और शांति से मंत्र का जप करेंगे तो इसके अच्छे परिणाम मिलेंगे। मानसिक विक्षिप्तता से बचने के लिए शांति से बैठें और एक सकारात्मक वातावरण तैयार करें।

2. देवी लक्ष्मी की पूजा

मंत्र का जप करने से पहले देवी लक्ष्मी की पूजा करें। सबसे पहले उनका अर्चन (पूजा) करें, फिर दीपक जलाएं और उन्हें फूल, अगरबत्तियां और मिष्ठान्न अर्पित करें। पूजा के बाद ही मंत्र का जप शुरू करें, ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो।

3. सकारात्मक विचारों का रखें ध्यान

पूरे जप के दौरान आपके मन में सकारात्मक विचार होना चाहिए। अच्छे विचारों से ही देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। अगर आपके मन में ईर्ष्या, द्वेष या नकारात्मक विचार आते हैं, तो यह जप का प्रभाव कम कर सकता है।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) के जप से मिलने वाले लाभ

1. धन की प्राप्ति

देवी लक्ष्मी के नामों का जप विशेष रूप से धन की प्राप्ति के लिए लाभकारी होता है। इस जप से घर में धन और ऐश्वर्य का वास होता है, और आर्थिक संकट दूर होते हैं।

2. मानसिक शांति और संतुलन

यह जप मानसिक शांति प्रदान करता है। मानसिक तनाव और चिंताओं को दूर करने के लिए यह मंत्र अत्यधिक प्रभावी है। जप के दौरान मन को शांत करने से जीवन में संतुलन आता है और आप आत्मिक शांति का अनुभव करते हैं।

3. व्यावसायिक सफलता

जो लोग व्यापार या कारोबार से संबंधित हैं, उनके लिए यह जप बहुत फायदेमंद हो सकता है। इसके जप से व्यापार में वृद्धि होती है, और नए अवसर मिलते हैं।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप कैसे करें: एक सरल मार्गदर्शिका!

4. परिवार में सुख-शांति

इस मंत्र के जप से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ मिलकर रहते हैं और सभी का स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है।

5. जीवन में सकारात्मक परिवर्तन

लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। यह आपके सामाजिक जीवन, स्वास्थ्य, और व्यक्तित्व में सुधार करता है।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप एक शक्तिशाली साधना है जो जीवन में धन-धान्य की वृद्धि, मानसिक शांति, और आध्यात्मिक उन्नति लाने में मदद करता है। इस जप के द्वारा आप देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। इसलिए इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ जपने का प्रयास करें और इसके अद्भुत लाभों का अनुभव करें।

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप कैसे करें: एक सरल मार्गदर्शिका FAQs:

1. श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) क्या है?

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली देवी लक्ष्मी के 108 नामों का एक संग्रह है, जो धन, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए जप किया जाता है।

2. श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप क्यों करना चाहिए?

यह जप देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने, आर्थिक समृद्धि, मानसिक शांति, और पारिवारिक सुख के लिए किया जाता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो धन संबंधी संकटों का सामना कर रहे हैं।

3. श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप कब करना चाहिए?

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप शुक्रवार को सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है, लेकिन इसे दीपावली, नवरात्रि और अन्य शुभ अवसरों पर भी किया जा सकता है।

4. इस मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?

इसका जप 108 बार किया जाता है। यह संख्या माला के 108 मोतियों के माध्यम से पूरी की जाती है, लेकिन माला के बिना भी इसे 108 बार मन से किया जा सकता है।

5. इस मंत्र का जप करने से क्या लाभ होता है?

इसका जप करने से व्यक्ति को धन की प्राप्ति, व्यापार में सफलता, मानसिक शांति, और परिवार में सुख मिलते हैं। साथ ही यह आध्यात्मिक उन्नति भी लाता है।

6. क्या श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप उपवास के साथ करना चाहिए?

हां, उपवास रखकर इस मंत्र का जप करने से लाभ दोगुना होता है। खासकर शुक्रवार को उपवास रखकर जप करने से देवी लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

7. क्या इस जप के दौरान ध्यान करना जरूरी है?

जी हां, इस जप के दौरान ध्यान रखना बहुत जरूरी है। मंत्र के उच्चारण और ध्यान से ही इसके प्रभाव को अधिकतम किया जा सकता है।

8. जप करते समय कौन सी बातें ध्यान में रखें?

जप करते समय सकारात्मक विचार रखें और एकाग्रता बनाए रखें। व्रत रखने से भी इसके लाभ में वृद्धि होती है।

9. क्या इस मंत्र का जप महिलाओं और पुरुषों दोनों को करना चाहिए?

जी हां, श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप किसी भी व्यक्ति, चाहे वह महिला हो या पुरुष, कर सकता है। यह हर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है।

10. क्या इस मंत्र का जप घर के किसी विशेष स्थान पर करना चाहिए?

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप शुद्ध और शांत स्थान पर किया जाना चाहिए, जहां सकारात्मक ऊर्जा का वास हो। देवी लक्ष्मी के चित्र या मूर्ति के सामने यह जप और भी प्रभावशाली होता है।

11. इस मंत्र का जप करते समय किस प्रकार की माला का उपयोग करें?

इस जप के लिए रुद्राक्ष की माला या चमड़े की माला का उपयोग किया जा सकता है। यह माला 108 मोतियों की होती है, जो जप की संख्या को आसानी से पूरा करने में मदद करती है।

12. श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?

यह जप 21 दिन तक लगातार करने से विशेष लाभ मिलता है, लेकिन यदि अधिक समय तक किया जाए, तो इसके प्रभाव में वृद्धि होती है।

13. क्या श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप बिना गुरु के किया जा सकता है?

जी हां, इस मंत्र का जप बिना गुरु के भी किया जा सकता है। हालांकि, गुरु का आशीर्वाद इस जप को और भी प्रभावशाली बना सकता है।

14. क्या इस मंत्र के जप से मानसिक शांति मिलती है?

हां, श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली का जप मानसिक शांति, तनाव कम करने और आंतरिक शांति प्राप्त करने में सहायक होता है।

15. क्या श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली (Shri Lakshmi Ashtottara Shatanamavali) का जप करने से धन संबंधी समस्याओं का समाधान होता है?

हां, इस मंत्र का जप विशेष रूप से धन संबंधित समस्याओं को दूर करने और आर्थिक समृद्धि को आकर्षित करने में सहायक होता है।

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