श्री बृहस्पति देव की आरती: (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) सम्पूर्ण विधि, महत्व और चमत्कारी लाभ

Soma
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श्री बृहस्पति देव की आरती: (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) सम्पूर्ण विधि, महत्व और चमत्कारी लाभ

श्री बृहस्पति देव की आरती: (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) सम्पूर्ण विधि, महत्व और चमत्कारी लाभ


कौन हैं श्री बृहस्पति देव?

बृहस्पति देव को देवताओं के गुरु माना जाता है और इन्हें बुद्धि, ज्ञान और धर्म का प्रतीक कहा जाता है। बृहस्पति ग्रह को नवग्रहों में सबसे शुभ माना जाता है और यह भाग्य, शिक्षा, विवाह और संतान सुख का कारक होता है। गुरुवार के दिन इनकी पूजा करने से सौभाग्य, धन और समृद्धि प्राप्त होती है। इस लेख में हम बृहस्पति देव की आरती, पूजा विधि, महत्व और लाभ के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Contents

🔶 बृहस्पति देव की आरती ( Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) का महत्व

बृहस्पति देव की आरती ( Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) करने से जीवन में आने वाली बाधाएँ दूर होती हैं और ग्रहों की अशुभता समाप्त होती है। जिनकी कुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है, उन्हें नियमित रूप से इनकी आरती करनी चाहिए। यह आरती विद्या, विवेक, और सफलता के मार्ग को प्रशस्त करती है। खासतौर पर शिक्षा, करियर और विवाह में आ रही रुकावटों को दूर करने के लिए यह अत्यंत प्रभावी मानी जाती है।

बृहस्पति देव की आरती ( Brihaspati Dev Ji Ki Aarti)

बृहस्पति देव की आरती
( Brihaspati Dev Ji Ki Aarti)

जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।
छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥


तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥


चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥


तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥


दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥


सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥


जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥

श्री बृहस्पति देव की आरती: (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) सम्पूर्ण विधि, महत्व और चमत्कारी लाभ
श्री बृहस्पति देव की आरती:! (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) सम्पूर्ण विधि, महत्व और चमत्कारी लाभ

🔶 बृहस्पति देव की पूजा विधि

बृहस्पति देव की पूजा करने के लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:


पीले वस्त्र और पीला आसन
हल्दी, चंदन, पुष्प और गुड़-चना
गाय का घी, दीपक, धूप और कुमकुम
बृहस्पति बीज मंत्र का जाप

🚩 पूजा विधि:


1️⃣ प्रातः स्नान करके स्वच्छ पीले वस्त्र धारण करें।
2️⃣ पूजन स्थल पर पीला कपड़ा बिछाकर बृहस्पति देव की प्रतिमा स्थापित करें।
3️⃣ दीपक जलाकर धूप-दीप से पूजा करें।
4️⃣ बृहस्पति देव के मंत्र का 108 बार जाप करें:
“ॐ बृं बृहस्पतये नमः”
5️⃣ गुड़-चना का भोग अर्पित करें और अंत में बृहस्पति देव की आरती करें।


🔶 श्री बृहस्पति देव की (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) आरती

🌿 ॐ जय जय बृहस्पति देवा, जय जय बृहस्पति देवा।
🌿 सुर शरण तव आए, करो कृपा हे देवा।।
🌿 जय जय बृहस्पति देवा, जय जय बृहस्पति देवा।।
🌿 गुरु गृह की महिमा न्यारी, सब संकट हरने हारी।।
🌿 विधि वचन सिखलाए, भव सागर से तारो।।
🌿 जय जय बृहस्पति देवा, जय जय बृहस्पति देवा।।

📢 इस आरती का नियमित रूप से गान करने से बृहस्पति देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।


🔶 बृहस्पति देव की आरती ( Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) करने के चमत्कारी लाभ

बुद्धि और ज्ञान की वृद्धि होती है।
शिक्षा और करियर में उन्नति प्राप्त होती है।
वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है।
संतान सुख की प्राप्ति होती है।
धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है।


🔶 बृहस्पति देव की कृपा पाने के अन्य उपाय

🔹 गुरुवार का व्रत रखें और पीले वस्त्र धारण करें।
🔹 केले के वृक्ष की पूजा करें और जल अर्पित करें।
🔹 गरीबों को चना, गुड़ और पीले वस्त्र दान करें।
🔹 हर गुरुवार बृहस्पति बीज मंत्र का जाप करें।

श्री बृहस्पति देव की आरती (Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) और पूजा से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)


1. बृहस्पति देव कौन हैं?

बृहस्पति देव देवताओं के गुरु हैं और इन्हें ज्ञान, शिक्षा, विवाह, संतान सुख और भाग्य का कारक माना जाता है।

2. बृहस्पति देव की पूजा किस दिन करनी चाहिए?

बृहस्पति देव की पूजा गुरुवार को करनी चाहिए, क्योंकि यह दिन बृहस्पति ग्रह को समर्पित होता है।

3. बृहस्पति देव की पूजा का सही समय कौन सा है?

सुबह स्नान करने के बाद और शाम के समय बृहस्पति देव की पूजा करना शुभ माना जाता है।

4. बृहस्पति देव की आरती ( Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) करने से क्या लाभ होता है?

इससे शिक्षा, करियर, विवाह और धन संबंधित समस्याएँ दूर होती हैं, और जीवन में सौभाग्य आता है।

5. बृहस्पति देव की पूजा के लिए कौन-से रंग शुभ होते हैं?

पीला रंग बृहस्पति देव का प्रिय रंग है, इसलिए पूजा में पीले वस्त्र और पीले फूल का प्रयोग करना शुभ माना जाता है।

6. बृहस्पति देव की आरती ( Brihaspati Dev Ji Ki Aarti) करने के लिए कौन-सी सामग्री चाहिए?

आरती के लिए दीपक, धूप, चंदन, हल्दी, गुड़-चना, पीले फूल और गंगा जल की आवश्यकता होती है।

7. बृहस्पति देव की कृपा पाने के लिए कौन-सा मंत्र जपना चाहिए?

“ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का 108 बार जाप करने से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त होती है।

8. बृहस्पति देव की पूजा में कौन-से खाद्य पदार्थों का भोग लगाना चाहिए?

बृहस्पति देव को गुड़, चना, बेसन के लड्डू और पीले फलों का भोग लगाना शुभ होता है।

9. क्या बृहस्पति देव की पूजा करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं?

हाँ, बृहस्पति देव की पूजा करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं और योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है।

10. बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए कौन-से उपाय किए जा सकते हैं?

गुरुवार को व्रत रखें, पीले वस्त्र पहनें, केले के वृक्ष की पूजा करें, और गरीबों को चना-गुड़ का दान करें।

11. यदि बृहस्पति ग्रह अशुभ हो तो क्या करना चाहिए?

यदि बृहस्पति ग्रह कमजोर हो तो गुरुवार का व्रत, नियमित आरती और गुरु बीज मंत्र का जाप करें।

12. क्या बृहस्पति देव की पूजा से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है?

हाँ, बृहस्पति देव की कृपा से धन और समृद्धि में वृद्धि होती है और आर्थिक परेशानियाँ दूर होती हैं।

13. क्या महिलाएँ भी बृहस्पति देव की पूजा कर सकती हैं?

हाँ, महिलाएँ भी गुरुवार के दिन बृहस्पति देव की पूजा और आरती कर सकती हैं, इससे उनका वैवाहिक जीवन सुखद होता है।

14. क्या केवल गुरुवार को ही बृहस्पति देव की आरती कर सकते हैं?

नहीं, बृहस्पति देव की आरती रोज़ की जा सकती है, लेकिन गुरुवार को विशेष रूप से करना शुभ होता है।

15. बृहस्पति देव की पूजा करते समय कौन-सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए?

पूजा करते समय काले या सफेद रंग के वस्त्र न पहनें, नमक का सेवन न करें और झूठ न बोलें। इससे पूजा का पूर्ण लाभ मिलता है।

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