हर महीने करें यह चमत्कारी व्रत: जानिए महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) की सम्पूर्ण विधि और लाभ!
महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat)की सम्पूर्ण विधि (मासिक)
महालक्ष्मी व्रत का महत्व
महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) हर महीने की अष्टमी तिथि या शुक्रवार को किया जाने वाला एक पवित्र व्रत है। यह व्रत माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने और जीवन में धन, सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा और विधि से यह व्रत करता है, उसके घर में गरीबी और दरिद्रता कभी नहीं आती।
- हर महीने करें यह चमत्कारी व्रत: जानिए महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) की सम्पूर्ण विधि और लाभ!
- महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) का पौराणिक संदर्भ
- व्रत करने का शुभ दिन और समय
- महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) की तैयारी कैसे करें?
- व्रत की सुबह की विधि
- महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) कथा का पाठ करें
- महालक्ष्मी मंत्र का जप करें
- व्रत के नियम और संयम
- पूजा के बाद आरती करें
- व्रत का पारण कैसे करें?
- व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें?
- महालक्ष्मी व्रत के लाभ
- विशेष उपाय महालक्ष्मी व्रत में
- घर में लक्ष्मी व्रत से जुड़े कुछ संकेत
- मासिक व्रत करने का विशेष लाभ
- पति-पत्नी दोनों करें व्रत तो लाभ दोगुना
- संतान प्राप्ति हेतु महालक्ष्मी व्रत
- करें नियमित रूप से व्रत और बदलें जीवन
- FAQs: महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) (मासिक)
- 1. महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) कब करें?
- 2. क्या महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं?
- 3. क्या मासिक व्रत हमेशा करना चाहिए?
- 4. व्रत में क्या खा सकते हैं?
- 5. व्रत कथा अनिवार्य है?
- 6. कौन-सा मंत्र श्रेष्ठ है?
- 7. पूजा में कौन से फूल चढ़ाएं?
- 8. प्रसाद में क्या दें?
- 9. क्या महालक्ष्मी व्रत से धन मिलता है?
- 10. क्या व्रत करने से ग्रह दोष दूर होते हैं?
- 11. क्या केवल शुक्रवार को करना पर्याप्त है?
- 12. क्या पूजा में लक्ष्मी मूर्ति जरूरी है?
- 13. क्या विशेष दीपक जलाना चाहिए?
- 14. क्या इस व्रत से संतान सुख भी मिलता है?
- 15. क्या व्रत के दिन खरीदारी कर सकते हैं?
- महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) (मासिक) से जुड़े 15 महत्वपूर्ण (FAQs ) —
- 1. महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) कब किया जाता है?
- 2. क्या यह व्रत स्त्रियां ही कर सकती हैं?
- 3. इस व्रत में क्या खाना चाहिए?
- 4. व्रत के दिन कौन-से रंग के वस्त्र पहनें?
- 5. व्रत का पारण कब और कैसे करें?
- 6. क्या महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) करने से धन की प्राप्ति होती है?
- 7. व्रत में कौन-कौन से फूल चढ़ाए जाते हैं?
- 8. क्या इस व्रत में कथा सुनना अनिवार्य है?
- 9. व्रत के दौरान क्या नियम हैं?
- 10. कौन-सा मंत्र जाप करें?
- 11. व्रत कितने समय तक करना चाहिए?
- 12. क्या इस व्रत से गृहकलह शांत होता है?
- 13. व्रत में क्या दान करना चाहिए?
- 14. क्या व्रत के दिन लक्ष्मी स्तोत्र पढ़ सकते हैं?
- 15. व्रत से क्या संकेत मिलते हैं कि लक्ष्मी प्रसन्न हैं?
महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) का पौराणिक संदर्भ
पुराणों में वर्णन मिलता है कि इस व्रत को सबसे पहले एक ब्राह्मण स्त्री ने किया था, जिससे प्रसन्न होकर महालक्ष्मी ने उसे चमत्कारी धन प्रदान किया। तभी से इस व्रत को मासिक रूप से करने की परंपरा चली आ रही है। इसे “दरिद्रता नाशक व्रत” भी कहा जाता है।
व्रत करने का शुभ दिन और समय
इस व्रत को करने का सबसे उपयुक्त दिन है –
- मासिक अष्टमी
- या प्रत्येक शुक्रवार
प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व उठकर इस व्रत की तैयारी करनी चाहिए।
महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) की तैयारी कैसे करें?
इस व्रत की तैयारी में निम्नलिखित वस्तुएं एकत्र करनी चाहिए:
- पीली या गुलाबी साड़ी (व्रती के लिए)
- लाल या पीला वस्त्र (माता लक्ष्मी की मूर्ति/चित्र के लिए)
- कमल पुष्प, चावल, हल्दी, कुंकुम
- धूप, दीप, कपूर, फल, मिठाई
- शुद्ध घी और पंचामृत
पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करके साफ करना चाहिए।
व्रत की सुबह की विधि
- प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठें।
- स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल को सजाएं और महालक्ष्मी का चित्र/मूर्ति स्थापित करें।
- उन्हें पुष्प, अक्षत, कुमकुम और सिंदूर अर्पित करें।
- पंचामृत स्नान कराकर वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
- दीपक जलाकर, सुगंधित धूप से वातावरण पवित्र करें।
महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) कथा का पाठ करें
व्रत कथा सुनना या पढ़ना अनिवार्य माना गया है। कथा में बताया गया है कि कैसे एक निर्धन स्त्री ने इस व्रत को करके असीम वैभव प्राप्त किया। कथा सुनने से व्रत का पूरा फल प्राप्त होता है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
महालक्ष्मी मंत्र का जप करें
मंत्र जप से देवी लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं। नीचे कुछ प्रभावशाली मंत्र दिए गए हैं:
👉 “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।”
👉 “ॐ लक्ष्म्यै नमः।”
108 बार जाप करना शुभ माना गया है। जप के लिए कमलगट्टे की माला का उपयोग करें।
व्रत के नियम और संयम
इस व्रत में कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है:
- व्रती को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- सात्विक भोजन ही करें, वह भी केवल एक बार।
- दिनभर मां लक्ष्मी का स्मरण करें।
- किसी से झगड़ा न करें, मौन व्रत शुभ माना गया है।
- दान करें—विशेषकर कन्याओं को वस्त्र, भोजन या पैसे देना पुण्यकारी होता है।
पूजा के बाद आरती करें
पूजा पूर्ण होने के बाद देवी लक्ष्मी की आरती करें। आरती का मंत्र है:
“जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता…”
आरती के बाद सभी घरवालों में प्रसाद वितरित करें और खुद भी ग्रहण करें।
व्रत का पारण कैसे करें?
व्रत का पारण सूर्यास्त के बाद या अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है।
- माता लक्ष्मी का पुनः पूजन करें।
- व्रत समाप्ति पर मीठा भोजन करें।
- ब्राह्मण, गाय या कन्या को भोजन कराना विशेष फलदायी है।
व्रत के दौरान क्या करें, क्या न करें?
क्या करें:
- स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- दिनभर लक्ष्मी जी के मंत्रों का जाप करें।
- घर में दीपक जलाएं और सुगंधित धूप लगाएं।
क्या न करें:
- झूठ न बोलें।
- अपवित्र वस्त्र या वातावरण में पूजा न करें।
- तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज का त्याग करें।
महालक्ष्मी व्रत के लाभ
- जीवन में आर्थिक उन्नति होती है।
- घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
- व्यवसाय में वृद्धि और कर्ज मुक्ति होती है।
- परिवार में शांति और सौहार्द्र बना रहता है।
- यह व्रत दरिद्रता और दुर्भाग्य को दूर करता है।
विशेष उपाय महालक्ष्मी व्रत में
- पूजा के समय चांदी का सिक्का माता के चरणों में रखें, फिर तिजोरी में।
- 11 कौड़ियाँ और एक कमलगट्टा रखकर पूजा करें—फिर उसे धन स्थान में रखें।
- व्रत के दिन शंख में जल भरकर माता को अर्पित करें—घर में समृद्धि बनी रहती है।

घर में लक्ष्मी व्रत से जुड़े कुछ संकेत
यदि आप व्रत कर रहे हैं और आपको निम्न संकेत मिलते हैं, तो समझें देवी लक्ष्मी प्रसन्न हैं:
- अचानक कोई रुका हुआ धन वापस मिल जाए।
- घर में कमल या पीले पुष्प खिल जाएं।
- सपने में सफेद गाय या लक्ष्मी मंदिर दिखाई दे।
- घर का वातावरण सुगंधित हो जाए।
मासिक व्रत करने का विशेष लाभ
यदि आप यह व्रत हर महीने नियमित करते हैं तो:
- आपकी कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं।
- नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
- घर में अन्न-धन की वृद्धि होती है।
- आकस्मिक धन लाभ के योग बनते हैं।
- व्यापार में तरक्की और उन्नति के द्वार खुलते हैं।
पति-पत्नी दोनों करें व्रत तो लाभ दोगुना
अगर पति-पत्नी साथ मिलकर इस व्रत को करें तो:
- वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और प्रेम बढ़ता है।
- दोनों के भाग्य खुलते हैं।
- संतान और परिवार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
संतान प्राप्ति हेतु महालक्ष्मी व्रत
यह व्रत उन स्त्रियों के लिए भी विशेष फलदायक है जो संतान की कामना करती हैं। श्रद्धा से यह व्रत करने पर माता लक्ष्मी की कृपा से संतान सुख प्राप्त होता है।
करें नियमित रूप से व्रत और बदलें जीवन
महालक्ष्मी व्रत, एक आध्यात्मिक साधना है जो जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, धन-वैभव और शुभता का संचार करती है। इसे हर महीने श्रद्धा से करने पर मां लक्ष्मी स्वयं आपके घर में वास करती हैं। इस व्रत की विधि सरल है लेकिन इसका फल अत्यंत शुभ है।
FAQs: महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) (मासिक)
1. महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) कब करें?
प्रत्येक महीने की अष्टमी तिथि या शुक्रवार को।
2. क्या महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं?
हाँ, यह व्रत दोनों कर सकते हैं।
3. क्या मासिक व्रत हमेशा करना चाहिए?
नियमित करने से अधिक शुभ फल मिलता है।
4. व्रत में क्या खा सकते हैं?
सात्विक भोजन जैसे फल, दूध, उपवास भोजन।
5. व्रत कथा अनिवार्य है?
हाँ, बिना कथा सुने व्रत अपूर्ण माना जाता है।
6. कौन-सा मंत्र श्रेष्ठ है?
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”।
7. पूजा में कौन से फूल चढ़ाएं?
कमल, गुलाब, सफेद फूल शुभ होते हैं।
8. प्रसाद में क्या दें?
मिठाई, फल, पंचामृत।
9. क्या महालक्ष्मी व्रत से धन मिलता है?
हाँ, इससे धन, वैभव और सौभाग्य प्राप्त होता है।
10. क्या व्रत करने से ग्रह दोष दूर होते हैं?
हाँ, विशेषकर शुक्र और चंद्र दोष।
11. क्या केवल शुक्रवार को करना पर्याप्त है?
हाँ, यदि समय की कमी हो तो हर शुक्रवार करें।
12. क्या पूजा में लक्ष्मी मूर्ति जरूरी है?
चित्र या प्रतिमा में से कोई एक पर्याप्त है।
13. क्या विशेष दीपक जलाना चाहिए?
गाय के घी का दीपक सबसे शुभ होता है।
14. क्या इस व्रत से संतान सुख भी मिलता है?
हाँ, बहुत शुभ फलदायी होता है।
15. क्या व्रत के दिन खरीदारी कर सकते हैं?
यदि जरूरी हो, तो शुभ वस्तुएं खरीद सकते हैं।
महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) (मासिक) से जुड़े 15 महत्वपूर्ण (FAQs ) —
1. महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) कब किया जाता है?
महालक्ष्मी व्रत को हर महीने की अष्टमी तिथि या शुक्रवार को किया जाता है, विशेषकर जब यह तिथि शुभ योग में आती है।
2. क्या यह व्रत स्त्रियां ही कर सकती हैं?
नहीं, यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। पति-पत्नी मिलकर करें तो अधिक फलदायी होता है।
3. इस व्रत में क्या खाना चाहिए?
व्रत में केवल सात्विक भोजन करें। फलाहार, दूध, खीर, साबूदाना, आलू आदि का सेवन करें।
4. व्रत के दिन कौन-से रंग के वस्त्र पहनें?
स्त्रियां लाल, पीला या गुलाबी रंग पहनें। यह माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं।
5. व्रत का पारण कब और कैसे करें?
व्रत का पारण शाम को सूर्यास्त के बाद या अगले दिन सुबह देवी को भोग अर्पण करके करें।
6. क्या महालक्ष्मी व्रत (Mahalakshmi Vrat) करने से धन की प्राप्ति होती है?
हाँ, इस व्रत से धन, वैभव, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
7. व्रत में कौन-कौन से फूल चढ़ाए जाते हैं?
कमल, गुलाब, चमेली, सफेद फूल माता लक्ष्मी को चढ़ाए जा सकते हैं।
8. क्या इस व्रत में कथा सुनना अनिवार्य है?
हाँ, महालक्ष्मी व्रत कथा सुनना या पढ़ना अनिवार्य है। बिना कथा व्रत अधूरा माना जाता है।
9. व्रत के दौरान क्या नियम हैं?
व्रत के दिन ब्रह्मचर्य, मौन, संयम, सात्विकता और पवित्रता का पालन करना चाहिए।
10. कौन-सा मंत्र जाप करें?
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
11. व्रत कितने समय तक करना चाहिए?
आप इसे हर महीने कर सकते हैं, या 16 शुक्रवार/अष्टमी तक लगातार भी किया जाता है।
12. क्या इस व्रत से गृहकलह शांत होता है?
हाँ, यह व्रत शांति, प्रेम और सुखद पारिवारिक जीवन में सहायक होता है।
13. व्रत में क्या दान करना चाहिए?
कन्याओं को वस्त्र, अनाज, मिठाई, या लक्ष्मी से जुड़ी वस्तुएं जैसे कौड़ी, कमलगट्टा आदि का दान करें।
14. क्या व्रत के दिन लक्ष्मी स्तोत्र पढ़ सकते हैं?
हाँ, लक्ष्मी अष्टकम, श्रीसूक्त और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
15. व्रत से क्या संकेत मिलते हैं कि लक्ष्मी प्रसन्न हैं?
अगर आपको सपने में सफेद कमल, गाय, या देवी लक्ष्मी का मंदिर दिखे, तो यह संकेत होते हैं कि मां लक्ष्मी प्रसन्न हैं।