लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Puja) में कौन सी धूप और दीपक करें इस्तेमाल? जानिए सही उपाय और अद्भुत लाभ!
धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की पूजा हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। जब भी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Puja) किया जाता है, तो धूप और दीपक का विशेष महत्व होता है। सही प्रकार की धूप और दीपक का उपयोग करने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। आइए सरल भाषा में विस्तार से जानें कि लक्ष्मी पूजन में किस प्रकार की धूप और दीपक का उपयोग करना चाहिए।
धूप और दीपक केवल पूजन की औपचारिकता नहीं हैं, बल्कि इनका गहरा आध्यात्मिक अर्थ होता है। धूप से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। वहीं, दीपक जलाने से घर में दिव्यता और शुद्धता आती है। लक्ष्मी जी को सुगंधित वातावरण अत्यंत प्रिय होता है, इसलिए विशेष धूप और दीपक का चयन किया जाता है।
लक्ष्मी पूजन के समय आपको प्राकृतिक सामग्री से बनी हुई धूप का उपयोग करना चाहिए। ऐसे धूप, जिनमें गुग्गुल, लोबान, चंदन, अगरबत्ती, कपूर, और जटामांसी जैसी चीज़ें मिली हों, श्रेष्ठ मानी जाती हैं। ये धूप वातावरण को शुद्ध करती हैं और देवी लक्ष्मी को आकर्षित करती हैं। ध्यान रखें कि कृत्रिम सुगंध वाली धूप का उपयोग न करें।
गुग्गुल धूप को विशेष रूप से शुभ माना गया है। यह वातावरण से दोषों को नष्ट करती है और सकारात्मकता को बढ़ाती है। लक्ष्मी पूजन में गुग्गुल धूप जलाना धन-आकर्षण के लिए अत्यंत प्रभावी माना गया है। इसे जलाने से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। पूजा के समय गुग्गुल की धूप देना एक प्राचीन परंपरा है।
लोबान धूप भी लक्ष्मी पूजन में बहुत महत्वपूर्ण है। लोबान जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। लोबान की सुगंध देवी लक्ष्मी को प्रिय मानी जाती है। अगर घर में किसी प्रकार की अशांति या वास्तु दोष हो, तो लोबान जलाने से उसे दूर किया जा सकता है।
चंदन धूप की खासियत उसकी शीतलता और पवित्रता है। चंदन की खुशबू मानसिक शांति देती है और ध्यान को गहरा बनाती है। लक्ष्मी पूजन में चंदन धूप का प्रयोग करने से मनोकामना पूर्ति में सहायता मिलती है। इससे पूजा स्थल पर एक विशेष दिव्य वातावरण बनता है जो लक्ष्मी जी को आकर्षित करता है।
अगरबत्ती का उपयोग भी लक्ष्मी पूजन में होता है, लेकिन ध्यान रहे कि वह शुद्ध हो। अगरबत्ती में कोई भी केमिकल या तेज कृत्रिम गंध नहीं होनी चाहिए। आप गुलाब, चंदन या केवड़ा जैसी प्राकृतिक खुशबू वाली अगरबत्ती का चयन करें। इससे पूजा का वातावरण सुगंधित और पवित्र रहता है।
दीपक जलाना देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। दीपक को अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर करने वाला माना गया है। दीपक जलाने से घर में ज्ञान, धन, और संपन्नता का प्रवेश होता है। सही प्रकार के दीपक का चयन करना अत्यंत आवश्यक है।
लक्ष्मी पूजन में दीपक जलाने के लिए देशी घी का दीपक सर्वोत्तम माना गया है। गाय के घी का दीपक जलाने से अत्यधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। इसके अलावा यदि संभव न हो तो सरसों के तेल या तिल के तेल का उपयोग भी किया जा सकता है। घी का दीपक विशेष रूप से धन वृद्धि और संपन्नता लाने वाला होता है।
लक्ष्मी पूजन में आप पंचमुखी दीपक या एकमुखी दीपक का उपयोग कर सकते हैं। पंचमुखी दीपक जलाने से पांचों दिशाओं में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। एकमुखी दीपक से लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। दीपक की संख्या विषम (जैसे 1, 3, 5, 7) रखनी चाहिए, यह शुभ माना जाता है।
जब भी दीपक जलाएं, ध्यान रखें कि उसकी लौ steady रहे और बुझने न पाए। पूजा के दौरान दीपक की ज्योति हमेशा पूर्व दिशा या उत्तर दिशा की ओर रहनी चाहिए। इससे घर में अखंड लक्ष्मी वास होता है। दीपक को कभी भी अचानक न बुझने दें, इससे नकारात्मकता बढ़ती है।
लक्ष्मी पूजन में धूप और दीपक जलाने का सही समय प्रदोष काल (सूर्यास्त के समय) माना गया है। इस समय देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। यदि इस काल में दीपक और धूप जलाकर पूजन किया जाए तो असीम धनलाभ संभव होता है। ध्यान दें कि सूरज ढलते ही पूजा शुरू कर दें।
शुक्रवार को देवी लक्ष्मी का विशेष दिन माना जाता है। शुक्रवार को विशेष रूप से गुग्गुल या लोबान की धूप और घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी पूजन करने से देवी लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं। शुक्रवार को अगर विशेष भक्ति भाव से धूप और दीपक अर्पित किया जाए तो धन वृद्धि सुनिश्चित होती है।
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन में विशेष ध्यान देना चाहिए। इस दिन गाय के घी का दीपक अवश्य जलाएं और गुग्गुल या लोबान की धूप का उपयोग करें। साथ ही पूरे घर में दीपक जलाएं, ताकि हर कोना रोशनी से भर जाए। इससे लक्ष्मी जी स्थायी रूप से घर में निवास करती हैं।
धूप और दीपक सही विधि से जलाने पर जीवन में कई तरह के लाभ होते हैं:
इन लाभों को प्राप्त करने के लिए नियमपूर्वक धूप और दीपक का उपयोग करें।
लक्ष्मी पूजन में सही प्रकार की धूप और दीपक का उपयोग अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल धार्मिक नियमों का पालन है, बल्कि एक ऊर्जा साधना भी है। जब आप शुद्ध भाव से प्राकृतिक धूप और घी के दीपक से लक्ष्मी पूजन करते हैं, तो देवी लक्ष्मी की कृपा आपके घर पर अनंत काल तक बनी रहती है। इसलिए अगली बार जब भी आप लक्ष्मी पूजन करें, तो इन छोटी-छोटी बातों का अवश्य ध्यान रखें और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
धूप वातावरण को शुद्ध करती है और नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मकता बढ़ाती है। इससे पूजा स्थल पवित्र बनता है और देवी लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
गुग्गुल, लोबान, चंदन, और जटामांसी से बनी प्राकृतिक धूप का उपयोग करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
अगरबत्ती में हल्की सुगंध होती है और इसे जलाना आसान होता है, जबकि धूप प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और गोंद से बनी होती है और गहरी शुद्धि करती है।
दीपक जलाने से अज्ञानता और नकारात्मकता का नाश होता है तथा घर में ज्ञान, धन और समृद्धि का प्रवेश होता है।
लक्ष्मी पूजन में गाय के घी का दीपक सर्वोत्तम है। घी के दीपक से विशेष पुण्य फल मिलता है।
पंचमुखी दीपक से पांचों दिशाओं में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और सम्पूर्ण वातावरण पवित्र होता है।
दीपक की लौ पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होनी चाहिए। यह शुभ और फलदायक माना जाता है।
दीपावली पर गुग्गुल या लोबान की धूप जलाना सबसे अच्छा रहता है, जिससे वातावरण पूरी तरह पवित्र और धनदायक बनता है।
शुक्रवार को विशेष धूप और घी का दीपक जलाने से देवी लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी समृद्धि आती है।
नहीं, पूजा में कृत्रिम सुगंध वाली धूप का प्रयोग वर्जित है। केवल प्राकृतिक और शुद्ध सामग्री से बनी धूप का ही उपयोग करें।
अगरबत्ती शुद्ध होनी चाहिए और उसमें रासायनिक गंध नहीं होनी चाहिए। गुलाब, केवड़ा या चंदन सुगंध वाली अगरबत्ती उपयुक्त है।
प्रदोष काल (सूर्यास्त के समय) धूप और दीपक जलाना सबसे शुभ होता है। इस समय देवी लक्ष्मी का पृथ्वी पर आगमन होता है।
हाँ, यदि समय कम हो तो केवल घी का दीपक जलाकर श्रद्धा भाव से पूजा की जा सकती है, लेकिन धूप भी हो तो और उत्तम रहता है।
दीपक जलाते समय “ॐ दीपज्योतिः परब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः। दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोऽस्तुते॥” मंत्र बोलना शुभ होता है।
धूप समाप्त हो जाए तो उसकी राख को किसी पवित्र स्थान पर डाल दें और दीपक का बचे हुए तेल या घी को भी साफ तरीके से निपटाएं।
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