मई के शुक्रवार (Friday) में कौन सा दिन लाएगा धनवर्षा? जानिए लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ तिथि!
मई का महीना हिन्दू धर्म में धार्मिक अनुष्ठानों और व्रत-पूजन के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने के शुक्रवार (Friday) विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं। शुक्रवार को माता लक्ष्मी का दिन माना जाता है और इस दिन विधिपूर्वक पूजन करने से धन, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इस लेख में हम जानेंगे कि मई 2025 में कौन सा शुक्रवार सबसे शुभ रहेगा लक्ष्मी पूजन के लिए, और उस दिन क्या उपाय करने चाहिए जिससे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो।
शास्त्रों के अनुसार शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को अति प्रिय है। इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन और विधिविधान से पूजा करता है, उसके जीवन से दरिद्रता दूर होती है और धन-दौलत का आगमन होता है।
व्रत रखने, सफेद वस्त्र पहनने, और सुगंधित फूलों से पूजन करने पर विशेष फल मिलता है। खासतौर से मई जैसे महीनों में जब मौसम शांत और वातावरण सात्विक होता है, तब शुक्रवार का पूजन और भी अधिक फलदायी माना जाता है।
मई 2025 में चार शुक्रवार आएंगे:
इनमें से कौन सा शुक्रवार सबसे शुभ रहेगा, यह जानने के लिए हमें पंचांग, योग, और नक्षत्र का अवलोकन करना होगा।
इस दिन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है, जो अक्षय तृतीया के समीप आती है। तृतीया तिथि को भी मंगलकारी माना जाता है और इस दिन सौभाग्य योग भी बन रहा है।
यदि आप इस दिन लक्ष्मी पूजन करते हैं, तो घर में स्थायी सुख-समृद्धि का वास होता है। इस दिन गाय के घी का दीपक जलाना और कमलगट्टा से मंत्र जाप करना विशेष फलदायी होगा।
इस दिन षष्ठी तिथि है जो कार्यों में सफलता दिलाने वाली मानी जाती है। इस शुक्रवार को सिद्ध योग बन रहा है जो किसी भी साधना या पूजा के लिए अत्यंत अनुकूल होता है।
इस दिन लक्ष्मी पूजन में सफेद कमल, खीर, और मिश्री का भोग अर्पित करने से लक्ष्मीजी अति प्रसन्न होती हैं। साथ ही, सात बार शंख बजाना भी शुभ माना जाता है।
16 मई को एकादशी है, जो व्रत और पूजा के लिए पवित्र मानी जाती है। इस दिन रवि योग बन रहा है, जिससे लक्ष्मी पूजन का फल कई गुना बढ़ जाता है।
एकादशी के दिन जल, घी और तुलसी के पत्तों से पूजा करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं, उनके घर में धनवृद्धि होती है और ऋण मुक्ति का मार्ग भी खुलता है।
इस दिन त्रयोदशी तिथि है और साथ में बन रहा है लक्ष्मी योग, जो किसी भी प्रकार की धन साधना के लिए उपयुक्त होता है।
इस दिन श्री यंत्र का पूजन करें और श्री सूक्त का पाठ करें। इसके साथ ही धन लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करना आपको विशेष लाभ देगा।
लक्ष्मी योग में की गई पूजा से तुरंत लाभ मिलता है और नवीन स्रोतों से धन प्राप्ति संभव होती है।
30 मई को अमावस्या है जो तंत्र-मंत्र और विशेष साधनाओं के लिए उपयुक्त मानी जाती है। हालांकि, इस दिन शनि ग्रह की संगति के कारण यदि पूजन विधिपूर्वक न किया जाए तो उल्टा प्रभाव भी पड़ सकता है।
यदि आप तांत्रिक लक्ष्मी साधना में रुचि रखते हैं, तो यह दिन अच्छा हो सकता है। सामान्य गृहस्थों के लिए यह दिन थोड़ा मिश्रित फलदायक हो सकता है।
पंचांग, योग और तिथि के आधार पर 23 मई 2025 का शुक्रवार सबसे अधिक शुभ माना जा रहा है।
इस दिन लक्ष्मी योग बन रहा है, जो दुर्लभ होता है और धन प्राप्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। यदि आप इस दिन श्री यंत्र, श्री सूक्त, और कमलगट्टा मंत्र के साथ पूजन करते हैं, तो आपके जीवन में धन, वैभव और सुख की वृद्धि निश्चित है।
हालांकि 23 मई 2025 को लक्ष्मी योग के कारण विशेष फल मिलेगा, परंतु अन्य शुक्रवार भी उपयुक्त हैं यदि आप नियमित रूप से साधना करते हैं।
शुक्रवार का व्रत और पूजा लगातार करने से देवी लक्ष्मी की कृपा स्थायी रूप से बनी रहती है। यह न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक और पारिवारिक सुख भी प्रदान करता है।
इनमें से कोई भी मंत्र आप 108 बार जप सकते हैं।
यदि आप मई महीने में धन लाभ, व्यापार वृद्धि, और सुख-समृद्धि की इच्छा रखते हैं, तो 23 मई 2025 का शुक्रवार आपके लिए अत्यंत शुभ है।
मई के शुक्रवार: (Friday) लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शुभ दिन FAQs:
मई 2025 में कुल 5 शुक्रवार हैं: 2 मई, 9 मई, 16 मई, 23 मई और 30 मई।
23 मई 2025 को लक्ष्मी योग बन रहा है, जो सबसे शुभ दिन है लक्ष्मी पूजन के लिए।
लक्ष्मी योग एक शुभ योग होता है जिसमें देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने की संभावना बढ़ जाती है, विशेषकर धन संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है।
हां, मई के अन्य शुक्रवार भी शुभ हैं, लेकिन 23 मई विशेष रूप से फलदायी है।
प्रदोष काल (संध्या समय) और शुभ मुहूर्त में पूजा करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
कमलगट्टा, घी का दीपक, सफेद वस्त्र, फूल, श्री यंत्र, खीर, मिश्री, और शंख मुख्य पूजन सामग्री हैं।
हां, शुक्रवार को संतोषी माता या देवी लक्ष्मी का व्रत रखना अत्यंत शुभ होता है।
“ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” यह सबसे प्रभावशाली और लोकप्रिय लक्ष्मी बीज मंत्र है।
जी हां, 23 मई को श्री यंत्र की स्थापना और पूजन अत्यंत शुभ रहेगा।
धन, सुख, शांति, ऋण मुक्ति, और घर में समृद्धि का आगमन होता है।
सफेद कमल देवी लक्ष्मी को अति प्रिय है और यह शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है।
हां, पूजन के बाद गरीबों को दान देना, विशेषकर वस्त्र और मिठाई, अत्यंत शुभ होता है।
30 मई अमावस्या तिथि है, जो तांत्रिक साधनाओं के लिए उपयुक्त है, लेकिन साधारण पूजन के लिए 23 मई अधिक शुभ है।
नहीं, कोई भी व्यक्ति, पुरुष या महिला, श्रद्धा और नियम से लक्ष्मी पूजन कर सकता है।
हां, आप घर पर ही लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं, बस दिशा और शुद्धता का ध्यान रखें।
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