लक्ष्मी जी की कृपा चाहिए जानिए ये 7 चमत्कारी फूल (7th Miraculous Flowers) जो बदल सकते हैं आपकी किस्मत!
धन, सुख और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग कई प्रकार के उपाय करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फूलों का भी विशेष महत्व होता है लक्ष्मी जी की पूजा में? सही फूल चुनने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और माँ लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि लक्ष्मी जी की पूजा में कौन-कौन से फूल सबसे शुभ माने जाते हैं, उनका महत्व क्या है और उन्हें कैसे अर्पित करें। यह लेख सरल हिंदी में है और इसमें हर बात को आसान भाषा में समझाया गया है।
कमल का फूल माँ लक्ष्मी का सबसे प्रिय फूल माना गया है। शास्त्रों में माँ लक्ष्मी को कमल पर विराजमान दिखाया गया है। यह फूल पवित्रता, समृद्धि और सौंदर्य का प्रतीक है।
कमल का फूल अर्पित करने से जीवन में धन, वैभव और सुख का आगमन होता है। शुक्रवार के दिन सफेद या गुलाबी कमल का फूल माँ लक्ष्मी को चढ़ाना अत्यंत शुभ होता है।
महत्वपूर्ण बात: अगर आपको ताजा कमल का फूल नहीं मिले, तो कमल के बीज (मकमल) या कमल के पत्ते भी अर्पित कर सकते हैं।
गुलाब का फूल अपनी सुगंध और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। लाल या गुलाबी गुलाब का फूल माँ लक्ष्मी को बहुत प्रिय होता है। यह प्रेम, भक्ति और आदर का प्रतीक है।
गुलाब का फूल चढ़ाने से पूजा में शुद्धता और सौंदर्य आता है, जिससे ध्यान और मन लगाना आसान होता है। इसे शुक्रवार की शाम दीप जलाकर माँ लक्ष्मी के सामने अर्पित करने से धन लाभ के योग बनते हैं।
ध्यान दें: गुलाब के फूल हमेशा ताजे और बिना कांटों के हों। मुरझाए हुए फूल कभी न चढ़ाएं।
गेंदे के फूल (पीले और नारंगी रंग के) देवी पूजन में विशेष स्थान रखते हैं। इनका प्रयोग दीपावली, नवरात्रि और शुक्रवार की पूजा में विशेष रूप से किया जाता है।
गेंदे के फूल पवित्रता, सौभाग्य और प्रकाश के प्रतीक हैं। इन्हें माँ लक्ष्मी को अर्पित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता और धन का संचार होता है।
टिप: गेंदे की फूलों की माला बनाकर लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र पर पहनाना बहुत शुभ माना जाता है।
चमेली के फूल अपनी भीनी-भीनी खुशबू के लिए प्रसिद्ध हैं। इन्हें लक्ष्मी जी की पूजा में चढ़ाने से मन की शांति और स्थिरता मिलती है। चमेली का फूल शुद्धता और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
चमेली के फूलों का उपयोग शुक्रवार की पूजा में करने से धन के नए स्रोत खुलते हैं और व्यापार-कारोबार में वृद्धि होती है।
अतिरिक्त उपाय: चमेली के तेल का दीपक जलाकर माँ लक्ष्मी के समक्ष रखने से भी विशेष लाभ मिलता है।
पारिजात या हरसिंगार के फूल को देवताओं का फूल कहा जाता है। यह सफेद रंग का छोटा और सुंदर फूल होता है, जिसकी खुशबू मन को भा जाती है।
पारिजात का फूल सत्कर्म, शांति और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है। इसे लक्ष्मी पूजा में चढ़ाने से घर का माहौल शांतिपूर्ण और समृद्ध बनता है। यह फूल विशेष रूप से भोर में ही गिरता है, इसलिए पूजा में इसका प्रयोग प्रातःकाल करें।
ध्यान रखें: पारिजात के फूल को तोड़ा नहीं जाता, यह जमीन पर गिरा हो तभी उठाकर अर्पित किया जाता है।
कनेर के फूल (पीले, सफेद और गुलाबी रंग में पाए जाते हैं) देवी पूजन के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इनका प्रयोग विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन और तंत्र साधना में किया जाता है।
कनेर का फूल माँ लक्ष्मी को ध्यान केंद्रित करने और मनोकामना पूर्ति हेतु अर्पित किया जाता है। यह बाधाओं को दूर करने में भी सहायक होता है।
टिप: पीले कनेर का फूल विशेष रूप से लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
सफेद अपराजिता का फूल, जिसका नाम ही बताता है कि जिसे हराया नहीं जा सकता, लक्ष्मी जी की पूजा में बहुत शुभ होता है। यह फूल विजय, सफलता और उन्नति का प्रतीक है।
अपराजिता का फूल चढ़ाने से रुके हुए काम बनते हैं, और घर में शांति और धन की वृद्धि होती है। यह फूल अत्यंत दुर्लभ होता है, लेकिन यदि उपलब्ध हो जाए तो लक्ष्मी पूजन में इसे अवश्य शामिल करें।
ध्यान दें: नीले रंग की अपराजिता का प्रयोग देवी दुर्गा के लिए किया जाता है, लेकिन लक्ष्मी जी को सफेद अपराजिता अधिक प्रिय है।
माँ लक्ष्मी की पूजा करते समय कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए:
महत्वपूर्ण: पूजा में चढ़ाए गए फूलों को बाद में कचरे में न फेंके, बल्कि उन्हें किसी पवित्र स्थान पर या तुलसी के पौधे के पास respectfully विसर्जित करें।
सिर्फ पूजा में ही नहीं, घर में ताजे फूलों की सजावट करना भी माँ लक्ष्मी को आकर्षित करता है। घर में फूलों की खुशबू और रंगीन वातावरण से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और धन-समृद्धि का वास होता है।
सुझाव: मुख्य दरवाज़े पर गेंदे या कमल की माला लगाना शुभ होता है। साथ ही पूजा स्थान को रोज़ाना फूलों से सजाएं।
जैसे कुछ फूल शुभ माने जाते हैं, वैसे ही कुछ फूल पूजा में वर्जित माने जाते हैं। जैसे:
इन फूलों से लक्ष्मी जी प्रसन्न नहीं होतीं, बल्कि इससे विपरीत फल मिलने की संभावना होती है।
अगर आप माँ लक्ष्मी को सच्चे मन से भक्ति और प्रेम से पूजना चाहते हैं, तो सही फूलों का चयन करना बेहद जरूरी है। हर फूल में एक विशेष ऊर्जा और कंपन (vibration) होती है, जो पूजा के प्रभाव को बढ़ाती है।
मंत्र के साथ फूल चढ़ाएं:
“ॐ श्रीं श्रीये नमः” – यह बीज मंत्र पढ़ते हुए फूल चढ़ाने से लक्ष्मी जी जल्दी प्रसन्न होती हैं।
माँ लक्ष्मी की पूजा में फूलों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में धन, वैभव, सुख और समृद्धि बनी रहे, तो पूजा में सही और शुभ फूलों का प्रयोग करें।
कमल, गुलाब, गेंदे, चमेली, पारिजात, कनेर और सफेद अपराजिता – ये सभी फूल न केवल लक्ष्मी जी को प्रिय हैं, बल्कि इनके माध्यम से आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी आ सकते हैं।
कमल का फूल लक्ष्मी जी का सबसे प्रिय फूल है। इसे चढ़ाने से माँ लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न होती हैं और धन-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
हाँ, गुलाब का फूल, विशेषकर लाल और गुलाबी गुलाब, लक्ष्मी जी को अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है।
गेंदे के फूल सौभाग्य और सकारात्मकता लाते हैं। लक्ष्मी पूजा में पीले और नारंगी गेंदे के फूलों का प्रयोग शुभ होता है।
पारिजात के फूल जमीन पर गिरने के बाद ही उठाकर चढ़ाए जाते हैं। इन्हें तोड़ना वर्जित है। प्रातःकाल इनका प्रयोग करना सबसे शुभ होता है।
हाँ, चमेली के फूल सुगंध और शांति के प्रतीक होते हैं। ये मन को शुद्ध करते हैं और पूजा में विशेष फल देते हैं।
कनेर का पीला फूल शुक्रवार को माँ लक्ष्मी को अर्पित करें। यह मनोकामनाएं पूरी करता है और बाधाएं दूर करता है।
जी हाँ, सफेद अपराजिता का फूल लक्ष्मी जी की पूजा में बहुत शुभ होता है। यह विजय, सफलता और धन वृद्धि का प्रतीक है।
मुरझाए, गंदे, टूटे फूल या रात में तोड़े गए फूल लक्ष्मी पूजा में नहीं चढ़ाने चाहिए। प्लास्टिक के फूल भी वर्जित हैं।
फूल चढ़ाते समय “ॐ श्रीं श्रीये नमः” मंत्र का उच्चारण करना बेहद शुभ माना जाता है। यह लक्ष्मी बीज मंत्र है।
हाँ, सही फूलों के माध्यम से माँ लक्ष्मी की साधना और भी प्रभावशाली हो जाती है। हर फूल की अपनी ऊर्जा होती है।
बिल्कुल! ताजे, सुगंधित फूलों से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, जिससे माँ लक्ष्मी का वास होता है।
प्रातःकाल सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय फूल तोड़ना श्रेष्ठ होता है। शाम के फूल या रात में तोड़े गए फूल वर्जित हैं।
नहीं, सूखे या मुरझाए फूल लक्ष्मी जी को अर्पित नहीं करने चाहिए। इससे पूजा का फल कम होता है।
हाँ, फूल चढ़ाने से पहले उन्हें गंगाजल या साफ पानी से शुद्ध करना पूजा की पवित्रता को बढ़ाता है।
जी हाँ, फूलों की माला, विशेषकर गेंदे या गुलाब की, माँ लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र पर पहनाना अत्यंत शुभ माना जाता है।
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