धनतेरस (Dhanteras) 2025 पर जरूर करें ये खास लक्ष्मी मंत्रों का जप—धन वर्षा के अद्भुत उपाय!
धनतेरस (Dhanteras) 2025: लक्ष्मी पूजन के विशेष मंत्र
क्यों महत्वपूर्ण है धनतेरस(Dhanteras) ?
धनतेरस (Dhanteras) दीपावली पर्व की शुरुआत मानी जाती है। यह दिन धन और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। वर्ष 2025 में धनतेरस 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इस दिन विशेष लक्ष्मी पूजन मंत्रों का उच्चारण करने से घर में स्थायी धन, वैभव और सुख का आगमन होता है।
धनतेरस (Dhanteras) पर पूजा का महत्व
धनतेरस का शाब्दिक अर्थ होता है—“धन की तेरस”। यह कार्तिक कृष्ण पक्ष की तेरहवीं तिथि को आता है। आयुर्वेदाचार्य धन्वंतरि का जन्म भी इसी दिन हुआ था, जिन्हें स्वास्थ्य और औषधि के देवता माना जाता है।
इस दिन सोना, चांदी, बर्तन, झाड़ू, दीपक आदि खरीदने की परंपरा है। साथ ही विशेष मंत्रों द्वारा लक्ष्मी जी को आमंत्रित किया जाता है ताकि पूरे वर्ष धन की अविरल धारा बनी रहे।
धनतेरस (Dhanteras) पर लक्ष्मी पूजन की विधि (संक्षेप में)
- शाम के समय शुभ मुहूर्त में घर की सफाई करें।
- दरवाजे और पूजा स्थान पर रंगोली बनाएं।
- लक्ष्मी जी, कुबेर जी व धन्वंतरि जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- स्नानादि कर शुद्ध होकर पीले वस्त्र धारण करें।
- दीप जलाएं और गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करें।
- विशेष मंत्रों का उच्चारण करें।
- अंत में आरती व प्रसाद वितरण करें।
लक्ष्मी पूजन के लिए आवश्यक सामग्री
- लक्ष्मी व कुबेर जी की मूर्ति या चित्र
- तांबे का कलश, नारियल, आम के पत्ते
- चावल, रोली, हल्दी, सिंदूर, गुलाब के फूल
- मिठाई (खासकर बताशा या खीर)
- दीया, घी या सरसों का तेल
- कमलगट्टा, कमल पुष्प
- पंचामृत
- लाल कपड़ा और चांदी का सिक्का
धनतेरस (Dhanteras) पर बोले जाने वाले विशेष मंत्र
अब जानते हैं वे विशेष लक्ष्मी मंत्र जिन्हें धनतेरस के दिन बोलना अत्यंत फलदायी माना गया है:
1. लक्ष्मी आवाहन मंत्र
ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्॥
इस मंत्र से लक्ष्मी जी का आवाहन कर उन्हें पूजन के लिए आमंत्रित किया जाता है।
2. श्री सूक्त मंत्र (संक्षिप्त)
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥
यह मंत्र श्री सूक्त से लिया गया है और देवी लक्ष्मी को घर में वास हेतु आमंत्रित करता है।
3. कुबेर पूजन मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
इस मंत्र से कुबेर देवता को प्रसन्न कर धन व संपत्ति की प्राप्ति हेतु प्रार्थना की जाती है।
4. लक्ष्मी बीज मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्म्यै नमः॥
यह अत्यंत शक्तिशाली बीज मंत्र है जो तुरंत प्रभाव देता है।
5. कनकधारा स्तोत्र मंत्र (मुख्य श्लोक)
अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताखिलविभूतिरपाङ्गलीला
माङ्गल्यदास्तु मम मङ्गलदेवतायाः॥
शंकराचार्य द्वारा रचित यह मंत्र लक्ष्मी को घर में स्थायी रूप से वास हेतु प्रेरित करता है।
6. दीपक पूजन मंत्र
ॐ दीपज्योतिः परं ब्रह्म दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोऽस्तुते॥
धनतेरस पर जलाए गए दीपक को यह मंत्र समर्पित किया जाता है।
मंत्र जाप की विधि
- किसी भी मंत्र का जाप 11, 21 या 108 बार करें।
- माला का प्रयोग करें (कमलगट्टे या रुद्राक्ष की)।
- दक्षिण दिशा की ओर मुख न करें।
- जाप के समय ध्यान एकाग्र रखें और मन शांत रखें।
- मंत्रों के साथ घंटा या शंख ध्वनि का प्रयोग करें।
धनतेरस (Dhanteras) के दिन करें ये विशेष उपाय
- झाड़ू खरीदकर उसे लक्ष्मी का प्रतीक मानकर पूजन करें।
- चांदी या तांबे के सिक्के खरीदकर तिजोरी में रखें।
- एक नया लाल कपड़ा लेकर उसमें चावल, हल्दी व सिक्का लपेटकर पूजा स्थान पर रखें।
- घर के मुख्य द्वार पर पाँच दीपक जलाएं, जिससे लक्ष्मी जी का आगमन होता है।
- रात को तिजोरी के पास कपूर और लौंग जलाएं।
धनतेरस (Dhanteras) से दीपावली तक – 5 दिवसीय लक्ष्मी साधना
- धनतेरस: लक्ष्मी आवाहन व कुबेर पूजन
- नरक चतुर्दशी: आत्मशुद्धि और दीपदान
- दीपावली: महालक्ष्मी पूजन व कनकधारा स्तोत्र
- गोवर्धन पूजा: कृषिसमृद्धि और गाय पूजन
- भाई दूज: भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना
हर दिन एक मंत्र विशेष रूप से लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए उपयुक्त होता है।
लक्ष्मी पूजन में करें इन बातों का ध्यान
- पूजा में केवल शुद्ध देसी घी का ही प्रयोग करें।
- तुलसी पत्र का प्रयोग लक्ष्मी पूजा में न करें।
- पूजा के समय काले या नीले कपड़े न पहनें।
- पैसों की गिनती या तिजोरी खुलना इस समय शुभ नहीं माना जाता।
- पूजा के बाद दीपकों को पूरे घर में रखें ताकि अंधकार दूर हो और लक्ष्मी का वास हो।

धनतेरस (Dhanteras) पर लक्ष्मी जी को प्रिय वस्तुएं
वस्तु | उपयोग |
---|---|
कमल का फूल | पूजन में समर्पित करें |
कमलगट्टा | मंत्र जाप में प्रयोग करें |
बताशे | नैवेद्य के रूप में |
चांदी का सिक्का | लक्ष्मी का प्रतीक |
घी का दीपक | पवित्रता का प्रतीक |
धनतेरस (Dhanteras) पर घर में लक्ष्मी आने के संकेत
- घर में अचानक सुगंध का अनुभव होना।
- पूजा के समय दीपक की लौ स्थिर और तेज हो।
- कमल का सपना देखना।
- पूजा के बाद घर में मधुर ध्वनि सुनाई देना।
- चिड़ियों या गाय का घर के पास आना।
धनतेरस 2025 पर यदि श्रद्धा और विधिपूर्वक विशेष लक्ष्मी मंत्रों का उच्चारण किया जाए, तो जीवन में धन, सुख, वैभव और सद्भावना का स्थायी वास होता है। यह दिन न केवल खरीदारी का है, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर एक सिद्ध योग है।
धनतेरस (Dhanteras) 2025 पर जरूर करें ये खास लक्ष्मी मंत्रों का जप—धन वर्षा के अद्भुत उपाय! FAQS
1. धनतेरस (Dhanteras) 2025 में कब मनाई जाएगी?
उत्तर: धनतेरस 2025 में 20 अक्टूबर (सोमवार) को मनाई जाएगी।
2. धनतेरस (Dhanteras) पर लक्ष्मी पूजन क्यों किया जाता है?
उत्तर: धनतेरस पर लक्ष्मी पूजन करने से धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। यह दीपावली की शुरुआत का दिन होता है।
3. लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
उत्तर: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद…” बीज मंत्र को सबसे शक्तिशाली माना गया है।
4. क्या धनतेरस (Dhanteras) पर कुबेर देवता की भी पूजा होती है?
उत्तर: हां, कुबेर देवता धन के अधिपति हैं और उनकी पूजा लक्ष्मी पूजन के साथ की जाती है।
5. कौन-कौन सी वस्तुएँ लक्ष्मी जी को प्रिय हैं?
उत्तर: कमल का फूल, कमलगट्टा, बताशे, चांदी के सिक्के और घी के दीपक लक्ष्मी जी को प्रिय हैं।
6. धनतेरस (Dhanteras) पर कौन-सा मंत्र लक्ष्मी के स्वागत हेतु बोला जाता है?
उत्तर: “ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे, विष्णुपत्न्यै च धीमहि…” आवाहन मंत्र लक्ष्मी जी को आमंत्रित करने हेतु बोला जाता है।
7. क्या झाड़ू खरीदना धनतेरस पर शुभ माना जाता है?
उत्तर: हां, झाड़ू दरिद्रता दूर करने वाली मानी जाती है। इसे लक्ष्मी का प्रतीक मानकर पूजन करें।
8. धनतेरस (Dhanteras) पर दीपक जलाने का क्या महत्व है?
उत्तर: दीपक अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। यह लक्ष्मी को आकर्षित करता है।
9. क्या श्रीसूक्त का पाठ धनतेरस पर किया जा सकता है?
उत्तर: हां, श्रीसूक्त का पाठ लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है और इसे धनतेरस पर अवश्य करना चाहिए।
10. लक्ष्मी पूजन के दौरान किस दिशा में मुख रखना चाहिए?
उत्तर: पूजन करते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करना शुभ होता है।
11. क्या तुलसी पत्र का प्रयोग लक्ष्मी पूजन में किया जाता है?
उत्तर: नहीं, लक्ष्मी पूजन में तुलसी पत्र वर्जित माना जाता है।
12. धनतेरस (Dhanteras) पर मंत्र कितनी बार जपना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का जाप 11, 21 या 108 बार करना श्रेष्ठ होता है।
13. क्या कनकधारा स्तोत्र का पाठ धनतेरस पर लाभदायक होता है?
उत्तर: हां, कनकधारा स्तोत्र का पाठ अकस्मात धन लाभ दिलाने वाला माना जाता है।
14. क्या केवल खरीदारी करने से लक्ष्मी आती हैं?
उत्तर: नहीं, साथ में श्रद्धा से मंत्र जाप, दीपदान और पूजन भी आवश्यक होता है।
15. क्या धनतेरस (Dhanteras) से लक्ष्मी साधना शुरू की जा सकती है?
उत्तर: बिल्कुल! धनतेरस से शुरू की गई पंचदिवसीय लक्ष्मी साधना अत्यंत फलदायक होती है।