वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025: व्रत कथा, पूजा विधि और चमत्कारी लाभ!

Soma
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वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025: व्रत कथा, पूजा विधि और चमत्कारी लाभ!


वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025: व्रत कथा, पूजा विधि और चमत्कारी लाभ!


वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025: व्रत कथा और पूजा विधि

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह एकादशी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष में आती है और इसे पापनाशिनी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार वामन की पूजा की जाती है।

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हिंदू शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति वरुथिनी एकादशी का व्रत रखता है, उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और जीवन के सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं। यह एकादशी पापों से मुक्ति, मोक्ष प्राप्ति और समृद्धि का द्वार खोलती है। इस दिन की पूजा और व्रत विधि का सही पालन करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है।

इस लेख में हम आपको वरुथिनी एकादशी 2025 की तिथि, महत्व, व्रत कथा, पूजा विधि और इससे जुड़े प्रमुख लाभों के बारे में विस्तार से बताएंगे। यदि आप इस एकादशी का व्रत रखते हैं, तो आपको इसके चमत्कारी परिणाम अवश्य मिलेंगे।


🌿 वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

वरुथिनी एकादशी 2025 में 27 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा:

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 26 अप्रैल 2025 को रात्रि 10:10 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 27 अप्रैल 2025 को रात्रि 08:40 बजे
  • पारण (व्रत खोलने का समय): 28 अप्रैल 2025 को प्रातः 06:00 से 08:30 बजे तक

शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि में करना आवश्यक होता है। इसलिए, पारण समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए


🌟 वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। वरुथिनी एकादशी को पापनाशिनी और मोक्षदायिनी माना जाता है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति के पिछले जन्म और इस जन्म के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

शास्त्रों में वर्णन है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को राजयोग, समृद्धि, उत्तम स्वास्थ्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जो व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से करता है, उसे अशुभ घटनाओं से रक्षा मिलती है।

भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि इस एकादशी का व्रत करने से मनुष्य को हजारों वर्ष की तपस्या के बराबर पुण्य मिलता है। यह व्रत पापी, अपराधी, दुखी और कष्टों से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए विशेष फलदायी होता है।


📜 वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) की पौराणिक व्रत कथा

पुराणों के अनुसार, एक समय पृथ्वी पर राजा मंदाता राज्य करते थे। वे बहुत दयालु और धर्मपरायण थे, लेकिन अचानक उनके जीवन में भयंकर कष्ट आ गए। एक दिन, वे जंगल में तपस्या कर रहे थे, तभी एक जंगली भालू आया और उनका एक पैर काटकर खा गया

राजा मंदाता बहुत दुखी हुए और भगवान विष्णु से प्रार्थना करने लगे। तब भगवान विष्णु ने उन्हें वरुथिनी एकादशी का व्रत करने का सुझाव दिया। राजा ने इस व्रत को पूरी श्रद्धा के साथ किया और कुछ ही समय में उनका पैर पुनः ठीक हो गया

इस कथा से यह स्पष्ट होता है कि वरुथिनी एकादशी का व्रत हर प्रकार के संकट और दुखों को समाप्त करने की शक्ति रखता है


🛕 वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) व्रत और पूजा विधि

📌 व्रत के नियम:

  1. व्रत की पूर्व संध्या पर सात्विक भोजन करें और बुरे विचारों से दूर रहें।
  2. व्रत के दिन प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने व्रत संकल्प लें
  3. दिनभर निर्जला या फलाहार व्रत रखें। यदि स्वास्थ्य ठीक न हो, तो फल और दूध का सेवन कर सकते हैं।
  4. ब्रह्मचर्य का पालन करें और नकारात्मक कार्यों से दूर रहें
  5. पूरे दिन भगवान विष्णु के मंत्र और भजन गाएं।

📌 पूजा विधि:

  1. प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें
  2. भगवान विष्णु का पंचामृत से अभिषेक करें
  3. भगवान को फूल, चंदन, तुलसी, फल और मिठाई अर्पित करें।
  4. “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
  5. श्रीमद्भगवद गीता और एकादशी महात्म्य का पाठ करें
  6. जरूरतमंदों को दान करें, विशेषकर गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन कराएं
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025: व्रत कथा, पूजा विधि और चमत्कारी लाभ!
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025: व्रत कथा, पूजा विधि और चमत्कारी लाभ!

💰 वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) व्रत के चमत्कारी लाभ

1️⃣ पापों से मुक्ति

इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने सभी पापों से मुक्त हो जाता है और उसका जीवन पवित्र और मंगलमय बन जाता है।

2️⃣ स्वास्थ्य लाभ

जो लोग शारीरिक कष्ट और बीमारियों से परेशान रहते हैं, उन्हें यह व्रत करने से स्वास्थ्य में सुधार मिलता है।

3️⃣ आर्थिक समृद्धि

यह व्रत धन, वैभव और सुख-समृद्धि में वृद्धि करता है और जीवन में नए अवसर लाता है।

4️⃣ मानसिक शांति

वरुथिनी एकादशी व्रत करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

5️⃣ मोक्ष प्राप्ति

जो व्यक्ति यह व्रत करता है, वह मृत्यु के बाद भगवान विष्णु के परमधाम में स्थान प्राप्त करता है।


वरुथिनी एकादशी 2025 एक अत्यंत पुण्यदायी और चमत्कारी व्रत है। इसे करने से जीवन में धन, स्वास्थ्य, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु की कृपा से सभी दुख और संकट समाप्त हो जाते हैं।

यदि आप भी जीवन में सुख, शांति और उन्नति चाहते हैं, तो इस एकादशी व्रत को श्रद्धा और नियमपूर्वक करें। इससे आपको अवश्य मनोवांछित फल प्राप्त होंगे

वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) 2025 कब मनाई जाएगी?

वरुथिनी एकादशी 2025 में 27 अप्रैल, रविवार को मनाई जाएगी।

2. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का क्या महत्व है?

यह एकादशी पापों से मुक्ति, मोक्ष प्राप्ति और समृद्धि के लिए विशेष मानी जाती है।

3. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत कौन-कौन रख सकता है?

कोई भी व्यक्ति, स्त्री, पुरुष, बच्चे और वृद्ध, यह व्रत रख सकते हैं।

4. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) पर किन भगवान की पूजा की जाती है?

इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है।

5. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) का व्रत कैसे किया जाता है?

व्रत में निर्जला उपवास या फलाहार किया जाता है और भगवान विष्णु की आराधना की जाती है।

6. क्या इस व्रत में जल ग्रहण किया जा सकता है?

यदि कोई कठिन व्रत कर सकता है, तो निर्जला व्रत करना श्रेष्ठ माना जाता है, अन्यथा फलाहार ले सकते हैं।

7. वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) की व्रत कथा क्या है?

राजा मंदाता ने यह व्रत कर अपने कटे हुए पैर को पुनः प्राप्त किया था।

8. इस दिन क्या नहीं करना चाहिए?

मांस, शराब, झूठ, वाद-विवाद और गलत कार्यों से दूर रहना चाहिए।

9. क्या वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi) के दिन चावल खाना वर्जित है?

हाँ, शास्त्रों के अनुसार, एकादशी पर चावल का सेवन नहीं करना चाहिए

10. इस दिन कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करना उत्तम माना जाता है।

11. वरुथिनी एकादशी का पारण कब करना चाहिए?

28 अप्रैल 2025 को प्रातः 06:00 से 08:30 बजे के बीच व्रत का पारण करें।

12. वरुथिनी एकादशी पर कौन से दान करने चाहिए?

इस दिन अन्न, वस्त्र, धन, गाय, और जरूरतमंदों को भोजन दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

13. वरुथिनी एकादशी से क्या लाभ होते हैं?

यह व्रत करने से पापों का नाश, आर्थिक समृद्धि, स्वास्थ्य लाभ और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

14. यदि कोई व्रत न रख सके तो क्या करे?

यदि व्रत न रख सकें तो भगवान विष्णु की पूजा करें, व्रत कथा सुनें और दान करें

15. वरुथिनी एकादशी और अन्य एकादशियों में क्या अंतर है?

इस एकादशी का मुख्य उद्देश्य कष्टों का नाश और मनोकामना पूर्ति है, जबकि अन्य एकादशियों के अलग-अलग महत्व होते हैं।

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