धन, समृद्धि और सुख का रहस्य: श्री सूक्त का मूल मंत्र (Sri Suktam Ka Mool Mantra) और उसका दिव्य प्रभाव
श्री सूक्त (Sri Suktam) हिंदू धर्म का एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है, जो विशेष रूप से माँ लक्ष्मी को समर्पित है। यह ऋग्वेद में वर्णित एक महत्वपूर्ण वैदिक मंत्र संग्रह है, जिसे पढ़ने और सुनने से धन, ऐश्वर्य, सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस लेख में हम श्री सूक्त के मूल मंत्र, (Sri Suktam Ka Mool Mantra) उनके अर्थ, प्रभाव और विधि पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
🔱 श्री सूक्त (Sri Suktam) क्या है?
श्री सूक्त वैदिक ग्रंथों में वर्णित माँ लक्ष्मी की स्तुति है। इसमें कुल 15 श्लोक हैं, जिनमें 16 मंत्रों का समूह शामिल है। यह मंत्र यजुर्वेद और ऋग्वेद में मिलता है। इसे पढ़ने से आर्थिक तंगी दूर होती है, व्यापार में वृद्धि होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
श्री सूक्त (Sri Suktam) का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और सभी प्रकार की विघ्न-बाधाएँ दूर होती हैं। यह धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे प्रभावशाली उपाय माना जाता है।
📜 श्री सूक्त का मूल मंत्र (Sri Suktam Ka Mool Mantra)
श्री सूक्त (Sri Suktam) में कई महत्वपूर्ण मंत्र हैं, लेकिन इसका मुख्य बीज मंत्र निम्नलिखित है:
श्री सूक्त का मूल मंत्र
(Sri Suktam Ka Mool Mantra)
ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह।।

अर्थ: हे अग्निदेव! आप स्वर्ण के समान चमकने वाली, हिरण के समान कोमल, चाँद के समान सौम्य और सोने-चाँदी के आभूषण धारण करने वाली देवी लक्ष्मी को मेरे घर में बुलाइए।
इस मंत्र का नियमित जाप करने से धन, ऐश्वर्य, समृद्धि, मानसिक शांति और उन्नति की प्राप्ति होती है।
🕉 श्री सूक्त (Sri Suktam) का महत्व
श्री सूक्त (Sri Suktam) न केवल धन की प्राप्ति के लिए, बल्कि मन की शुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस स्तोत्र का पाठ करने से:
- धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
- नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता समाप्त होती है।
- व्यापार और नौकरी में सफलता मिलती है।
- ग्रह दोषों और शनि की महादशा का निवारण होता है।
- मानसिक शांति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति होती है।
यदि कोई व्यक्ति निरंतर आर्थिक संकट से जूझ रहा है, तो उसे प्रतिदिन श्री सूक्त का पाठ अवश्य करना चाहिए।
🌸 श्री सूक्त (Sri Suktam) का पाठ करने की विधि
श्री सूक्त का सही तरीके से पाठ करने से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। सही विधि इस प्रकार है:
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएँ।
- कमल या गुलाब का फूल चढ़ाएँ।
- श्री सूक्त का पाठ शुद्ध मन से करें।
- कपूर और घी का दीप जलाकर आरती करें।
- मन में धन, समृद्धि और सफलता की कामना करें।
इस प्रक्रिया को प्रत्येक शुक्रवार या दीपावली के दिन करने से विशेष लाभ होता है।
📢 श्री सूक्त (Sri Suktam) के चमत्कारी लाभ
1️⃣ धन और ऐश्वर्य में वृद्धि
श्री सूक्त सीधे धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने का उपाय है। इसका पाठ करने से घर में धन की कमी नहीं रहती और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
2️⃣ व्यापार और नौकरी में सफलता
यदि कोई व्यक्ति व्यापार में नुकसान या नौकरी में समस्याओं से परेशान है, तो उसे श्री सूक्त का पाठ नित्य करना चाहिए। इससे सफलता की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं।
3️⃣ पारिवारिक कलह से मुक्ति
घर में यदि विवाद, तनाव या कलह हो, तो श्री सूक्त का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार में शांति और प्रेम बढ़ता है।
4️⃣ वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
श्री सूक्त का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में सकारात्मकता और सौभाग्य का प्रवेश होता है।
5️⃣ ग्रह दोषों का निवारण
शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभावों को दूर करने के लिए श्री सूक्त अत्यधिक प्रभावी माना जाता है। शनिवार को इसका पाठ करने से शनि दोष का निवारण होता है।
💡 श्री सूक्त (Sri Suktam) का जाप करने के नियम
श्री सूक्त का प्रभाव तभी अधिक होता है जब इसे सही नियमों से पढ़ा जाए।
✅ स्नान के बाद स्वच्छ मन से पाठ करें।
✅ शुद्ध उच्चारण में मंत्र पढ़ें।
✅ कमल के फूल या गुलाब का फूल लक्ष्मी जी को अर्पित करें।
✅ गाय के घी का दीपक जलाएँ।
✅ शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से पाठ करें।
इन नियमों का पालन करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है।
🙏 श्री सूक्त (Sri Suktam) से संबंधित विशेष उपाय
- श्री सूक्त का पाठ शुक्रवार को 11 या 21 बार करने से धन की देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
- श्री सूक्त का पाठ करते समय कमल गट्टे की माला का प्रयोग करें।
- यदि व्यापार में हानि हो रही हो, तो श्री सूक्त का पाठ 40 दिन तक नित्य करें।
- दीपावली की रात श्री सूक्त के साथ कनकधारा स्तोत्र का पाठ करने से अक्षय धन की प्राप्ति होती है।
- गाय के घी का दीपक जलाकर पाठ करने से देवी लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
श्री सूक्त (Sri Suktam) का पाठ क्यों करें?
यदि आप धन, सुख, समृद्धि और मानसिक शांति चाहते हैं, तो श्री सूक्त का नियमित पाठ करें। यह वैदिक मंत्र जीवन में ऐश्वर्य, सफलता और सौभाग्य लेकर आता है।
🔹 घर में धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
🔹 सभी प्रकार की बाधाएँ समाप्त होती हैं।
🔹 व्यापार और नौकरी में उन्नति होती है।
🔹 घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
🔱 श्री सूक्त (Sri Suktam) से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और जवाब
1️⃣ श्री सूक्त क्या है?
श्री सूक्त एक वैदिक स्तोत्र है, जो ऋग्वेद में मिलता है और माँ लक्ष्मी की स्तुति के लिए गाया जाता है। इसका पाठ करने से धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
2️⃣ श्री सूक्त में कितने श्लोक होते हैं?
इसमें 15 श्लोक और 16 मंत्रों का समूह होता है, जो देवी लक्ष्मी की महिमा, गुणों और कृपा का वर्णन करता है।
3️⃣ श्री सूक्त का मूल मंत्र (Sri Suktam Ka Mool Mantra) क्या है?
“ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह।।”
इस मंत्र का जप करने से धन, ऐश्वर्य और सौभाग्य प्राप्त होता है।
4️⃣ श्री सूक्त का पाठ कब करना चाहिए?
इसका पाठ शुक्रवार, पूर्णिमा और दीपावली के दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। लेकिन इसे प्रतिदिन सुबह या शाम भी पढ़ सकते हैं।
5️⃣ श्री सूक्त का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
✔ धन की कमी दूर होती है।
✔ व्यापार और नौकरी में सफलता मिलती है।
✔ घर में सुख-शांति बनी रहती है।
✔ वास्तु दोष और ग्रह दोष खत्म होते हैं।
6️⃣ श्री सूक्त का जाप कितनी बार करना चाहिए?
श्री सूक्त का 11, 21 या 108 बार जाप करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है।
7️⃣ क्या श्री सूक्त से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है?
हाँ, श्री सूक्त का नियमित पाठ करने से दरिद्रता दूर होती है और घर में धन-संपत्ति बढ़ती है।
8️⃣ श्री सूक्त का पाठ कैसे करें?
✅ स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
✅ माँ लक्ष्मी के चित्र के सामने दीपक जलाएँ।
✅ कमल या गुलाब का फूल चढ़ाएँ।
✅ शुद्ध उच्चारण में पाठ करें।
9️⃣ श्री सूक्त पाठ करने के नियम क्या हैं?
✔ शुद्ध उच्चारण करें।
✔ कमल गट्टे की माला का प्रयोग करें।
✔ गाय के घी का दीपक जलाएँ।
✔ एकांत स्थान पर बैठकर जाप करें।
🔟 क्या श्री सूक्त से व्यापार में लाभ मिलता है?
हाँ, यदि किसी को व्यापार में नुकसान हो रहा हो, तो 40 दिन तक श्री सूक्त का पाठ करने से धन लाभ और सफलता मिलती है।
1️⃣1️⃣ श्री सूक्त का पाठ कौन कर सकता है?
कोई भी स्त्री या पुरुष श्री सूक्त का पाठ कर सकता है, लेकिन मन और शरीर की शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है।
1️⃣2️⃣ क्या श्री सूक्त के साथ कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए?
हाँ, यदि आप अधिक धन और समृद्धि चाहते हैं, तो श्री सूक्त के साथ कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।
1️⃣3️⃣ श्री सूक्त का पाठ करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
🔹 सुबह सूर्योदय के समय या
🔹 शाम को माँ लक्ष्मी की आरती के साथ
1️⃣4️⃣ क्या श्री सूक्त सभी मनोकामनाएँ पूरी कर सकता है?
हाँ, यदि इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ पढ़ा जाए, तो धन, सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
1️⃣5️⃣ क्या श्री सूक्त से वास्तु दोष भी दूर हो सकता है?
हाँ, श्री सूक्त के नियमित पाठ से घर और व्यापार स्थल का वास्तु दोष समाप्त हो जाता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।