श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra): जानिए कैसे इस साधारण मंत्र से मिलेगी अनोखी शक्ति और सुरक्षा!

Soma
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"श्रीराम रक्षा स्तोत्र: जानिए कैसे इस साधारण मंत्र से मिलेगी अनोखी शक्ति और सुरक्षा!"


श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra): जानिए कैसे इस साधारण मंत्र से मिलेगी अनोखी शक्ति और सुरक्षा!


श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का महत्व और इतिहास

श्रीराम रक्षा स्तोत्र एक प्रसिद्ध हिंदू मंत्र है, जिसे भगवान श्रीराम की रक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पाठ किया जाता है। यह स्तोत्र भगवान राम की महिमा का वर्णन करता है और भक्तों से उन्हें अपनी रक्षा करने के लिए प्रार्थना करता है। इस स्तोत्र का श्रवण या पाठ करने से भक्तों को मानसिक शांति, सुख-समृद्धि, और हर प्रकार की मुसीबतों से बचाव मिलता है। श्रीराम रक्षा स्तोत्र का इतिहास बहुत पुराना है और इसे भगवान राम के परम भक्त महर्षि वाल्मीकि ने रचा था। यह मंत्र रामायण के समय से जुड़ा हुआ है और राम के प्रति भक्तों की भक्ति को दर्शाता है।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra):

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra)

चरितं रघुनाथस्य शतकोटि प्रविस्तरम् ।
एकैकमक्षरं पुंसां महापातकनाशनम् ॥1॥

ध्यात्वा नीलोत्पलश्यामं रामं राजीवलोचनम् ।
जानकीलक्ष्मणोपेतं जटामुकुटमण्डितं ॥2॥

सासितूणधनुर्बाणपाणिं नक्तंचरान्तकम् ।
स्वलीलया जगत्त्रातुमाविर्भूतमजं विभुम् ॥3॥

रामरक्षां पठेत प्राज्ञः पापघ्नीं सर्वकामदाम् ।
शिरो मे राघवः पातु भालं दशरथात्मजः ॥4॥

कौसल्येयो दृशो पातु विश्वामित्रप्रियः श्रुति ।
घ्राणं पातु मखत्राता मुखं सौमित्रिवत्सलः ॥5॥

जिह्वां विद्यानिधिः पातु कण्ठं भरतवन्दितः ।
स्कन्धौ दिव्यायुधः पातु भुजौ भग्नेशकार्मुकः ॥6॥

करौ सीतापतिः पातु हृदयं जामदग्न्यजित ।
मध्यं पातु खरध्वंसी नाभिं जाम्बवदाश्रयः ॥7॥

सुग्रीवेशः कटी पातु सक्थिनी हनुमत्प्रभुः ।
उरु रघूत्तमः पातु रक्षःकुलविनाशकृताः ॥8॥

जानुनी सेतुकृत पातु जंघे दशमुखांतकः ।
पादौ विभीषणश्रीदः पातु रामअखिलं वपुः ॥9॥

एतां रामबलोपेतां रक्षां यः सुकृति पठेत ।
स चिरायुः सुखी पुत्री विजयी विनयी भवेत् ॥10॥

पातालभूतल व्योम चारिणश्छद्मचारिणः ।
न द्रष्टुमपि शक्तास्ते रक्षितं रामनामभिः ॥11॥

रामेति रामभद्रेति रामचंद्रेति वा स्मरन ।
नरौ न लिप्यते पापैर्भुक्तिं मुक्तिं च विन्दति ॥12॥

जगज्जैत्रैकमन्त्रेण रामनाम्नाभिरक्षितम् ।
यः कण्ठे धारयेत्तस्य करस्थाः सर्वसिद्धयः ॥13॥

वज्रपञ्जरनामेदं यो रामकवचं स्मरेत ।
अव्याहताज्ञाः सर्वत्र लभते जयमंगलम् ॥14॥

आदिष्टवान् यथा स्वप्ने रामरक्षामिमां हरः ।
तथा लिखितवान् प्रातः प्रबुद्धो बुधकौशिकः ॥15॥

आरामः कल्पवृक्षाणां विरामः सकलापदाम् ।
अभिरामस्त्रिलोकानां रामः श्रीमान स नः प्रभुः ॥16॥

तरुणौ रूपसम्पन्नौ सुकुमारौ महाबलौ ।
पुण्डरीकविशालाक्षौ चीरकृष्णाजिनाम्बरौ ॥17॥

फलमूलाशिनौ दान्तौ तापसौ ब्रह्मचारिणौ ।
पुत्रौ दशरथस्यैतौ भ्रातरौ रामलक्ष्मणौ ॥18॥

शरण्यौ सर्वसत्वानां श्रेष्ठौ सर्वधनुष्मताम् ।
रक्षःकुलनिहन्तारौ त्रायेतां नो रघूत्तमौ ॥19॥

आत्तसज्जधनुषाविषुस्पृशा वक्ष याशुगनिषङ्गसङ्गिनौ ।
रक्षणाय मम रामलक्ष्मणावग्रतः पथि सदैव गच्छताम ॥20॥

सन्नद्धः कवची खड्गी चापबाणधरो युवा ।
गच्छन् मनोरथान नश्च रामः पातु सलक्ष्मणः ॥21॥

रामो दाशरथी शूरो लक्ष्मणानुचरो बली ।
काकुत्स्थः पुरुषः पूर्णः कौसल्येयो रघूत्तमः ॥22॥

वेदान्तवेद्यो यज्ञेशः पुराणपुरुषोत्तमः ।
जानकीवल्लभः श्रीमानप्रमेयपराक्रमः ॥23॥

इत्येतानि जपन नित्यं मद्भक्तः श्रद्धयान्वितः ।
अश्वमेधाधिकं पुण्यं सम्प्राप्नोति न संशयः ॥24॥

रामं दुर्वादलश्यामं पद्माक्षं पीतवाससम ।
स्तुवन्ति नामभिर्दिव्यैर्न ते संसारिणो नरः ॥25॥

रामं लक्ष्मणपूर्वजं रघुवरं सीतापतिं सुन्दरं,
काकुत्स्थं करुणार्णवं गुणनिधिं विप्रप्रियं धार्मिकम ।
राजेन्द्रं सत्यसंधं दशरथतनयं श्यामलं शांतमूर्तिं,
वन्दे लोकाभिरामं रघुकुलतिलकं राघवं रावणारिम ॥26॥

रामाय रामभद्राय रामचंद्राय वेधसे ।
रघुनाथाय नाथाय सीतायाः पतये नमः ॥27॥

श्रीराम राम रघुनन्दनराम राम,
श्रीराम राम भरताग्रज राम राम ।
श्रीराम राम रणकर्कश राम राम,
श्रीराम राम शरणं भव राम राम ॥28॥

श्रीराम चन्द्रचरणौ मनसा स्मरामि,
श्रीराम चंद्रचरणौ वचसा गृणामि ।
श्रीराम चन्द्रचरणौ शिरसा नमामि,
श्रीराम चन्द्रचरणौ शरणं प्रपद्ये ॥29॥

माता रामो मत्पिता रामचंन्द्र: ।
स्वामी रामो मत्सखा रामचंद्र: ।
सर्वस्वं मे रामचन्द्रो दयालु ।
नान्यं जाने नैव जाने न जाने ॥

दक्षिणे लक्ष्मणो यस्य वामे च जनकात्मज ।
पुरतो मारुतिर्यस्य तं वन्दे रघुनन्दनम् ॥31॥

लोकाभिरामं रणरंगधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथं ।
कारुण्यरूपं करुणाकरं तं श्रीरामचन्द्रं शरणं प्रपद्ये ॥32॥

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये ॥33॥

कूजन्तं रामरामेति मधुरं मधुराक्षरम ।
आरुह्य कविताशाखां वन्दे वाल्मीकिकोकिलम ॥34॥

आपदामपहर्तारं दातारं सर्वसम्पदाम् ।
लोकाभिरामं श्रीरामं भूयो भूयो नमाम्यहम् ॥35॥

भर्जनं भवबीजानामर्जनं सुखसम्पदाम् ।
तर्जनं यमदूतानां रामरामेति गर्जनम् ॥36॥

रामो राजमणिः सदा विजयते,
रामं रमेशं भजे रामेणाभिहता,
निशाचरचमू रामाय तस्मै नमः ।
रामान्नास्ति परायणं परतरं,
रामस्य दासोस्म्यहं रामे चित्तलयः,
सदा भवतु मे भो राम मामुद्धराः ॥37॥

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।
सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ॥38॥

"श्रीराम रक्षा स्तोत्र: जानिए कैसे इस साधारण मंत्र से मिलेगी अनोखी शक्ति और सुरक्षा!"
श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra): जानिए कैसे इस साधारण मंत्र से मिलेगी अनोखी शक्ति और सुरक्षा!

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ क्यों करना चाहिए?

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक शांति मिलती है। यह स्तोत्र हर प्रकार की नकारात्मकता, भय, और विघ्न-बाधाओं को दूर करता है। खासकर उन लोगों के लिए जो मानसिक तनाव, आर्थिक कठिनाईयों या किसी प्रकार की सुरक्षा के संकट का सामना कर रहे हैं, यह स्तोत्र एक मजबूत सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, यह स्तोत्र भगवान राम से आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे सरल और प्रभावी तरीका है।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का शाब्दिक अर्थ

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) में कुल २४ श्लोक होते हैं। प्रत्येक श्लोक में भगवान राम की महिमा और उनके अद्वितीय गुणों का वर्णन किया गया है। इस स्तोत्र के शाब्दिक अर्थ के अनुसार, भगवान राम अपने भक्तों की हर अवस्था में रक्षा करते हैं। इस स्तोत्र के पाठ से भगवान राम अपने भक्तों के जीवन में आने वाली सभी परेशानियों को दूर करते हैं और उन्हें सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करते हैं।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का सही तरीके से पाठ कैसे करें?

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। सबसे पहले, शांत वातावरण में बैठकर इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। अगर संभव हो तो किसी पवित्र स्थल पर बैठकर इसे पढ़ना और भगवान राम की पूजा करना अत्यधिक लाभकारी होता है। ध्यान रखें कि यह स्तोत्र विधिपूर्वक और पूरी श्रद्धा के साथ पढ़ा जाए। यदि आप इसे सुबह या शाम के समय नियमित रूप से पढ़ें, तो इसके अधिक लाभ होते हैं।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) के लाभ

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) के कई लाभ हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं। इस मंत्र के नियमित पाठ से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है। इसके अलावा:

  • रक्षा: यह स्तोत्र व्यक्ति को हर प्रकार की मानसिक, शारीरिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
  • भय का नाश: यह व्यक्ति के अंदर से डर और भय को समाप्त करता है, जिससे मानसिक शांति बनी रहती है।
  • समृद्धि: इसके पाठ से घर में समृद्धि का वास होता है और दरिद्रता दूर होती है।
  • आध्यात्मिक उन्नति: श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ करने से व्यक्ति की आत्मिक उन्नति होती है और भगवान राम के प्रति भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि होती है।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ करने का समय

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ करने का कोई निश्चित समय नहीं है, लेकिन इसे खासतौर पर सुबह और शाम के समय पढ़ने से अधिक लाभ होता है। सुबह के समय वातावरण शुद्ध और ताजगी से भरा होता है, जो ध्यान और पूजा के लिए उत्तम है। वहीं, शाम के समय भी दिनभर की थकान के बाद यह स्तोत्र मानसिक शांति देने में मदद करता है।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का प्रभाव

इस स्तोत्र का प्रभाव अद्वितीय होता है। यह न केवल भक्तों को शारीरिक सुरक्षा प्रदान करता है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति भी देता है। जब कोई व्यक्ति किसी संकट या चुनौती का सामना करता है, तो यह स्तोत्र उसे मानसिक दृढ़ता और साहस प्रदान करता है। यह निश्चित रूप से जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान करता है और भगवान राम के आशीर्वाद से जीवन को खुशहाल बनाता है।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का महत्त्व भक्तों के लिए

भगवान श्रीराम के प्रति भक्ति को प्रगाढ़ करने का यह एक श्रेष्ठ उपाय है। जब भी भक्त किसी प्रकार के संकट या डर से घिरते हैं, तो यह स्तोत्र उन्हें भगवान श्रीराम की शक्ति और आशीर्वाद का अनुभव कराता है। इसके प्रभाव से जीवन में समृद्धि आती है और परिवार में सुख-शांति का वातावरण बनता है। यह स्तोत्र जीवन की समस्याओं से निपटने के लिए एक महान साधन है।

श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) न केवल एक साधारण मंत्र है, बल्कि यह भक्तों के जीवन में सुरक्षा, समृद्धि, और शांति का वरदान देने वाला एक शक्तिशाली साधन है। इसका पाठ नियमित रूप से करने से व्यक्ति को हर प्रकार की मुसीबतों से बचाव मिलता है और भगवान श्रीराम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह स्तोत्र मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावी है। इसे विधिपूर्वक और श्रद्धा भाव से पढ़ने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और भगवान राम की कृपा प्राप्त होती है।

इसे विशेष रूप से सुबह और शाम के समय पढ़ना अधिक लाभकारी होता है। सुबह का समय वातावरण को शुद्ध और ताजगी से भरा हुआ होता है।

जी हां, यह स्तोत्र व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और सफलता लाने में मदद करता है। यह दरिद्रता को दूर करने और आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक है।

FAQ: श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra)

  1. श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) क्या है?
    श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) एक प्रसिद्ध हिंदू मंत्र है, जिसे भगवान श्रीराम की रक्षा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए जपते हैं। यह 24 श्लोकों का एक स्तोत्र है, जिसमें भगवान राम की महिमा और भक्तों से उनकी रक्षा की प्रार्थना की जाती है।
  2. क्या श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ हर किसी को करना चाहिए?
    हाँ, कोई भी व्यक्ति जो मानसिक शांति, सुरक्षा और समृद्धि की इच्छा रखता है, श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ कर सकता है। यह स्तोत्र सभी के लिए लाभकारी है।
  3. क्या श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ महिलाओं को भी करना चाहिए?
    जी हाँ, महिलाएं भी श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ कर सकती हैं। यह स्तोत्र सबके लिए समान रूप से लाभकारी है।
  4. क्या इस स्तोत्र का पाठ करने से मानसिक शांति मिलती है?
    हाँ, यह स्तोत्र मानसिक शांति और तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित पाठ से मानसिक संतुलन बनाए रखा जा सकता है।
  5. श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) के श्लोक कितने होते हैं?
    श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) में कुल 24 श्लोक होते हैं। हर श्लोक में भगवान राम की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाती है।
  6. क्या श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का कोई विशेष समय होता है?
    श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ सुबह और शाम के समय सबसे प्रभावी माना जाता है। इस समय वातावरण शुद्ध होता है और ध्यान केंद्रित करना आसान होता है।
  7. क्या इसका पाठ अकेले किया जा सकता है?
    हाँ, आप इसे अकेले भी कर सकते हैं। लेकिन यदि संभव हो तो किसी पवित्र स्थान पर और परिवार के साथ मिलकर इसका पाठ करने से अधिक लाभ होता है।
  8. क्या इसे अंग्रेजी में पढ़ सकते हैं?
    श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का मूल रूप संस्कृत में है, लेकिन आप इसे हिंदी या अंग्रेजी में अनुवाद करके भी पढ़ सकते हैं। सबसे अच्छा होता है यदि इसे संस्कृत में ही पढ़ा जाए।
  9. क्या श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ जीवन में किसी प्रकार की समस्याओं से बचाता है?
    जी हाँ, यह स्तोत्र जीवन की मानसिक, शारीरिक और आर्थिक समस्याओं से बचाव करने के लिए प्रभावी है। इसके पाठ से हर प्रकार की मुसीबत से रक्षा होती है।
  10. क्या इसके पाठ से आर्थिक समृद्धि भी होती है?
    हाँ, श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) के नियमित पाठ से आर्थिक समृद्धि और घर में सुख-शांति आती है। यह व्यक्ति को धन-धान्य से संपन्न कर सकता है।
  11. क्या कोई विशेष विधि होती है इस स्तोत्र का पाठ करने की?
    इसे विधिपूर्वक और श्रद्धा भाव से करना चाहिए। शांत वातावरण में बैठकर और ध्यान लगाकर इसका पाठ करें।
  12. श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    इसे रोज़ाना 108 बार जपने की सलाह दी जाती है। हालांकि, यदि समय कम हो तो कम संख्या में भी इसे पढ़ सकते हैं, लेकिन नियमित रूप से पढ़ना महत्वपूर्ण है।
  13. क्या इस स्तोत्र का पाठ स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है?
    हाँ, यह मानसिक शांति और तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से लाभकारी है।
  14. क्या श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ केवल मंदिर में करना चाहिए?
    नहीं, आप इसे घर पर भी पढ़ सकते हैं। लेकिन यदि आप इसे मंदिर में पढ़ते हैं तो वहां का माहौल और वातावरण अधिक पवित्र होता है, जो पाठ को और अधिक प्रभावी बनाता है।
  15. क्या किसी विशेष पूजा के समय श्रीराम रक्षा स्तोत्र (Shri Ram Raksha Stotra) का पाठ करना चाहिए?
    हाँ, विशेष रूप से राम नवमी, दीपावली और अन्य धार्मिक अवसरों पर इसका पाठ करने से अधिक फल प्राप्त होता है। इन दिनों का विशेष महत्व है और भगवान राम की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

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