हनुमान चालीसा: जानिए इस अद्भुत स्तोत्र का रहस्य और महत्व!

NdtvHindu
11 Min Read
हनुमान चालीसा: जानिए इस अद्भुत स्तोत्र का रहस्य और महत्व!

हनुमान चालीसा: जानिए इस अद्भुत स्तोत्र का रहस्य और महत्व!

हनुमान चालीसा एक अद्भुत और प्रभावशाली स्तोत्र है, जिसे तुलसीदास जी ने रचा। यह चालीस छंदों से मिलकर बना है, जो भगवान हनुमान की महिमा, शक्ति और भक्ति का वर्णन करते हैं। इसे पढ़ने से मन को शांति मिलती है और हर तरह की परेशानी का समाधान होता है।

Contents
हनुमान चालीसा: जानिए इस अद्भुत स्तोत्र का रहस्य और महत्व!हनुमान चालीसा का इतिहासहनुमान चालीसाहनुमान चालीसा के छंदों का महत्वहनुमान चालीसा पाठ के लाभहनुमान चालीसा और वैज्ञानिक दृष्टिकोणहनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय और विधिहनुमान चालीसा के मुख्य छंद और उनका अर्थहनुमान चालीसा और ज्योतिषीय महत्वFAQs: हनुमान चालीसा:अक्सर पूछे जाने वाले सवाल1. हनुमान चालीसा क्या है?2. हनुमान चालीसा क्यों पढ़ा जाता है?3. हनुमान चालीसा का इतिहास क्या है?4. हनुमान चालीसा कितने छंदों का होता है?5. हनुमान चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?6. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने के क्या लाभ हैं?7. क्या हनुमान चालीसा को किसी विशेष दिन पढ़ना चाहिए?8. क्या हनुमान चालीसा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण है?9. हनुमान चालीसा के पहले दो छंद किसे समर्पित हैं?10. हनुमान चालीसा पढ़ने की सही विधि क्या है?11. क्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि दोष खत्म होता है?12. क्या हनुमान चालीसा को रटने से लाभ होता है?13. हनुमान चालीसा किन भाषाओं में उपलब्ध है?14. क्या हनुमान चालीसा का पाठ सभी कर सकते हैं?15. क्या हनुमान चालीसा सुनने से भी लाभ होता है?

हनुमान चालीसा में रामभक्त हनुमान के अद्भुत गुणों, उनकी शक्ति, और उनकी भक्ति भावना का वर्णन किया गया है। इसे रोज़ाना पढ़ने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।

हनुमान चालीसा का इतिहास

तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा को अवध भाषा में लिखा, ताकि हर वर्ग का व्यक्ति इसे आसानी से समझ सके। यह रचना 16वीं सदी में हुई, जब समाज में भक्ति आंदोलन अपने चरम पर था। उस समय, लोगों को ईश्वर से जोड़ने के लिए सरल भाषा में रचनाएं लिखी जा रही थीं।

हनुमान चालीसा का मूल उद्देश्य था भगवान हनुमान की महिमा का प्रचार-प्रसार और लोगों को धर्म से जोड़ना। यह रामचरितमानस के अलावा तुलसीदास जी की सबसे प्रसिद्ध रचना मानी जाती है।

हनुमान चालीसा

दोहा

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि । बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।।

चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥

राम दूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥

शंकर सुवन केसरी नंदन तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥

विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर॥७॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया राम लखन सीता मनबसिया॥८॥

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥

लाय सजीवन लखन जियाए श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो जस गावै अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥

प्रभू मुद्रिका मेलि मुख माही जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

राम दुआरे तुम रखवारे होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥

आपन तेज सम्हारो आपै तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥

भूत पिशाच निकट नहि आवै महाबीर जब नाम सुनावै॥२४॥

नासै रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

संकट तै हनुमान छुडावै मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥

सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

और मनोरथ जो कोई लावै सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

साधु संत के तुम रखवारे असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता अस बर दीन जानकी माता॥३१॥

राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥

और देवता चित्त ना धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

जै जै जै हनुमान गुसाईँ कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥

जो सत बार पाठ कर कोई छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥

दोहा

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।

राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

हनुमान चालीसा: जानिए इस अद्भुत स्तोत्र का रहस्य और महत्व!
हनुमान चालीसा: जानिए इस अद्भुत स्तोत्र का रहस्य और महत्व!

हनुमान चालीसा के छंदों का महत्व

हनुमान चालीसा में हर छंद का अपना अलग महत्व है। हर छंद भगवान हनुमान के किसी विशेष गुण, शक्ति या आशीर्वाद का वर्णन करता है। इसके शुरुआती दो छंद भगवान श्रीराम और तुलसीदास जी के गुरु को समर्पित हैं।

इसके बाद के छंदों में भगवान हनुमान के अद्भुत शौर्य, भक्ति, और उनकी साहसिक गाथाओं का वर्णन है। इस स्तोत्र को पढ़ने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है और सभी दुख दूर हो जाते हैं।

हनुमान चालीसा पाठ के लाभ

हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से अनेक लाभ होते हैं:

  1. भय और नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा मिलता है।
  2. स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  3. जीवन में सफलता और सकारात्मकता आती है।
  4. आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है।
  5. मन को शांति और आत्मा को संतोष मिलता है।

हनुमान चालीसा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, हनुमान चालीसा के पाठ से मानसिक तनाव कम होता है। इसके छंदों का उच्चारण एक संगीतमय लय में होता है, जिससे मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यह ध्यान और योग की तरह काम करता है, जो मन को शांत और संतुलित रखता है।

हनुमान चालीसा पढ़ने का सही समय और विधि

हनुमान चालीसा पढ़ने का सर्वश्रेष्ठ समय सुबह का होता है। इसे पढ़ते समय शुद्धता और ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

  1. सुबह स्नान के बाद इसे पढ़ें।
  2. दीपक जलाएं और भगवान हनुमान की मूर्ति के सामने बैठें।
  3. आस्था और सच्चे मन से पाठ करें।

हनुमान चालीसा के मुख्य छंद और उनका अर्थ

हनुमान चालीसा के कुछ प्रमुख छंद हैं, जिनका गहरा अध्यात्मिक और जीवनोपयोगी अर्थ है:

  1. “श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।”
    • यह छंद गुरु की महिमा को दर्शाता है।
  2. “जय हनुमान ज्ञान गुण सागर।”
    • इसमें भगवान हनुमान के ज्ञान और शक्ति की प्रशंसा है।

हनुमान चालीसा और ज्योतिषीय महत्व

ज्योतिष के अनुसार, हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि दोष और मंगल दोष का प्रभाव कम होता है। यह नकारात्मक ग्रहों के असर को दूर करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।

हनुमान चालीसा केवल एक स्तोत्र नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक साधना का एक माध्यम है। इसे पढ़ने से जीवन में शांति, सुख, और सफलता प्राप्त होती है। भगवान हनुमान की भक्ति से मनुष्य हर कठिनाई को पार कर सकता है।

हनुमान चालीसा का पाठ करें और अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव का अनुभव करें। जय श्रीराम!

FAQs: हनुमान चालीसा:अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. हनुमान चालीसा क्या है?

हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की महिमा का वर्णन करने वाला एक स्तोत्र है, जिसे तुलसीदास जी ने रचा है। यह चालीस छंदों से मिलकर बना है।

2. हनुमान चालीसा क्यों पढ़ा जाता है?

हनुमान चालीसा पढ़ने से भय, दुख, और कष्ट दूर होते हैं। यह मन को शांति और आत्मा को संतोष प्रदान करता है।

3. हनुमान चालीसा का इतिहास क्या है?

हनुमान चालीसा का रचना काल 16वीं सदी है। इसे तुलसीदास जी ने लिखा, जो भगवान श्रीराम और हनुमान के परम भक्त थे।

4. हनुमान चालीसा कितने छंदों का होता है?

हनुमान चालीसा में कुल 40 छंद होते हैं। यह नाम भी इन्हीं चालीस छंदों से लिया गया है।

5. हनुमान चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?

हनुमान चालीसा का पाठ सुबह स्नान करने के बाद या किसी भी समय शुद्ध मन से किया जा सकता है।

6. हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने के क्या लाभ हैं?

नियमित पाठ से भयमुक्ति, सकारात्मक ऊर्जा, आत्मविश्वास और सुख-शांति प्राप्त होती है।

7. क्या हनुमान चालीसा को किसी विशेष दिन पढ़ना चाहिए?

मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ने का विशेष महत्व है। इन दिनों भगवान हनुमान की पूजा की जाती है।

8. क्या हनुमान चालीसा का वैज्ञानिक दृष्टिकोण है?

जी हां, हनुमान चालीसा के पाठ से मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके उच्चारण से तनाव और डिप्रेशन कम होता है।

9. हनुमान चालीसा के पहले दो छंद किसे समर्पित हैं?

पहले दो छंद भगवान श्रीराम और तुलसीदास जी के गुरु को समर्पित हैं।

10. हनुमान चालीसा पढ़ने की सही विधि क्या है?

हनुमान चालीसा पढ़ने से पहले दीप जलाएं, भगवान हनुमान का स्मरण करें, और सच्चे मन से पाठ करें।

11. क्या हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि दोष खत्म होता है?

जी हां, हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि दोष और मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।

12. क्या हनुमान चालीसा को रटने से लाभ होता है?

हनुमान चालीसा को समझकर और आस्था के साथ पढ़ने से ही अधिक लाभ मिलता है।

13. हनुमान चालीसा किन भाषाओं में उपलब्ध है?

यह मूल रूप से अवधी भाषा में लिखा गया था, लेकिन अब यह हिंदी, संस्कृत, और अन्य भाषाओं में उपलब्ध है।

14. क्या हनुमान चालीसा का पाठ सभी कर सकते हैं?

जी हां, हनुमान चालीसा का पाठ कोई भी कर सकता है। यह सभी वर्गों और धर्मों के लिए खुला है।

15. क्या हनुमान चालीसा सुनने से भी लाभ होता है?

जी हां, इसे सुनने से भी मानसिक शांति मिलती है और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ती है।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *