“वराही देवी स्तोत्र: (Varahi Devi Stotram) गूढ़ रहस्य, महिमा और लाभ”

Soma
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वराही देवी स्तोत्र: (Varahi Devi Stotram)

“वराही देवी स्तोत्र: (Varahi Devi Stotram) गूढ़ रहस्य, महिमा और लाभ”

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) भारतीय धर्मशास्त्रों में एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली देवी हैं। उनका स्तोत्र उनकी कृपा पाने और आंतरिक शक्ति को जागृत करने का माध्यम है। इस लेख में हम वराही देवी स्तोत्र का संपूर्ण परिचय, महत्त्व, और उनके भक्तों को मिलने वाले लाभों की चर्चा करेंगे। लेख को सरल और आसान शब्दों में लिखा गया है ताकि हर पाठक इसे आसानी से समझ सके।

Contents

वराही देवी (Varahi Devi Stotram)

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) देवी पार्वती का अवतार मानी जाती हैं और उन्हें दशमहाविद्याओं में से एक माना गया है। वराही का नाम “वराह” शब्द से लिया गया है, जिसका अर्थ है “सुअर”। यह नाम भगवान विष्णु के वराह अवतार से प्रेरित है। वराही देवी को शक्ति और रक्षा की देवी कहा जाता है। वे अपने भक्तों को संकटों से बचाने और बुराइयों का नाश करने वाली मानी जाती हैं।

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) को महादुर्गा का रूप भी कहा जाता है, जो राक्षसों और अज्ञानता का विनाश करती हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से तांत्रिक साधना में की जाती है।


वराही देवी (Varahi Devi Stotram) का स्वरूप

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) का स्वरूप बेहद अद्वितीय और रहस्यमयी है। उन्हें आमतौर पर एक सुअर के मुख वाली देवी के रूप में दर्शाया जाता है। उनका शरीर लाल या काले रंग का होता है, और वे अपने हाथों में कई प्रकार के अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं।

वे एक शक्ति के प्रतीक के रूप में मानी जाती हैं। वराही देवी को यह स्वरूप उनकी अद्वितीय ऊर्जा और तांत्रिक शक्ति के कारण दिया गया है। उनके इस रूप में छुपा संदेश है कि भक्तों को हर परिस्थिति में अडिग और निडर रहना चाहिए।


वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का महत्त्व

वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का पाठ करने से मनुष्य की हर प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं। यह स्तोत्र शक्ति और साहस प्रदान करता है। वराही देवी स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद माना गया है, जो अपने जीवन में संकट और परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

वराही स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) को नियमित रूप से पढ़ने से व्यक्ति को धन, सुख, और शांति प्राप्त होती है। यह स्तोत्र मानसिक शांति, आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति बढ़ाने में मदद करता है।

वराही देवी स्तोत्र: (Varahi Devi Stotram)

वाराही देवी स्तोत्रम्
(Varahi Devi Stotram)

नमोऽस्तु देवी वाराही जयैङ्कारस्वरूपिणि ।
जपित्वा भूमिरूपेण नमो भगवती प्रिये ॥ १ ॥

जय क्रोडास्तु वाराही देवी त्वं च नमाम्यहम् ।
जय वाराहि विश्वेशी मुख्यवाराहि ते नमः ॥ २ ॥

मुख्यवाराहि वन्दे त्वां अन्धे अन्धिनि ते नमः ।
सर्वदुष्टप्रदुष्टानां वाक्‍स्तम्भनकरी नमः ॥ ३ ॥

नमः स्तम्भिनि स्तम्भे त्वां जृम्भे जृम्भिणि ते नमः ।
रुन्धे रुन्धिनि वन्दे त्वां नमो देवी तु मोहिनी ॥ ४ ॥

स्वभक्तानां हि सर्वेषां सर्वकामप्रदे नमः ।
बाह्वोः स्तम्भकरी वन्दे त्वां जिह्वास्तम्भकारिणी ॥ ५ ॥

स्तम्भनं कुरु शत्रूणां कुरु मे शत्रुनाशनम् ।
शीघ्रं वश्यं च कुरुते योऽग्नौ वाचात्मिके नमः ॥ ६ ॥

ठचतुष्टयरूपे त्वां शरणं सर्वदा भजे ।
होमात्मके फड्रूपेण जय आद्यानने शिवे ॥ ७ ॥

देहि मे सकलान् कामान् वाराही जगदीश्वरी ।
नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं नमो नमः ॥ ८ ॥

इदमाद्यानना स्तोत्रं सर्वपापविनाशनम् ।
पठेद्यः सर्वदा भक्त्या पातकैर्मुच्यते तथा ॥ ९ ॥

लभन्ते शत्रवो नाशं दुःखरोगापमृत्यवः ।
महदायुष्यमाप्नोति अलक्ष्मीर्नाशमाप्नुयात् ॥ १० ॥

इति श्री आदिवाराही स्तोत्रम् ।

वराही देवी स्तोत्र:
(Varahi Devi Stotram)
वराही देवी स्तोत्र:! (Varahi Devi Stotram)

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) की पूजा की विधि

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) की पूजा तांत्रिक रीति से की जाती है, लेकिन इसे सामान्य भक्त भी सरल विधियों से कर सकते हैं। पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री आवश्यक होती है:

  • लाल वस्त्र
  • चावल
  • लाल फूल (गुड़हल)
  • नारियल और प्रसाद
  • घी का दीपक और अगरबत्ती

पूजा विधि:

  1. सुबह स्नान कर स्वच्छ लाल वस्त्र पहनें।
  2. पूजा स्थल पर वराही देवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  3. घी का दीपक जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
  4. देवी को लाल फूल अर्पित करें।
  5. वराही देवी स्तोत्र का पाठ करें और देवी से आशीर्वाद मांगें।

वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का पाठ

वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) को पढ़ते समय शुद्धता और मन की एकाग्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस स्तोत्र में देवी की शक्ति, करुणा, और उनकी कृपा का वर्णन किया गया है। कुछ प्रमुख श्लोक इस प्रकार हैं:

“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं वराही देवतायै नमः।
शत्रुहंता वरदायिनी शरणागत वत्सला।
दुष्ट दुर्ग्रह संहारिणि, वरदायि नमो नमः।”

इस प्रकार का पाठ करते समय ध्यान रखें कि देवी की कृपा तभी प्राप्त होगी जब आप मन, वचन, और कर्म से शुद्ध होंगे।


वराही स्तोत्र के लाभ

वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) के नियमित पाठ से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  1. संकटों का नाश: जीवन में आने वाली हर प्रकार की बाधा समाप्त हो जाती है।
  2. आर्थिक समृद्धि: धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
  3. शत्रुओं से रक्षा: शत्रुओं और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।
  4. आत्मविश्वास में वृद्धि: व्यक्ति के मनोबल और साहस में वृद्धि होती है।
  5. मानसिक शांति: मानसिक तनाव और बेचैनी से मुक्ति मिलती है।

वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का ऐतिहासिक महत्त्व

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) का उल्लेख कई पुराणों और तांत्रिक ग्रंथों में मिलता है। देवी को महाभारत और देवी भागवत में विशेष स्थान दिया गया है। प्राचीन समय में वराही स्तोत्र का पाठ योद्धाओं द्वारा युद्ध के समय साहस और विजय प्राप्ति के लिए किया जाता था।

वर्तमान में भी वराही देवी की पूजा दक्षिण भारत के कई मंदिरों में धूमधाम से की जाती है।


वराही देवी (Varahi Devi Stotram) की तांत्रिक साधना

वराही देवी को तांत्रिक साधना का केंद्र माना गया है। वे मंत्र विद्या और यंत्र साधना की अधिष्ठात्री देवी हैं। उनकी साधना करते समय साधक को विशेष प्रकार के नियमों का पालन करना पड़ता है।

तांत्रिक साधना के माध्यम से वराही देवी के गुप्त रहस्यों को समझा जा सकता है। यह साधना व्यक्ति को आध्यात्मिक जागृति की ओर ले जाती है।


वराही देवी (Varahi Devi Stotram) से जुड़े त्योहार

वराही देवी (Varahi Devi Stotram) से जुड़े कुछ प्रमुख त्योहार हैं:

  • नवरात्रि: इस दौरान वराही देवी की विशेष पूजा की जाती है।
  • चैत्र नवरात्रि: देवी की कृपा पाने का यह सर्वोत्तम समय माना गया है।
  • गुप्त नवरात्रि: तांत्रिक साधना के लिए उपयुक्त समय।

निचोड़: वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) की महिमा

वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) भक्तों के लिए एक अनमोल उपहार है। यह न केवल व्यक्ति को आंतरिक शक्ति प्रदान करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति भी लाता है। देवी की पूजा और स्तोत्र का पाठ करने से हर प्रकार की भय और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

1. वराही देवी (Varahi Devi Stotram) कौन हैं?

वराही देवी, देवी पार्वती का एक रूप हैं और इन्हें शक्तिरूप और रक्षा देवी के रूप में पूजा जाता है। इनका स्वरूप एक सुअर के मुख वाली देवी के रूप में दिखाया जाता है।

2. वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) क्या है?

वराही देवी स्तोत्र एक धार्मिक मंत्र है, जिसे विशेष रूप से वराही देवी की पूजा और आराधना के लिए गाया जाता है। इसका पाठ करने से व्यक्ति को शक्ति, साहस और समृद्धि प्राप्त होती है।

3. वराही देवी (Varahi Devi Stotram) का स्वरूप कैसे होता है?

वराही देवी का स्वरूप एक सुअर के मुख वाली देवी के रूप में होता है। वे हाथों में अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं और उनका शरीर लाल या काले रंग का होता है।

4. वराही देवी (Varahi Devi Stotram) की पूजा विधि क्या है?

वराही देवी की पूजा करने के लिए विशेष रूप से लाल वस्त्र, चावल, लाल फूल, और घी का दीपक जरूरी होता है। पूजा के दौरान स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

5. वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का पाठ कब करना चाहिए?

वराही देवी स्तोत्र का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से नवरात्रि और गुप्त नवरात्रि के समय इसका पाठ अधिक फलदायी होता है।

6. क्या वराही देवी का स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) तांत्रिक साधना में उपयोग होता है?

जी हां, वराही देवी स्तोत्र तांत्रिक साधना में उपयोग किया जाता है, विशेष रूप से मंत्र विद्या और यंत्र साधना में।

7. वराही देवी (Varahi Devi Stotram) के पूजन से क्या लाभ होते हैं?

वराही देवी की पूजा से संकटों का नाश, धन और समृद्धि, शत्रुओं से रक्षा, और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

8. क्या वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) मानसिक शांति प्रदान करता है?

जी हां, वराही देवी स्तोत्र का पाठ मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति दिलाता है। यह मानसिक स्थिति को स्थिर और शांत बनाता है।

9. वराही देवी (Varahi Devi Stotram) की पूजा तांत्रिकों द्वारा क्यों की जाती है?

वराही देवी को तांत्रिक साधना और यंत्र साधना की देवी माना जाता है। उनके माध्यम से गूढ़ रहस्यों को समझा जा सकता है और आत्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।

10. क्या वराही देवी (Varahi Devi Stotram) की पूजा करने से शत्रुओं से रक्षा होती है?

हां, वराही देवी की पूजा और स्तोत्र के पाठ से शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है। यह व्यक्ति को आंतरिक और बाहरी शक्ति प्रदान करता है।

11. वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का पाठ करने से आर्थिक समृद्धि कैसे प्राप्त होती है?

वराही देवी की पूजा से धन और वैभव की प्राप्ति होती है। स्तोत्र का पाठ आर्थिक संकटों को दूर करता है और व्यापार या करियर में सफलता प्रदान करता है।

12. क्या वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का पाठ अनुष्ठान के बिना किया जा सकता है?

जी हां, वराही देवी स्तोत्र का पाठ बिना किसी विशेष अनुष्ठान के भी किया जा सकता है, लेकिन ध्यान और शुद्धता बनाए रखना आवश्यक है।

13. वराही देवी स्तोत्र (Varahi Devi Stotram) का लाभ कितने दिनों में मिलता है?

यदि नियमित रूप से और श्रद्धा पूर्वक वराही देवी स्तोत्र का पाठ किया जाए तो इसके लाभ कुछ ही दिनों में मिलने लगते हैं। विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान यह लाभ जल्दी प्राप्त होता है।

14. वराही देवी (Varahi Devi Stotram) की पूजा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें क्या हैं?

वराही देवी की पूजा करते समय ध्यान रखें कि आपका मन शुद्ध हो, पूजा स्थान स्वच्छ हो, और आप सच्चे मन से पूजा करें। इस दौरान किसी भी प्रकार का अलंकृत विचार न रखें।

15. क्या वराही देवी (Varahi Devi Stotram) का पूजा और स्तोत्र सिर्फ हिंदू धर्म के लोग ही कर सकते हैं?

वराही देवी की पूजा और स्तोत्र का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। यह देवी सार्वभौमिक शक्ति का प्रतीक हैं और सभी को आशीर्वाद देने में सक्षम हैं।

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