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लक्ष्मी गायत्री मंत्र (Lakshmi Gayatri Mantra) एक अत्यंत प्रभावशाली धार्मिक मंत्र है जो माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए जप किया जाता है। यह मंत्र वैदिक परंपरा पर आधारित है और इसमें माँ लक्ष्मी के तेज, वैभव और दयालुता का आह्वान किया जाता है। यह न केवल आर्थिक समृद्धि देता है, बल्कि जीवन में शांति, सौभाग्य और आध्यात्मिक उन्नति भी लाता है।
इस मंत्र का नियमित जप करने से ऋण मुक्ति, वित्तीय समस्याओं से छुटकारा, और घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। यह मंत्र गायत्री छंद में रचा गया है, जो शुद्ध ऊर्जा का वाहक माना जाता है।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र (Lakshmi Gayatri Mantra) का शुद्ध रूप इस प्रकार है:
“ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्॥”
इसका अर्थ है:
हम महालक्ष्मी को जानें, जो भगवान विष्णु की पत्नी हैं।
उनकी कृपा से हमारे मन में ज्ञान और वैभव का प्रकाश हो।
👉 सही उच्चारण अत्यंत आवश्यक है। “विष्णुपत्न्यै” में ‘पत्न्यै’ का उच्चारण स्पष्ट और नासिक स्वर के साथ करें। “प्रचोदयात्” में ‘चो’ को ‘चो’ ही बोलें, ‘जो’ नहीं।
इस मंत्र से व्यक्ति के जीवन में वित्तीय स्थिरता आती है। यह व्यापार, नौकरी और धन-स्रोतों को मजबूत करता है।
नियमित जाप करने से कर्ज और आर्थिक बोझ धीरे-धीरे समाप्त होने लगते हैं।
मंत्र की ध्वनि तरंगें मन को शांत करती हैं और घर में सद्भावना और शांति बढ़ती है।
माँ लक्ष्मी की कृपा से जीवन में सौभाग्य, संतान सुख और मान-सम्मान की प्राप्ति होती है।
गायत्री छंद के कारण यह मंत्र मन और बुद्धि को प्रबुद्ध करता है।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार, दीपावली, अक्षय तृतीया, और शरद पूर्णिमा विशेष फलदायी होते हैं।
मंत्र जाप के लिए कमलगट्टे की माला सबसे उत्तम मानी जाती है। यह माला देवी लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय होती है।
यदि कमलगट्टे की माला न हो, तो स्फटिक माला या पीली चंदन की माला का प्रयोग भी किया जा सकता है।
👉 माला का प्रयोग करते समय हर जप पर मन को माँ लक्ष्मी की छवि में केंद्रित रखें।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र का उल्लेख ऋग्वेद और विष्णु पुराण जैसे शास्त्रों और ग्रंथों में मिलता है।
यदि आप गृहस्थ जीवन जी रहे हैं, तो लक्ष्मी गायत्री मंत्र आपके घर में धन, भोजन और सौभाग्य की निरंतरता बनाए रखता है।
👉 विशेष रूप से गृहिणी और व्यवसायी वर्ग के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है।
हर शुक्रवार को मंत्र जाप, सफेद मिठाई का भोग, और घी का दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
मंत्र जाप के पश्चात:
यदि आप श्रद्धा, नियम, और सच्चे मन से इस मंत्र का जप करते हैं, तो:
👉 शर्त यही है: लगातार श्रद्धा से जाप करना
लक्ष्मी गायत्री मंत्र के साथ ध्यान जोड़ने से मंत्र की ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है।
इस भावना के साथ मंत्र का उच्चारण मंत्र को और प्रभावशाली बना देता है।
शुक्रवार, पूर्णिमा और ब्रह्ममुहूर्त सबसे शुभ होते हैं।
कम से कम 108 बार।
ज़रूरी नहीं, लेकिन व्रत रखने से फल जल्दी मिलता है।
पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार नहीं।
हाँ, विशेष कर आर्थिक क्षेत्र से संबंधित कार्यों में लाभ होता है।
हाँ, यह बुद्धि और स्मरण शक्ति भी बढ़ाता है।
पीला और लाल रंग।
बिल्कुल, यह अत्यंत शुभ होता है।
नहीं, यह संपूर्ण समृद्धि के लिए है।
हाँ, यह नकारात्मक ऊर्जा हटाने में सहायक है।
नहीं, पूजन स्थान श्रेष्ठ होता है।
संभव है, परंतु मन से उच्चारण प्रभावशाली होता है।
संध्या काल उपयुक्त है।
हाँ, सौभाग्य और संतान सुख दोनों देता है।
श्री यंत्र साथ में रखने से लाभ और बढ़ता है।
लक्ष्मी गायत्री मंत्र केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और भौतिक जीवन को उन्नत करने का दिव्य उपाय है। इसके नियमित और श्रद्धा-पूर्ण जप से धन, सुख, समृद्धि, शांति, और ईश्वरीय कृपा सभी प्राप्त होते हैं।
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