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गायत्री मंत्र: महत्व, अर्थ और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

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गायत्री मंत्र: महत्व, अर्थ और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गायत्री मंत्र को हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। इसे वेदों का सार और आध्यात्मिक जागरण का माध्यम माना जाता है। गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त के 10वें श्लोक में मिलता है। यह मंत्र इस प्रकार है:

Contents

गायत्री मंत्र

ॐ भूर्भुवः स्वः।
तत्सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

गायत्री मंत्र का अर्थ:

  1. : यह ब्रह्मांड का पवित्र शब्द है और परमात्मा का प्रतीक है।
  2. भूः: यह भौतिक संसार (पृथ्वी) का प्रतिनिधित्व करता है।
  3. भुवः: यह जीवन शक्ति और कष्टों को दूर करने वाली शक्ति को दर्शाता है।
  4. स्वः: यह दिव्य और आध्यात्मिक संसार का प्रतीक है।
  5. तत्: वह (परम सत्य, ब्रह्म)
  6. सवितुः: सविता (सूर्य), जो सृजन और प्रकाश का स्रोत है।
  7. वरेण्यं: पूजा और आदर के योग्य।
  8. भर्गः: दिव्य प्रकाश, जो अज्ञानता को नष्ट करता है।
  9. देवस्य: ईश्वर का।
  10. धीमहि: हम ध्यान करते हैं।
  11. धियो: हमारी बुद्धि।
  12. यः: जो।
  13. नः: हमारी।
  14. प्रचोदयात्: प्रेरणा दे।
गायत्री मंत्र: महत्व, अर्थ और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

गायत्री मंत्र का भावार्थ:

हम उस सविता (सूर्य देवता) के पवित्र तेज का ध्यान करते हैं, जो हमारे अंतर्मन और बुद्धि को प्रकाशवान करता है और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

गायत्री मंत्र का महत्व:

  1. आध्यात्मिक विकास: इसे जपने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  2. बुद्धि का विकास: यह मंत्र व्यक्ति की स्मरण शक्ति और निर्णय क्षमता को बढ़ाता है।
  3. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: गायत्री मंत्र का नियमित उच्चारण नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है।
  4. ध्यान और साधना: यह मंत्र ध्यान की गहराई को बढ़ाने और चित्त को शांत करने में सहायक है।

गायत्री मंत्र का जाप:

  1. गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय और सूर्यास्त के समय करना विशेष शुभ माना जाता है।
  2. जप के समय मन को एकाग्रचित्त रखना और शुद्धता का पालन करना आवश्यक है।
  3. इसे 108 बार जपने का विधान है, जो मन को स्थिर और ऊर्जा से भर देता है।

गायत्री मंत्र को वेदों की जननी (गायत्री माता) से जोड़ा जाता है, और यह व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति प्रदान करने का माध्यम है।

गायत्री मंत्र के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर निम्नलिखित हैं:

1. गायत्री मंत्र क्या है?

गायत्री मंत्र हिन्दू धर्म का एक पवित्र मंत्र है, जो ऋग्वेद में उल्लेखित है। यह आध्यात्मिक और मानसिक शांति प्रदान करने वाला मंत्र है।

2. गायत्री मंत्र का स्रोत क्या है?

गायत्री मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त के 10वें श्लोक में मिलता है।

3. गायत्री मंत्र का अर्थ क्या है?

गायत्री मंत्र में हम सूर्य देव (सविता) के प्रकाश और शक्ति का ध्यान करते हैं, जो हमारी बुद्धि को सही दिशा में प्रेरित करें।

4. गायत्री मंत्र क्यों महत्वपूर्ण है?

गायत्री मंत्र को वेदों का सार माना जाता है। यह मानसिक शांति, सकारात्मकता और आत्मा की उन्नति का माध्यम है।

5. गायत्री मंत्र किस देवता को समर्पित है?

गायत्री मंत्र मुख्यतः सविता देव (सूर्य देवता) को समर्पित है।

6. गायत्री मंत्र का जप कब करना चाहिए?

सर्वोत्तम समय प्रातःकाल (सूर्योदय) और सायंकाल (सूर्यास्त) है। इसे ध्यान या पूजा के समय भी जपा जा सकता है।

7. गायत्री मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

इसे 108 बार जपने का विधान है। माला का उपयोग करना भी उचित माना जाता है।

8. क्या गायत्री मंत्र का जप कोई भी कर सकता है?

हां, गायत्री मंत्र का जप कोई भी व्यक्ति कर सकता है, बशर्ते वह शुद्धता और श्रद्धा का पालन करे।

9. गायत्री मंत्र का जप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  1. शुद्धता (शारीरिक और मानसिक)।
  2. एकाग्रता।
  3. साफ स्थान और शांत वातावरण।

10. गायत्री मंत्र का बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

गायत्री मंत्र बच्चों की बुद्धि, स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बढ़ाता है।

11. क्या गायत्री मंत्र केवल हिन्दू धर्म के लोगों के लिए है?

गायत्री मंत्र सार्वभौमिक है और इसे किसी भी धर्म, जाति या पंथ का व्यक्ति जप सकता है।

12. गायत्री मंत्र के जप से क्या लाभ होता है?

  1. मानसिक शांति।
  2. नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
  3. आत्मबल और सकारात्मक सोच।
  4. स्वास्थ्य में सुधार।

13. गायत्री मंत्र के जप में कितनी देर लगती है?

108 बार जप करने में लगभग 15-20 मिनट का समय लगता है।

14. गायत्री मंत्र का उच्चारण कैसे करें?

गायत्री मंत्र का उच्चारण स्पष्ट, सही उच्चारण और धीमी गति से करना चाहिए। गलत उच्चारण से लाभ नहीं मिलता।

15. क्या गायत्री मंत्र को गुप्त रूप से जपना चाहिए?

गायत्री मंत्र का जप व्यक्तिगत और ध्यानमग्न होकर करना उचित है, लेकिन इसे गुप्त रखने की आवश्यकता नहीं है।

अतिरिक्त सुझाव:

गायत्री मंत्र को नियमित रूप से जपने से न केवल आध्यात्मिक लाभ मिलता है, बल्कि मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्थिरता भी प्राप्त होती है।

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