Sponsered
Lakshmi

अगर स्वस्थ रहना है तो इन संकेतों का रक्खें ध्यान

Sponsered

अगर स्वस्थ रहना है तो इन संकेतों का रक्खें ध्यान

घरमें सभी प्रकार की दवाईयां ऐयर टाइट (Air Tight) डिब्बो में बंध कर के रखें। क्योकि खूली दवाईया नकारात्मक उर्जा पैदा करती हैं जिससे रोगो की वृद्धि होती हैं जो घर के स्वस्थ्य व्यक्ति को भी शीघ्र रोगी बनादेता हैं।

अपने बैड रुम में किसी भी प्रकार के मिरर या अन्य सामग्री जिससे शरीर का रिफ्लेक्शन होता हों जैसे आईना,
टीवी इत्यादि वस्तुओं उसे ढक कर रखे या बैडरुम से निकाल दें।

यदि निवास स्थान पर मंदिर की परछाई पड़ रही हो, तो गृहस्वामी को अनेक प्रकार के कष्ट भोगने पढ़ते हैं।

यदि निवास स्थान के सम्मुख बडा खंभा हो तो स्त्रियों में दोष उत्पन्न होता हैं।

यदि निवास स्थान के सम्मुख श्मशान-कब्रस्तान हो तो रोगादि भय होता है।

यदि निवास स्थान के सामने भट्टी हो तो पुत्र संतत्ति का नाश होता है।

भवन के ऊपर से बिजली के हाई वोल्टेज वाले तारों का गुजरने से स्वास्थ्य समस्याएं घेरे रहती हैं।

जिस भूमि आग्नेय, ईशान व वायव्य से ऊंची, वायव्य व आग्नेय से नीची और नैऋत्य से नीची हो, एसे प्लाट
को स्वमुख भूखंड कहाजाता हैं। स्वमुख में निवास करने वाले व्यक्ति सदैव रोगग्रस्त रहते हैं और धन का नाश
भी होता है।

अगर स्वस्थ रहना है तो इन संकेतों का रक्खें ध्यान

निवास हेतु जो ब्रह्मस्थान से नीचा व अन्य सभी दिशाओं से ऊंचा हो उसे नागपृष्ठ वास्तु कहा जाता हैं।
नागपृष्ठ भूमि पर निवास करने वाले की पुत्री को अधिक कष्ट होते हैं व परिवार में रोगों की वृद्धि होती हैं।

निवास हेतु उत्तर से ऊंची व दक्षिण से नीची भूमि हो उसे यमवीथी भूखंड कहा जाता है। यमवीथी भूमि पर
वास करने से भवन में निवास करने वाले रोगग्रस्त होता है।

निवास स्थान हेतु असमान आकार वाली अर्थात भुजाओं व असमान कोणों वाले भूखंड रोगकारक, शोककारक होते
हैं।

जिस भूखंड का आकार घड़े के समान हो वहां निवास करने वाले व्यक्तियों को कुष्ठ का रोग होने की संभावना
अधिक रहती है।

यदि प्लाट की दक्षिण दिशा अगर दूषित या अधिक खुली हो तो निवास कर्ता को शत्रु भय व रोग प्रदान करने
वाले होती हैं।

यदिघर का वायव्य कोण सबसे बड़ा या ज्यादा गोलाकार है तो गृहस्वामी को गुप्त रोग होने की संभावना होती
हैं।

उत्तम स्वास्थ्य हेतु

निवास हेतु उत्तम भवन दक्षिण से ऊंचा व उत्तर से नीचा होना शुभ होता हैं उसे गणवीथी भूखंड कहा जाता
हैं। गणवीथी भूखंड पर निवास करने से उत्तम आरोग्य की प्राप्ति होती हैं व घर में रोग ज्यादा दिन नहीं रहता।

तुलसी के नियमित सेवन से व्यक्ति के सभी रोग, शोक, पाप-ताप की शांति होती है।

Share
Published by
Soma

Recent Posts

Lottery Sambad Today’s Result September 21, 2025 : Nagaland State Lottery Result 8 PM

Lottery Sambad Dear TOUCAN Sunday Weekly Result – 21 September 2025 The much-awaited Lottery Sambad…

15 hours ago

Lottery Sambad Today’s Result September 21, 2025 : Nagaland State Lottery Result 6 PM

Lottery Sambad Dear VIXEN Sunday Weekly Result – 21 September 2025  Check the official Lottery…

17 hours ago

Official Kerala Lottery Results for 21-09-2025 – Samrudhi Lottery Result (SM-21) Draw

Official Kerala Lottery Results for 21-09-2025 - Samrudhi Lottery Result (SM-21) Draw Kerala Lottery 21-09-2025…

20 hours ago

How Kerala Lottery Started in 1967 (Complete History to 2025-2026) – Origin, Reforms, Taxes & Milestones

How Kerala Lottery Began in 1967—and Evolved to 2025: A Complete History with Rules, Taxes…

21 hours ago

Lottery Sambad Today’s Result September 21, 2025 : Nagaland State Lottery Result 1 PM

Lottery Sambad DEAR Yamuna Sunday Result — 21 September 2025: 1st Prize Ticket 76A 46286…

22 hours ago

Kerala Lottery vs Lottery Sambad – What’s the Difference in 2025? Legal Rules, Prize Claims, and Your Net Payout

Kerala Lottery vs Lottery Sambad (2025-2026): Legality, Taxes, Prize Claims & Payouts Explained If you’ve…

1 day ago