काल भैरव चालीसा: (Kaal Bhairav ​​Chalisa) भैरव बाबा की उपासना से मिलती है हर संकट से मुक्ति!

Soma
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काल भैरव चालीसा: (Kaal Bhairav ​​Chalisa) भैरव बाबा की उपासना से मिलती है हर संकट से मुक्ति!


काल भैरव चालीसा: (Kaal Bhairav ​​Chalisa) भैरव बाबा की उपासना से मिलती है हर संकट से मुक्ति!


काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) – भैरव बाबा की उपासना हेतु

काल भैरव भगवान शिव का एक रौद्र रूप हैं, जिन्हें संहारकर्ता और रक्षक के रूप में पूजा जाता है। इनकी उपासना करने से भक्तों को भय, संकट, और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है। काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का नियमित पाठ करने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और सौभाग्य प्राप्त होता है।

Contents

काल भैरव जी को काशी के कोतवाल भी कहा जाता है, जो अपने भक्तों की हर परिस्थिति में रक्षा करते हैं। इस लेख में हम काल भैरव चालीसा,(Kaal Bhairav ​​Chalisa) इसके महत्व, लाभ, विधि और चमत्कारी प्रभावों के बारे में विस्तार से जानेंगे।


काल भैरव का महत्व

काल भैरव की पूजा से दुर्भाग्य, मानसिक तनाव, भूत-प्रेत बाधा और दुश्मनों से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से काल भैरव जी की उपासना करता है, उसे भयमुक्त जीवन प्राप्त होता है।

भैरव बाबा की कृपा से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और व्यवसाय में उन्नति होती है। खासकर वे लोग जो राहु और शनि के कुप्रभाव से पीड़ित होते हैं, उन्हें काल भैरव चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए।

भैरव जी को मदिरा, नारियल, तेल और उड़द का भोग लगाने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी पूजा से रोग, बाधा, कर्ज और विवाद समाप्त हो जाते हैं।

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa)


काल भैरव चालीसा
(Kaal Bhairav ​​Chalisa)


दोहा

श्री गणपति गुरु गौरी पद प्रेम सहित धरि माथ। चालीसा वंदन करो श्री शिव भैरवनाथ॥ श्री भैरव संकट हरण मंगल करण कृपाल। श्याम वरण विकराल वपु लोचन लाल विशाल॥

चालीसा

जय जय श्री काली के लाला। जयति जयति काशी-कुतवाला॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी। जयति काल-भैरव बलकारी॥

जयति नाथ-भैरव विख्याता। जयति सर्व-भैरव सुखदाता॥
भैरव रूप कियो शिव धारण। भव के भार उतारण कारण॥

भैरव रव सुनि हवै भय दूरी। बटुक नाथ हो काल गंभीरा। श्‍वेत रक्त अरु श्याम शरीरा॥
करत नीनहूं रूप प्रकाशा। भरत सुभक्तन कहं शुभ आशा॥

रत्‍न जड़ित कंचन सिंहासन। व्याघ्र चर्म शुचि नर्म सुआनन॥
तुमहि जाइ काशिहिं जन ध्यावहिं। विश्वनाथ कहं दर्शन पावहिं॥

जय प्रभु संहारक सुनन्द जय। जय उन्नत हर उमा नन्द जय॥
भीम त्रिलोचन स्वान साथ जय। वैजनाथ श्री जगतनाथ जय॥

महा भीम भीषण शरीर जय। रुद्र त्रयम्बक धीर वीर जय॥
अश्‍वनाथ जय प्रेतनाथ जय। स्वानारुढ़ सयचंद्र नाथ जय॥

निमिष दिगंबर चक्रनाथ जय। गहत अनाथन नाथ हाथ जय॥ त्रेशलेश भूतेश चंद्र जय। क्रोध वत्स अमरेश नन्द जय॥

श्री वामन नकुलेश चण्ड जय। कृत्याऊ कीरति प्रचण्ड जय॥
रुद्र बटुक क्रोधेश कालधर। चक्र तुण्ड दश पाणिव्याल धर॥

करि मद पान शम्भु गुणगावत। चौंसठ योगिन संग नचावत॥ करत कृपा जन पर बहु ढंगा। काशी कोतवाल अड़बंगा॥

देयं काल भैरव जब सोटा। नसै पाप मोटा से मोटा॥
जनकर निर्मल होय शरीरा। मिटै सकल संकट भव पीरा॥

श्री भैरव भूतों के राजा। बाधा हरत करत शुभ काजा॥
ऐलादी के दुख निवारयो। सदा कृपाकरि काज सम्हारयो॥

सुन्दर दास सहित अनुरागा। श्री दुर्वासा निकट प्रयागा॥
श्री भैरव जी की जय लेख्यो। सकल कामना पूरण देख्यो॥

 काल भैरव चालीसा: (Kaal Bhairav ​​Chalisa) भैरव बाबा की उपासना से मिलती है हर संकट से मुक्ति!
काल भैरव चालीसा: (Kaal Bhairav ​​Chalisa) भैरव बाबा की उपासना से मिलती है हर संकट से मुक्ति!

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ क्यों करें?

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और धन, स्वास्थ्य एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है।

  1. भयमुक्त जीवन: काल भैरव जी के भक्त कभी किसी भय या शत्रु से ग्रस्त नहीं होते।
  2. संकटों से रक्षा: कठिन परिस्थितियों में काल भैरव जी की कृपा से संकट टल जाते हैं
  3. रोग और कष्टों से मुक्ति: काल भैरव चालीसा के प्रभाव से शारीरिक और मानसिक पीड़ा दूर होती है।
  4. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा: यह चालीसा भूत-प्रेत बाधाओं और टोटकों से बचाव करती है।
  5. व्यापार और करियर में उन्नति: नौकरी और व्यवसाय में सफलता प्राप्त होती है।

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ विधि

  1. स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. भैरव बाबा के चित्र के सामने दीपक जलाएं।
  3. चंदन, भोग, पुष्प और काले तिल अर्पित करें।
  4. हाथ में जल लेकर काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का संकल्प लें
  5. शुद्ध उच्चारण के साथ चालीसा का पाठ करें।
  6. अंत में आरती करें और प्रसाद बांटें

यदि कोई शनिवार या रविवार को काल भैरव चालीसा का पाठ करे, तो विशेष लाभ मिलता है।


काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने के नियम

  1. पाठ रोज़ या सप्ताह में एक बार अवश्य करें।
  2. पाठ के दौरान एकाग्रता और श्रद्धा बनाए रखें।
  3. मांसाहार और नशे से बचें, जिससे शुद्धता बनी रहे
  4. यदि संभव हो, तो पाठ के बाद काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।
  5. भैरव जी को सरसों का तेल और नींबू अर्पित करें।

इन नियमों का पालन करने से काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का प्रभाव तीव्र होता है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।


काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ कब करें?

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) को रोजाना या विशेष दिनों में पढ़ सकते हैं:

  • रविवार और मंगलवार: इन दिनों पाठ करने से शत्रुओं का नाश होता है।
  • शनिवार: शनि दोष से मुक्ति के लिए अत्यंत प्रभावी होता है।
  • रात्रि के समय: रात में पाठ करने से भय, बुरी शक्तियों और अनिष्ट ग्रहों का प्रभाव खत्म होता है।
  • भैरव अष्टमी: इस दिन पाठ करने से अखंड पुण्य और विशेष कृपा प्राप्त होती है।

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) के चमत्कारी लाभ

  1. दुश्मनों से सुरक्षा: काल भैरव जी के भक्त पर कोई शत्रु विजय प्राप्त नहीं कर सकता।
  2. भूत-प्रेत बाधा से रक्षा: नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है
  3. अचानक धन लाभ: व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों के लिए धन-लाभ का कारण बनता है।
  4. मन की शांति: मानसिक तनाव और अवसाद में काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) वरदान साबित होती है।
  5. कानूनी मामलों में सफलता: यदि कोई व्यक्ति मुकदमे में फंसा हो तो काल भैरव चालीसा पढ़ने से जीत संभव होती है।

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने से कौन-कौन से दोष दूर होते हैं?

  1. राहु और शनि दोष: जिन लोगों की कुंडली में राहु या शनि भारी हो, वे इस चालीसा का पाठ करें।
  2. कालसर्प दोष: काल भैरव जी की उपासना करने से कालसर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
  3. पित्र दोष: पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए यह पाठ अत्यंत प्रभावी होता है।
  4. अकस्मात दुर्घटनाओं से बचाव: वाहन दुर्घटनाओं से रक्षा के लिए भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) बेहद प्रभावी होती है।
  5. नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश: घर-परिवार में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा हो, तो यह पाठ अवश्य करें।

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का नियमित पाठ करने से सभी कष्टों का निवारण होता है और व्यक्ति को शांति, सुख, समृद्धि और सुरक्षा प्राप्त होती है। काल भैरव जी की कृपा से शत्रु परास्त होते हैं, दुर्भाग्य दूर होता है और जीवन में आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

जो भक्त सच्चे मन से इस चालीसा का पाठ करते हैं, उन्हें भैरव बाबा की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि आप अपने जीवन में संकट, भय, बाधाएं, धन की कमी या कानूनी परेशानियों से जूझ रहे हैं, तो काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ आपके लिए अचूक उपाय साबित हो सकता है।

काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) – सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)


1. काल भैरव कौन हैं?

उत्तर: काल भैरव भगवान शिव का एक रौद्र और दिव्य रूप हैं। वे संहार, सुरक्षा और न्याय के देवता माने जाते हैं। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है, क्योंकि वे वहां के रक्षक हैं।

2. काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) क्या है?

उत्तर: काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) 40 चौपाइयों का एक पवित्र पाठ है, जो भैरव बाबा की कृपा पाने और संकटों से मुक्ति के लिए किया जाता है।


3. काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने के लाभ क्या हैं?

उत्तर: इसका पाठ करने से भूत-प्रेत बाधा, शत्रु भय, धन की कमी, मानसिक तनाव और कानूनी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।


4. काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?

उत्तर: इस चालीसा का पाठ रोजाना, विशेष रूप से रविवार, मंगलवार या शनिवार को करना शुभ माना जाता है। रात्रि में करने से अधिक लाभ होता है।


5. काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ कैसे करें?

उत्तर: स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर, दीपक जलाकर, भगवान भैरव के समक्ष बैठकर श्रद्धा से काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करें।


6. क्या काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने से आर्थिक स्थिति सुधरती है?

उत्तर: हां, इसका पाठ करने से अचानक धन लाभ, नौकरी में तरक्की और व्यापार में वृद्धि होती है।


7. क्या काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) से भूत-प्रेत बाधा समाप्त होती है?

उत्तर: हां, काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जाएं और तंत्र-मंत्र प्रभाव समाप्त हो जाते हैं।


8. काल भैरव को कौन-कौन से भोग अर्पित करने चाहिए?

उत्तर: काल भैरव को सरसों का तेल, काले तिल, नारियल, उड़द दाल, मदिरा और काले कुत्ते को भोजन अर्पित करना शुभ होता है।


9. क्या महिलाएं काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी श्रद्धा और शुद्धता के साथ काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ कर सकती हैं।


10. काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) कितनी बार पढ़नी चाहिए?

उत्तर: रोजाना एक बार पढ़ना उत्तम है, लेकिन विशेष लाभ के लिए 11, 21 या 108 बार पाठ किया जा सकता है।


11. काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर: पाठ के बाद आरती करें, प्रसाद बांटें और जरूरतमंदों को दान दें। काले कुत्ते को रोटी खिलाने से विशेष लाभ मिलता है।


12. क्या काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ करने से कानूनी मामलों में सफलता मिलती है?

उत्तर: हां, जो लोग मुकदमों या कानूनी विवादों में फंसे होते हैं, उन्हें नियमित रूप से काल भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए।


13. क्या काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) राहु और शनि दोष से मुक्ति दिलाती है?

उत्तर: हां, जिन लोगों की कुंडली में राहु, शनि या कालसर्प दोष होता है, वे इस चालीसा के पाठ से राहत पा सकते हैं।


14. क्या काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) अचानक दुर्घटनाओं से बचाव करता है?

उत्तर: हां, इसका पाठ करने से सड़क दुर्घटनाओं, अनहोनी घटनाओं और जीवन के खतरों से सुरक्षा मिलती है।


15. क्या काल भैरव चालीसा (Kaal Bhairav ​​Chalisa) का पाठ केवल भैरव मंदिर में ही किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, आप इसे घर पर या किसी भी पवित्र स्थान पर कर सकते हैं, लेकिन भैरव मंदिर में करना अधिक शुभ होता है।


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