गोरखनाथ चालीसा: (Gorakhnath Chalisa) गुरु गोरखनाथ जी की कृपा से बदल जाएगी आपकी किस्मत!

Soma
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गोरखनाथ चालीसा: (Gorakhnath Chalisa) गुरु गोरखनाथ जी की कृपा से बदल जाएगी आपकी किस्मत!

गोरखनाथ चालीसा: (Gorakhnath Chalisa) गुरु गोरखनाथ जी की कृपा से बदल जाएगी आपकी किस्मत!


गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) – गुरु गोरखनाथ जी की महिमा का वर्णन

गुरु गोरखनाथ जी भारत के महान योगी और संत थे, जिनका जीवन पूरी तरह से तपस्या, भक्ति और जनकल्याण के लिए समर्पित था। गोरखनाथ जी को नाथ संप्रदाय के प्रमुख आचार्य माना जाता है। उनकी कृपा से असंख्य भक्तों का जीवन सुधर गया। गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) उनकी महिमा और चमत्कारों का वर्णन करने वाला एक महत्वपूर्ण भजन है, जिसे श्रद्धालु भक्ति भाव से गाते हैं। यह चालीसा न केवल आध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियों को भी दूर करने में सहायक होती है।

Contents

गुरु गोरखनाथ जी कौन थे?

गुरु गोरखनाथ जी को शिवजी का अवतार माना जाता है। वे नाथ संप्रदाय के संस्थापक गुरु मच्छिंद्रनाथ जी के प्रमुख शिष्य थे। उन्होंने अपने जीवन में अनेक चमत्कार किए और समाज को योग और तपस्या का महत्व समझाया। उनकी शिक्षाएँ धर्म, भक्ति और ध्यान पर आधारित थीं। गोरखनाथ जी ने न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को योग का महत्व बताया। उनके अनुयायी उन्हें भगवान शिव का अवतार मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं।


गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का महत्व

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) के पाठ से व्यक्ति को आध्यात्मिक बल, सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह चालीसा जीवन की कठिनाइयों को दूर करने और सभी इच्छाओं को पूरा करने में सहायक मानी जाती है। जो भी व्यक्ति नित्य श्रद्धा भाव से गोरखनाथ चालीसा का पाठ करता है, उसे सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa)

|| गोरखनाथ चालीसा ||
(Gorakhnath Chalisa)

।श्री गणेशाय नमः।
श्री स्वामी सामर्थाय नमः ।

॥ दोहा ॥


गणपति गिरजा पुत्र को । सुमिरूँ बारम्बार ।
हाथ जोड़ बिनती करूँ । शारद नाम आधार ॥

॥ चौपाई ॥


जय जय गोरख नाथ अविनासी । कृपा करो गुरु देव प्रकाशी ॥१॥
जय जय जय गोरख गुण ज्ञानी । इच्छा रुप योगी वरदानी ॥२॥

अलख निरंजन तुम्हरो नामा । सदा करो भक्तन हित कामा ॥३॥
नाम तुम्हारा जो कोई गावे । जन्म जन्म के दुःख मिट जावे ॥४॥

जो कोई गोरख नाम सुनावे । भूत पिसाच निकट नहीं आवे ॥५॥
ज्ञान तुम्हारा योग से पावे । रुप तुम्हारा लख्या न जावे ॥६॥

निराकर तुम हो निर्वाणी । महिमा तुम्हारी वेद न जानी ॥७॥
घट घट के तुम अन्तर्यामी । सिद्ध चौरासी करे प्रणामी ॥८॥

भस्म अंग गल नाद विराजे । जटा शीश अति सुन्दर साजे ॥९॥
तुम बिन देव और नहीं दूजा । देव मुनि जन करते पूजा ॥१०॥

चिदानन्द सन्तन हितकारी । मंगल करुण अमंगल हारी ॥११॥
पूर्ण ब्रह्म सकल घट वासी । गोरख नाथ सकल प्रकाशी ॥१२॥

गोरख गोरख जो कोई ध्यावे । ब्रह्म रुप के दर्शन पावे ॥१३॥
शंकर रुप धर डमरु बाजे । कानन कुण्डल सुन्दर साजे ॥१४॥

नित्यानन्द है नाम तुम्हारा । असुर मार भक्तन रखवारा ॥१५॥
अति विशाल है रुप तुम्हारा । सुर नर मुनि पावै न पारा ॥१६॥

दीन बन्धु दीनन हितकारी । हरो पाप हम शरण तुम्हारी ॥१७॥
योग युक्ति में हो प्रकाशा । सदा करो संतन तन वासा ॥१८॥

प्रातःकाल ले नाम तुम्हारा । सिद्धि बढ़ै अरु योग प्रचारा ॥१९॥
हठ हठ हठ गोरक्ष हठीले । मार मार वैरी के कीले ॥२०॥

चल चल चल गोरख विकराला । दुश्मन मार करो बेहाला ॥२१॥
जय जय जय गोरख अविनासी । अपने जन की हरो चौरासी॥२२॥

अचल अगम है गोरख योगी । सिद्धि देवो हरो रस भोगी ॥२३॥
काटो मार्ग यम को तुम आई । तुम बिन मेरा कौन सहाई ॥२४॥

अजर-अमर है तुम्हारी देहा । सनकादिक सब जोरहिं नेहा ॥२५॥
कोटिन रवि सम तेज तुम्हारा । है प्रसिद्ध जगत उजियारा ॥२६॥

योगी लखे तुम्हारी माया । पार ब्रह्मा से ध्यान लगाया ॥२७॥
ध्यान तुम्हारा जो कोई लावे । अष्टसिद्धि नव निधि घर पावे ॥२८॥

शिव गोरख है नाम तुम्हारा । पापी दुष्ट अधम को तारा ॥२९॥
अगम अगोचर निर्भय नाथा । सदा रहो सन्तन के साथा ॥३०॥

शंकर रूप अवतार तुम्हारा । गोपीचन्द्र भरथरी को तारा ॥३१॥
सुन लीजो प्रभु अरज हमारी । कृपासिन्धु योगी ब्रह्मचारी ॥३२॥

पूर्ण आस दास की कीजे । सेवक जान ज्ञान को दीजे ॥३३॥
पतित पावन अधम अधारा । तिनके हेतु तुम लेत अवतारा ॥३४॥

अलख निरंजन नाम तुम्हारा । अगम पन्थ जिन योग प्रचारा ॥३५॥
जय जय जय गोरख भगवाना । सदा करो भक्तन कल्याना ॥३६॥

जय जय जय गोरख अविनासी । सेवा करै सिद्ध चौरासी ॥३७॥
जो ये पढ़हि गोरख चालीसा । होय सिद्ध साक्षी जगदीशा ॥३८॥

हाथ जोड़कर ध्यान लगावे । और श्रद्धा से भेंट चढ़ावे ॥३९॥
बारह पाठ पढ़ै नित जोई । मनोकामना पूर्ण होइ ॥४०॥

॥ दोहा ॥


सुने सुनावे प्रेम वश । पूजे अपने हाथ ।
मन इच्छा सब कामना । पूरे गोरखनाथ ॥
अगम अगोचर नाथ तुम । पारब्रह्म अवतार ।
कानन कुण्डल सिर जटा । अंग विभूति अपार ॥
सिद्ध पुरुष योगेश्वरो । दो मुझको उपदेश ।
हर समय सेवा करुँ । सुबह शाम आदेश ॥

॥ इति श्री गोरखनाथ चालीसा ॥

॥ श्रीगुरुदत्तात्रेयार्पणमस्तु ॥
|| श्री स्वामी समर्थापर्ण मस्तु||

गोरखनाथ चालीसा: (Gorakhnath Chalisa) गुरु गोरखनाथ जी की कृपा से बदल जाएगी आपकी किस्मत!
गोरखनाथ चालीसा: (Gorakhnath Chalisa) गुरु गोरखनाथ जी की कृपा से बदल जाएगी आपकी किस्मत!

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) के लाभ

1. बाधाओं से मुक्ति

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का नियमित पाठ करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर हो जाती हैं। अगर कोई व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा, भय या अज्ञात शत्रुओं से परेशान है, तो यह चालीसा उसकी रक्षा करती है।

2. आर्थिक स्थिति में सुधार

भक्तों का मानना है कि इस चालीसा का पाठ करने से धन-संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं और व्यक्ति की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है। व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों को इसे विशेष रूप से पढ़ना चाहिए।

3. स्वास्थ्य लाभ

यह चालीसा शरीर और मन को शुद्ध करती है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है। गोरखनाथ जी की कृपा से कई भक्तों को चमत्कारी रूप से रोगों से मुक्ति मिली है।

4. आध्यात्मिक उन्नति

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से जागरूक करती है और उसे ईश्वर के करीब लाने में मदद करती है। यह चालीसा ध्यान और योग के लिए भी अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है।


गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) की रचना

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) में 40 चौपाइयाँ होती हैं, जो गुरु गोरखनाथ जी की महिमा, चमत्कार और कृपा का विस्तार से वर्णन करती हैं। यह चालीसा संस्कृत और अवधी भाषा में रचित है, जिसे पढ़ने से व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त होती है।


गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने की विधि

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है:

  1. प्रतिदिन प्रातः या संध्या समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  2. गोरखनाथ जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाएँ।
  3. गाय के घी का दीपक जलाकर धूप-दीप करें।
  4. माला लेकर या मन ही मन गोरखनाथ चालीसा का पाठ करें।
  5. पाठ समाप्त होने के बाद प्रसाद चढ़ाएँ और प्रसाद ग्रहण करें।
  6. यदि संभव हो, तो गुरुवार या मंगलवार को व्रत रखकर चालीसा का पाठ करें।

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) से जुड़े कुछ चमत्कारी प्रसंग

1. रोगों से मुक्ति

कई भक्तों का अनुभव है कि जब वे गोरखनाथ चालीसा का पाठ करते हैं, तो उन्हें अचानक ही स्वास्थ्य लाभ मिल जाता है। एक भक्त को गंभीर बीमारी थी, लेकिन गोरखनाथ चालीसा के नित्य पाठ से वह ठीक हो गया।

2. आर्थिक संकट से छुटकारा

एक व्यापारी भारी कर्ज में डूबा हुआ था। उसने श्रद्धा से गोरखनाथ चालीसा का पाठ करना शुरू किया और कुछ ही महीनों में उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार आ गया।

3. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

कई लोग बताते हैं कि गोरखनाथ चालीसा का पाठ करने से उन्हें भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति मिली। नकारात्मक शक्तियाँ दूर हो गईं और जीवन में सकारात्मकता आई।


गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ कब और कैसे करें?

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) को किसी भी दिन पढ़ा जा सकता है, लेकिन यदि विशेष लाभ प्राप्त करना हो, तो गुरुवार और मंगलवार को पाठ करना उत्तम माना जाता है। इस चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष समय नहीं होता, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त में इसका पाठ करने से अधिक लाभ मिलता है।


गोरखनाथ जी की कृपा कैसे प्राप्त करें?

गुरु गोरखनाथ जी की कृपा प्राप्त करने के लिए कुछ विशेष उपाय किए जा सकते हैं:

  1. प्रतिदिन गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ करें
  2. गुरुवार को उपवास रखें और गोरखनाथ मंदिर में दर्शन करें।
  3. गाय को हरा चारा खिलाएँ और जरूरतमंदों को भोजन कराएँ।
  4. गुरु गोरखनाथ जी के मंत्र का जाप करें, जैसे – “ॐ गोरक्षनाथाय नमः”।
  5. योग और ध्यान का अभ्यास करें, क्योंकि गुरु गोरखनाथ जी ने योग को सर्वोत्तम मार्ग बताया है।

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक दिव्य शक्ति है, जो व्यक्ति के जीवन को बदल सकती है। यह चालीसा न केवल शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का समाधान करती है, बल्कि व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक भी ले जाती है। जो भी श्रद्धालु इसे सच्चे मन से पढ़ता है, उसके जीवन में शांति, समृद्धि और सुख अवश्य आता है। अगर आप भी अपने जीवन की परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं और गोरखनाथ जी की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का नित्य पाठ करें

गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल और जवाब

1. गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) क्या है?

गोरखनाथ चालीस (Gorakhnath Chalisa) एक धार्मिक भजन है, जिसमें गुरु गोरखनाथ जी की महिमा और चमत्कारों का वर्णन किया गया है। इसका नियमित पाठ करने से भक्तों को आध्यात्मिक और सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं।

2. गोरखनाथ जी कौन थे?

गोरखनाथ जी एक महान योगी और संत थे, जिन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। उन्होंने नाथ संप्रदाय की स्थापना की और समाज को योग, भक्ति और तपस्या का मार्ग दिखाया।

3. गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

इसका पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, आर्थिक उन्नति और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्राप्त होती है। यह चालीसा भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है।

4. गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) कितनी चौपाइयों से बनी होती है?

यह चालीसा 40 चौपाइयों से बनी होती है, जिसमें गुरु गोरखनाथ जी के जीवन, चमत्कारों और कृपा का विस्तार से वर्णन किया गया है।

5. गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?

इसका पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन गुरुवार और मंगलवार को पाठ करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पाठ करने से अधिक लाभ होता है।

6. क्या गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने से आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं?

हाँ, इस चालीसा के पाठ से आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और धन का आगमन होता है। कई व्यापारियों और नौकरीपेशा लोगों को इससे लाभ मिला है।

7. क्या यह चालीसा बुरी शक्तियों से बचाती है?

जी हाँ, गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ भूत-प्रेत बाधाओं, नजर दोष और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करता है। यह सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है।

8. क्या गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने से स्वास्थ्य लाभ होता है?

हाँ, इसका पाठ करने से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार मिलता है। यह तनाव, चिंता और बीमारियों को दूर करने में सहायक होती है।

9. गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ कैसे करना चाहिए?

स्वच्छ वस्त्र पहनकर, गुरु गोरखनाथ जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठकर, धूप-दीप जलाकर श्रद्धा से पाठ करें। अगरबत्ती और घी का दीपक जलाने से अधिक लाभ होता है।

10. क्या इस चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएँ पूरी होती हैं?

हाँ, जो भी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस चालीसा का पाठ करता है, उसकी सभी इच्छाएँ पूरी होती हैं

11. क्या यह चालीसा केवल हिंदू धर्म के लोग ही पढ़ सकते हैं?

नहीं, गोरखनाथ जी सभी धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से पूजनीय हैं। कोई भी व्यक्ति श्रद्धा से इसका पाठ कर सकता है और लाभ प्राप्त कर सकता है।

12. गोरखनाथ जी का सबसे प्रसिद्ध मंत्र कौन सा है?

गोरखनाथ जी का प्रसिद्ध मंत्र है – “ॐ गोरक्षनाथाय नमः”। इस मंत्र का जाप करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।

13. गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) कितने दिनों तक पढ़नी चाहिए?

आप इसे प्रतिदिन पढ़ सकते हैं, लेकिन कम से कम 40 दिनों तक लगातार पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है।

14. क्या गोरखनाथ चालीसा (Gorakhnath Chalisa) का पाठ करने से आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है?

हाँ, यह चालीसा व्यक्ति को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाती है और उसे ईश्वर के करीब लाती है।

15. गोरखनाथ जी की पूजा के लिए कौन से फूल और प्रसाद चढ़ाने चाहिए?

गुरु गोरखनाथ जी को गुड़, दही, दूध, और बेलपत्र अर्पित करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को आशीर्वाद देते हैं।

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