गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) – माँ गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए

Soma
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गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) – माँ गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए

गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) – माँ गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए

गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का जादू: माँ गंगा की कृपा कैसे प्राप्त करें, जानिए पूरी विधि!

भारत में गंगा नदी को पवित्र और आध्यात्मिक रूप से अत्यधिक महत्व दिया गया है। इसे “गंगादेवी” के नाम से पूजा जाता है, और हिंदू धर्म में इसकी महिमा अत्यधिक है। गंगा चालीसा एक ऐसा अद्भुत मंत्र है, जिसका पाठ करने से व्यक्ति की समस्याएँ दूर होती हैं और उसे माँ गंगा की कृपा प्राप्त होती है। यह चालीसा गंगा देवी की महिमा का बखान करते हुए उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। इस लेख में हम गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के बारे में विस्तार से जानेंगे और यह भी समझेंगे कि इसका पाठ करने से जीवन में किस तरह के लाभ मिल सकते हैं।

Contents
  • गंगा चालीसा (Ganga Chalisa)
  • गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का महत्व

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) 40 श्लोकों से मिलकर बनती है। यह श्लोक गंगा माँ के अद्भुत रूप, उनकी महिमा और उनके आशीर्वाद की चर्चा करते हैं। चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में पवित्रता, धन, और समृद्धि आती है। इसके अलावा, यह दुःख, पीड़ा, और रोगों से मुक्ति दिलाने में भी सहायक है। गंगा नदी को मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है, और गंगा चालीसा पढ़ने से मोक्ष का लाभ भी मिलता है।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने के लिए भी किया जाता है। इससे व्यक्ति के अंदर अच्छे विचार, सकारात्मकता, और धैर्य का विकास होता है। यह चालीसा व्यक्ति को एक नई दिशा दिखाने का काम करती है, जिससे उसकी आध्यात्मिक यात्रा सरल और प्रभावी होती है।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa)

    गंगा चालीसा
    (Ganga Chalisa)


    मात शैल्सुतास पत्नी ससुधाश्रंगार धरावली ।
    स्वर्गारोहण जैजयंती भक्तीं भागीरथी प्रार्थये।।

    ।।दोहा।।

    जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग।
    जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग।।

    जय जय जननी हराना अघखानी। आनंद करनी गंगा महारानी।।
    जय भगीरथी सुरसरि माता। कलिमल मूल डालिनी विख्याता।।

    जय जय जहानु सुता अघ हनानी। भीष्म की माता जगा जननी।।
    धवल कमल दल मम तनु सजे। लखी शत शरद चंद्र छवि लजाई।।

    वहां मकर विमल शुची सोहें। अमिया कलश कर लखी मन मोहें।।
    जदिता रत्ना कंचन आभूषण। हिय मणि हर, हरानितम दूषण।।

    जग पावनी त्रय ताप नासवनी। तरल तरंग तुंग मन भावनी।।
    जो गणपति अति पूज्य प्रधान। इहूं ते प्रथम गंगा अस्नाना।।

    ब्रह्मा कमंडल वासिनी देवी। श्री प्रभु पद पंकज सुख सेवि।।
    साथी सहस्त्र सागर सुत तरयो। गंगा सागर तीरथ धरयो।।

    अगम तरंग उठ्यो मन भवन। लखी तीरथ हरिद्वार सुहावन।।
    तीरथ राज प्रयाग अक्षैवेता। धरयो मातु पुनि काशी करवत।।

    धनी धनी सुरसरि स्वर्ग की सीधी। तरनी अमिता पितु पड़ पिरही।।
    भागीरथी ताप कियो उपारा। दियो ब्रह्म तव सुरसरि धारा।।

    जब जग जननी चल्यो हहराई। शम्भु जाता महं रह्यो समाई।।
    वर्षा पर्यंत गंगा महारानी। रहीं शम्भू के जाता भुलानी।।

    पुनि भागीरथी शम्भुहीं ध्यायो। तब इक बूंद जटा से पायो
    ताते मातु भें त्रय धारा। मृत्यु लोक, नाभा, अरु पातारा।।

    गईं पाताल प्रभावती नामा। मन्दाकिनी गई गगन ललामा।।
    मृत्यु लोक जाह्नवी सुहावनी। कलिमल हरनी अगम जग पावनि।।

    धनि मइया तब महिमा भारी। धर्मं धुरी कलि कलुष कुठारी।।
    मातु प्रभवति धनि मंदाकिनी। धनि सुर सरित सकल भयनासिनी।।

    पन करत निर्मल गंगा जल। पावत मन इच्छित अनंत फल।।
    पुरव जन्म पुण्य जब जागत। तबहीं ध्यान गंगा महं लागत।।

    जई पगु सुरसरी हेतु उठावही। तई जगि अश्वमेघ फल पावहि।।
    महा पतित जिन कहू न तारे। तिन तारे इक नाम तिहारे।।

    शत योजन हूं से जो ध्यावहिं। निशचाई विष्णु लोक पद पावहीं।।
    नाम भजत अगणित अघ नाशै। विमल ज्ञान बल बुद्धि प्रकाशे।।

    जिमी धन मूल धर्मं अरु दाना। धर्मं मूल गंगाजल पाना।।
    तब गुन गुणन करत दुख भाजत। गृह गृह सम्पति सुमति विराजत।।

    गंगहि नेम सहित नित ध्यावत। दुर्जनहूं सज्जन पद पावत।।
    उद्दिहिन विद्या बल पावै। रोगी रोग मुक्त हवे जावै।।

    गंगा गंगा जो नर कहहीं। भूखा नंगा कभुहुह न रहहि।।
    निकसत ही मुख गंगा माई। श्रवण दाबी यम चलहिं पराई।।

    महं अघिन अधमन कहं तारे। भए नरका के बंद किवारें।।
    जो नर जपी गंग शत नामा।। सकल सिद्धि पूरण ह्वै कामा।।

    सब सुख भोग परम पद पावहीं। आवागमन रहित ह्वै जावहीं।।
    धनि मइया सुरसरि सुख दैनि। धनि धनि तीरथ राज त्रिवेणी।।

    ककरा ग्राम ऋषि दुर्वासा। सुन्दरदास गंगा कर दासा।।
    जो यह पढ़े गंगा चालीसा। मिली भक्ति अविरल वागीसा।।

    ।।दोहा।।

    नित नए सुख सम्पति लहैं। धरें गंगा का ध्यान।।
    अंत समाई सुर पुर बसल। सदर बैठी विमान।।

    संवत भुत नभ्दिशी। राम जन्म दिन चैत्र।।
    पूरण चालीसा किया। हरी भक्तन हित नेत्र।।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) – माँ गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए
    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) – माँ गंगा की कृपा प्राप्त करने के लिए!

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के फायदे

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का नियमित पाठ करने से अनेक फायदे होते हैं। ये फायदे न केवल मानसिक शांति से संबंधित होते हैं, बल्कि भौतिक और आध्यात्मिक स्तर पर भी इसके प्रभाव साफ देखे जा सकते हैं।

    1. सभी प्रकार की बुराईयों से मुक्ति: गंगा चालीसा का पाठ करने से जीवन में आने वाली बुरी शक्तियों और नकरात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। यह व्यक्ति को मानसिक शांति प्रदान करता है।
    2. धन-धान्य की प्राप्ति: गंगा माँ की कृपा से व्यक्ति के घर में धन, विभूति, और समृद्धि आती है। इसके अलावा, यह व्यापार में वृद्धि और वित्तीय समृद्धि का कारण भी बन सकता है।
    3. रोगों से मुक्ति: गंगा चालीसा का स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। इसके पाठ से कई तरह के शारीरिक और मानसिक रोगों का निदान होता है।
    4. पुण्य का संचय: गंगा चालीसा को पढ़ने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति का जीवन आध्यात्मिक दृष्टिकोण से सही दिशा में चलता है।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ कैसे करें

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ एक साधारण और सीधी प्रक्रिया है। इसके लिए कुछ खास विधियों का पालन करना होता है, ताकि माँ गंगा की कृपा जल्दी से प्राप्त हो सके।

    1. साफ-सुथरे स्थान पर बैठें: गंगा चालीसा का पाठ करते समय आपको साफ-सुथरे स्थान पर बैठना चाहिए। यह आपके मन को शांति प्रदान करता है और ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है।
    2. पवित्र जल का प्रयोग करें: गंगा चालीसा के पाठ से पहले गंगाजल को अपने पास रखें। इसे आप अपने शरीर पर छिड़क सकते हैं या इसे पी सकते हैं।
    3. मौन ध्यान: गंगा चालीसा का पाठ करते वक्त मौन ध्यान केंद्रित रखें। मन को पूरी तरह से गंगा माँ की पूजा और चालीसा के श्लोकों पर केंद्रित करें।
    4. पाठ का समय: गंगा चालीसा का पाठ प्रातः या सांयकाल में करना सबसे अच्छा माना जाता है। यह समय ब्रह्म मुहूर्त या शाम का समय होता है, जो विशेष रूप से शुभ होता है।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के श्लोक

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) में कुल 40 श्लोक होते हैं, जो गंगा माँ की महिमा को प्रकट करते हैं। इन श्लोकों का उच्चारण विशेष रूप से लाभकारी होता है। इनमें से कुछ श्लोक निम्नलिखित हैं:

    1. “जय गंगे, जय गंगे, माँ गंगे की जय!”
    2. “तुम हो पावनी, पवित्रा, सबका उद्धारिनी!”
    3. “गंगा माँ के चरणों में बसते हैं सभी तीरथ, नदियाँ भी कहतीं हैं ‘जय गंगे’!”

    इन श्लोकों का उच्चारण करने से व्यक्ति को गंगा देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसकी आध्यात्मिक शक्ति में वृद्धि होती है।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के पाठ से जीवन में बदलाव

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का नियमित पाठ आपके जीवन में कई तरह के बदलाव ला सकता है। यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानसिक और शारीरिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी है।

    1. मन की शांति: गंगा चालीसा के प्रभाव से व्यक्ति का मन शांति और संतुलन में रहता है। इससे तनाव और चिंता कम होती है।
    2. समस्याओं का समाधान: जो लोग अपने जीवन में समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए गंगा चालीसा एक वरदान साबित हो सकती है। यह उनके जीवन में सकारात्मकता और उत्साह का संचार करती है।
    3. आध्यात्मिक उन्नति: गंगा चालीसा का नियमित पाठ व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है। इससे आध्यात्मिक जागरूकता बढ़ती है और व्यक्ति जीवन के वास्तविक उद्देश्य को समझता है।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) एक ऐसा अद्भुत साधन है, जो गंगा माँ के आशीर्वाद से समस्याओं का समाधान करता है, जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति करता है, और व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है। इस चालीसा का पाठ करने से न केवल आंतरिक शांति मिलती है, बल्कि व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) से जुड़ी सामान्य प्रश्न (FAQ)

    1. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) क्या है?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) एक धार्मिक ग्रंथ है जिसमें 40 श्लोक होते हैं। यह श्लोक गंगा माँ की महिमा और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए होते हैं।

    2. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करने से क्या लाभ होता है?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करने से मानसिक शांति, रोगों से मुक्ति, धन की प्राप्ति, और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

    3. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ किस समय करना चाहिए?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ प्रातः या संध्या समय में करना सबसे अच्छा माना जाता है।

    4. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के श्लोक कितने होते हैं?

    गंगा चालीसा में कुल 40 श्लोक होते हैं।

    5. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करने के लिए क्या विशेष तैयारी करनी चाहिए?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करते समय आपको पवित्र जल का प्रयोग करना चाहिए और एक साफ-सुथरे स्थान पर बैठकर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

    6. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ कितने समय तक करना चाहिए?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ रोजाना 15-20 मिनट के लिए करना चाहिए।

    7. क्या गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के पाठ से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं?

    जी हाँ, गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का नियमित पाठ जीवन में सकारात्मक बदलाव, शांति और समृद्धि लाता है।

    8. क्या गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करने से मोक्ष प्राप्त होता है?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करने से पुण्य अर्जित होता है, जो मोक्ष प्राप्ति के मार्ग को सरल बनाता है।

    9. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ कितने दिन तक करना चाहिए?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ 40 दिन तक निरंतर करना अधिक प्रभावी माना जाता है।

    10. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के श्लोक कौन से हैं?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) के श्लोक गंगा माँ की महिमा को बताते हैं, जैसे “जय गंगे, जय गंगे, माँ गंगे की जय!”

    11. क्या गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ घर में करना संभव है?

    हां, गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ आप अपने घर में भी कर सकते हैं, यह एक व्यक्तिगत पूजा है।

    12. क्या गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) Cका पाठ किसी खास व्यक्ति के लिए किया जा सकता है?

    हां, गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ किसी विशेष व्यक्ति के लिए भी किया जा सकता है, खासकर जब वे किसी मुश्किल स्थिति से गुजर रहे हों।

    13. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करने से कौन से रोगों से मुक्ति मिलती है?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाता है। यह तनाव, चिंता, और अन्य विकारों को कम करने में सहायक है।

    14. क्या गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ व्यक्ति के जीवन में धन, वित्तीय समृद्धि, और सुख लाने में मदद करता है।

    15. गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ किससे सीख सकते हैं?

    गंगा चालीसा (Ganga Chalisa) का पाठ आप किसी गुरु, पंडित, या धार्मिक वेबसाइटों से सीख सकते हैं। साथ ही आप ऑनलाइन वीडियो या धार्मिक किताबें भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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