संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का चमत्कार! ऐसे पाएं माता की असीम कृपा और सुख-समृद्धि

Soma
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संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का चमत्कार! ऐसे पाएं माता की असीम कृपा और सुख-समृद्धि


संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का चमत्कार! ऐसे पाएं माता की असीम कृपा और सुख-समृद्धि


संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) – संतोषी माता की कृपा पाने के लिए

संतोषी माता को धैर्य, संतोष और सुख-समृद्धि की देवी माना जाता है। उनकी पूजा और व्रत करने से भक्तों को जीवन में संतोष, शांति और सफलता प्राप्त होती है। संतोषी माता चालीसा का नियमित पाठ करने से माता की असीम कृपा प्राप्त होती है और सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। इस लेख में हम संतोषी माता चालीसा,(Santoshi Mata Chalisa) इसके महत्व, लाभ और विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Contents

🌺 संतोषी माता कौन हैं?

संतोषी माता को भगवान गणेश जी की पुत्री माना जाता है। वे भक्तों को संतोष, शांति और सुख प्रदान करती हैं। माता की कृपा से धन, वैभव और सौभाग्य प्राप्त होता है। भक्तजन माता के व्रत और चालीसा पाठ से अपनी सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर सकते हैं।

संतोषी माता की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। माता की कृपा से घर में खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है।


🌿 संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का महत्व

चालीसा एक चालीस छंदों का पवित्र पाठ होता है जो देवी-देवताओं की महिमा का वर्णन करता है। संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) के पाठ से भक्तों को माता की सीधी कृपा प्राप्त होती है। यह चालीसा न केवल मन की शांति देती है, बल्कि जीवन में धन-धान्य की भी वृद्धि करती है।

नियमित चालीसा पाठ करने से:
✔ माता की कृपा बनी रहती है।
धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
✔ जीवन के कष्ट और संकट समाप्त होते हैं।
मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है।

संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa)

संतोषी माता चालीसा
(Santoshi Mata Chalisa)

॥ दोहा ॥

बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार ।
ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार ॥
भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम ।
कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम ॥

॥ चौपाई ॥

जय सन्तोषी मात अनूपम ।
शान्ति दायिनी रूप मनोरम ॥

सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा ।
वेश मनोहर ललित अनुपा ॥

श्‍वेताम्बर रूप मनहारी ।
माँ तुम्हारी छवि जग से न्यारी ॥

दिव्य स्वरूपा आयत लोचन ।
दर्शन से हो संकट मोचन ॥ 4 ॥

जय गणेश की सुता भवानी ।
रिद्धि- सिद्धि की पुत्री ज्ञानी ॥

अगम अगोचर तुम्हरी माया ।
सब पर करो कृपा की छाया ॥

नाम अनेक तुम्हारे माता ।
अखिल विश्‍व है तुमको ध्याता ॥

तुमने रूप अनेकों धारे ।
को कहि सके चरित्र तुम्हारे ॥ 8 ॥

धाम अनेक कहाँ तक कहिये ।
सुमिरन तब करके सुख लहिये ॥

विन्ध्याचल में विन्ध्यवासिनी ।
कोटेश्वर सरस्वती सुहासिनी ॥

कलकत्ते में तू ही काली ।
दुष्ट नाशिनी महाकराली ॥

सम्बल पुर बहुचरा कहाती ।
भक्तजनों का दुःख मिटाती ॥ 12 ॥

ज्वाला जी में ज्वाला देवी ।
पूजत नित्य भक्त जन सेवी ॥

नगर बम्बई की महारानी ।
महा लक्ष्मी तुम कल्याणी ॥

मदुरा में मीनाक्षी तुम हो ।
सुख दुख सबकी साक्षी तुम हो ॥

राजनगर में तुम जगदम्बे ।
बनी भद्रकाली तुम अम्बे ॥ 16 ॥

पावागढ़ में दुर्गा माता ।
अखिल विश्‍व तेरा यश गाता ॥

काशी पुराधीश्‍वरी माता ।
अन्नपूर्णा नाम सुहाता ॥

सर्वानन्द करो कल्याणी ।
तुम्हीं शारदा अमृत वाणी ॥

तुम्हरी महिमा जल में थल में ।
दुःख दारिद्र सब मेटो पल में ॥ 20 ॥

जेते ऋषि और मुनीशा ।
नारद देव और देवेशा ।

इस जगती के नर और नारी ।
ध्यान धरत हैं मात तुम्हारी ॥

जापर कृपा तुम्हारी होती ।
वह पाता भक्ति का मोती ॥

दुःख दारिद्र संकट मिट जाता ।
ध्यान तुम्हारा जो जन ध्याता ॥ 24 ॥

जो जन तुम्हरी महिमा गावै ।
ध्यान तुम्हारा कर सुख पावै ॥

जो मन राखे शुद्ध भावना ।
ताकी पूरण करो कामना ॥

कुमति निवारि सुमति की दात्री ।
जयति जयति माता जगधात्री ॥

शुक्रवार का दिवस सुहावन ।
जो व्रत करे तुम्हारा पावन ॥ 28 ॥

गुड़ छोले का भोग लगावै ।
कथा तुम्हारी सुने सुनावै ॥

विधिवत पूजा करे तुम्हारी ।
फिर प्रसाद पावे शुभकारी ॥

शक्ति-सामरथ हो जो धनको ।
दान-दक्षिणा दे विप्रन को ॥

वे जगती के नर औ नारी ।
मनवांछित फल पावें भारी ॥ 32 ॥

जो जन शरण तुम्हारी जावे ।
सो निश्‍चय भव से तर जावे ॥

तुम्हरो ध्यान कुमारी ध्यावे ।
निश्चय मनवांछित वर पावै ॥

सधवा पूजा करे तुम्हारी ।
अमर सुहागिन हो वह नारी ॥

विधवा धर के ध्यान तुम्हारा ।
भवसागर से उतरे पारा ॥ 36 ॥

जयति जयति जय संकट हरणी ।
विघ्न विनाशन मंगल करनी ॥

हम पर संकट है अति भारी ।
वेगि खबर लो मात हमारी ॥

निशिदिन ध्यान तुम्हारो ध्याता ।
देह भक्ति वर हम को माता ॥

यह चालीसा जो नित गावे ।
सो भवसागर से तर जावे ॥ 40 ॥

॥ दोहा ॥

संतोषी माँ के सदा बंदहूँ पग निश वास ।
पूर्ण मनोरथ हो सकल मात हरौ भव त्रास ॥

॥ इति श्री संतोषी माता चालीसा ॥

संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का चमत्कार! ऐसे पाएं माता की असीम कृपा और सुख-समृद्धि
संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का चमत्कार! ऐसे पाएं माता की असीम कृपा और सुख-समृद्धि

🌟 संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) के लाभ

1️⃣ मनोकामनाओं की पूर्ति – माता के चालीसा का पाठ करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
2️⃣ सुख-शांति की प्राप्ति – जीवन में शांति और संतोष आता है।
3️⃣ नकारात्मकता से बचाव – माता की कृपा से सभी बुरी शक्तियां दूर होती हैं।
4️⃣ धन और समृद्धि – घर में लक्ष्मी का वास होता है।
5️⃣ परिवार में प्रेम – पारिवारिक कलह दूर होती है।
6️⃣ आत्मिक शांति – मन में आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता बनी रहती है।


🕉 संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) पाठ विधि

संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) पढ़ने से पहले कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना चाहिए:

स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
✔ माता के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
गुड़-चने का भोग अर्पित करें।
पूर्ण श्रद्धा और ध्यान से चालीसा का पाठ करें।
✔ शुक्रवार के दिन विशेष पूजा और व्रत करें।

अगर यह पाठ 21 दिनों तक किया जाए, तो माता अवश्य कृपा करती हैं।


📜 संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) (हिन्दी में)

॥ दोहा ॥


जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कह सत्य तव कथा, होय संपूर्ण कल्यान॥

॥ चौपाई ॥


जय संतोषी मात भवानी।
करहु कृपा दास की रानी॥

(पूर्ण संतोषी माता चालीसा विस्तार से जोड़ें)


🙏 संतोषी माता व्रत की विधि

शुक्रवार को संतोषी माता का व्रत बहुत शुभ माना जाता है। इसे करने से माता तुरंत कृपा करती हैं।

स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
✔ माता की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं।
गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाएं।
चालीसा और आरती करें।
व्रत के दिन खट्टी चीजें न खाएं।

यदि लगातार 16 शुक्रवार तक यह व्रत रखा जाए, तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


🌸 संतोषी माता की आरती

जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन की, सदा करो भला॥

(पूर्ण आरती विस्तार से जोड़ें)


✨ संतोषी माता के चमत्कारी उपाय

1️⃣ गुड़-चने का भोग – हर शुक्रवार माता को चढ़ाएं।
2️⃣ चालीसा का पाठ – प्रतिदिन या शुक्रवार को जरूर करें।
3️⃣ नकारात्मक विचारों से बचें – माता को प्रसन्न रखने के लिए।
4️⃣ विवाह की बाधा दूर करने के लिए 16 शुक्रवार व्रत करें।
5️⃣ घर में सुख-शांति के लिए माता की आरती और चालीसा करें।


संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) और व्रत का पालन करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। माता का आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धा और नियमपूर्वक चालीसा पाठ करें। माता की कृपा से धन, वैभव, सौभाग्य प्राप्त होता है।

संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. संतोषी माता कौन हैं?

संतोषी माता भगवान गणेश जी की पुत्री हैं, जिन्हें संतोष और शांति की देवी माना जाता है। माता की पूजा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

2. संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का पाठ क्यों किया जाता है?

इस चालीसा का पाठ करने से माता की कृपा मिलती है, धन-धान्य की वृद्धि होती है और संकटों से मुक्ति मिलती है।

3. संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) कब पढ़नी चाहिए?

इसे प्रतिदिन या विशेष रूप से शुक्रवार को पढ़ना शुभ माना जाता है।

4. क्या संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) पाठ के लिए कोई विशेष नियम हैं?

हाँ, पाठ करने से पहले स्नान करें, स्वच्छ वस्त्र पहनें, माता को गुड़-चने का भोग चढ़ाएं और शांत मन से पाठ करें।

5. संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) कितने दिनों तक पढ़ना चाहिए?

अगर 21 दिन या 16 शुक्रवार तक नियमित पढ़ा जाए, तो माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

6. क्या संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) पढ़ने से धन प्राप्त होता है?

हाँ, माता की कृपा से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है और कर्जों से मुक्ति मिलती है।

7. संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) कौन-कौन पढ़ सकता है?

इसे कोई भी व्यक्ति, स्त्री-पुरुष, बच्चा या बुजुर्ग पढ़ सकता है।

8. क्या संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है?

हाँ, 16 शुक्रवार के व्रत और चालीसा पाठ से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।

9. क्या संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) पढ़ने से संतान सुख मिलता है?

हाँ, माता की कृपा से निःसंतान दंपति को संतान सुख प्राप्त हो सकता है।

10. क्या संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) से घर में शांति आती है?

बिल्कुल! माता का चालीसा पढ़ने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है और घर में सुख-शांति आती है।

11. संतोषी माता की पूजा में कौन-कौन से चीजें अर्पित करनी चाहिए?

माता को गुड़ और चने का भोग विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।

12. संतोषी माता के व्रत में क्या नहीं खाना चाहिए?

इस व्रत में खट्टी चीजें (नींबू, दही, इमली, अचार आदि) नहीं खानी चाहिए।

13. क्या संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) का पाठ मोबाइल या किताब से कर सकते हैं?

हाँ, आप मोबाइल, किताब या कंठस्थ करके भी पढ़ सकते हैं।

14. क्या संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) किसी विशेष समस्या के समाधान के लिए पढ़ी जा सकती है?

हाँ, इसे रोग, कर्ज, विवाह, धन, व्यापार और पारिवारिक शांति के लिए पढ़ सकते हैं।

15. संतोषी माता चालीसा (Santoshi Mata Chalisa) पढ़ने का सबसे शुभ समय कौन सा है?

सुबह जल्दी या संध्या के समय पढ़ना शुभ होता है, लेकिन इसे किसी भी समय श्रद्धा से पढ़ा जा सकता है।

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