यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) – माँ यमुना की भक्ति के लिए: जानें कैसे करें माँ यमुना की पूजा और पाएं आशीर्वाद

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यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) – माँ यमुना की भक्ति के लिए: जानें कैसे करें माँ यमुना की पूजा और पाएं आशीर्वाद

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) – माँ यमुना की भक्ति के लिए: जानें कैसे करें माँ यमुना की पूजा और पाएं आशीर्वाद

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) क्या है?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) एक विशेष धार्मिक स्तुति है, जिसे माँ यमुना की पूजा में गाया जाता है। यह चालीसा माँ यमुना के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए बहुत प्रभावशाली मानी जाती है। यमुना चालीसा में कुल 40 श्लोक होते हैं, जिन्हें श्रद्धा भाव से पढ़ने से माँ यमुना की कृपा प्राप्त होती है। यह चालीसा विशेष रूप से भक्तों के लिए है, जो माँ यमुना की भक्ति में विश्वास रखते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।

Contents
यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) – माँ यमुना की भक्ति के लिए: जानें कैसे करें माँ यमुना की पूजा और पाएं आशीर्वादयमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) क्या है?माँ यमुना का महत्वयमुना चालीसा (Yamuna Chalisa)यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के लाभयमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कैसे करें?यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का विशेष महत्वयमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का सही उच्चारणयमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ करने की विशेष विधियमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के श्लोकयमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) से संबंधित पौराणिक कथायमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के प्रभावFAQs: यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa)1. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) क्या है?2. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ क्यों करें?3. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?4. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के श्लोक कितने होते हैं?5. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ किसे करना चाहिए?6. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ विशेष दिनों पर किया जाता है?7. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कैसे करना चाहिए?8. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) से क्या लाभ होते हैं?9. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ रोगों से मुक्ति दिलाता है?10. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ घर में भी किया जा सकता है?11. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का उच्चारण कैसे करना चाहिए?12. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कब शुरू करना चाहिए?13. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के पाठ से पारिवारिक जीवन में सुधार होता है?14. क्या यमुना चालीसा को किसी खास व्रत या उत्सव में पढ़ा जा सकता है?15. क्या यमुना चालीसा का पाठ बड़ों द्वारा भी किया जाता है?

माँ यमुना का महत्व

माँ यमुना भारतीय धर्म और संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। यमुना नदी को पवित्र माना जाता है और इसे विष्णु की शरण मानी जाती है। यमुना नदी का नाम लेते ही हमारे मन में गोकुल, वृंदावन और कृष्ण की यादें ताजा हो जाती हैं। माँ यमुना की पूजा से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि व्यक्ति को धार्मिक शांति और समृद्धि भी मिलती है।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa)

यमुना चालीसा
(Yamuna Chalisa)


॥ दोहा ॥

प्रियसंग क्रीड़ा करत नित, सुखनिधि वेद को सार।
दरस परस ते पाप मिटे, श्रीकृष्ण प्राण आधार॥

यमुना पावन विमल सुजस, भक्तिसकल रस खानि।
शेष महेश वदंन करत, महिमा न जाय बखानि॥

पूजित सुरासुर मुकुन्द प्रिया, सेवहि सकल नर-नार।
प्रकटी मुक्ति हेतु जग, सेवहि उतरहि पार॥

बंदि चरण कर जोरी कहोँ, सुनियों मातु पुकार।
भक्ति चरण चित्त देई के, कीजै भव ते पार॥

॥ चोपाई ॥

जै जै जै यमुना महारानी।
जय कालिन्दि कृष्ण पटरानी॥

रूप अनूप शोभा छवि न्यारी।
माधव-प्रिया ब्रज शोभा भारी॥

भुवन बसी घोर तप कीन्हा।
पूर्ण मनोरथ मुरारी कीन्हा॥

निज अर्धांगी तुम्ही अपनायों।
सावँरो श्याम पति प्रिय पायो॥

रूप अलौकिक अद्भूत ज्योति।
नीर रेणू दमकत ज्यूँ मोती॥

सूर्यसुता श्यामल सब अंगा।
कोटिचन्द्र ध्युति कान्ति अभंगा॥

आश्रय ब्रजाधिश्वर लीन्हा।
गोकुल बसी शुचि भक्तन कीन्हा॥

कृष्ण नन्द घर गोकुल आयों।
चरण वन्दि करि दर्शन पायों॥

सोलह श्रृंगार भुज कंकण सोहे।
कोटि काम लाजहि मन मोहें॥

कृष्णवेश नथ मोती राजत।
नुपूर घुंघरू चरण में बाजत॥

मणि माणक मुक्ता छवि नीकी।
मोहनी रूप सब उपमा फिकी॥

मन्द चलहि प्रिय-प्रीतम प्यारी।
रीझहि श्याम प्रिय प्रिया निहारी॥

मोहन बस करि हृदय विराजत।
बिनु प्रीतम क्षण चैन न पावत॥

मुरलीधर जब मुरली बजावैं।
संग केलि कर आनन्द पावैं॥

मोर हंस कोकिल नित खेलत।
जलखग कूजत मृदुबानी बोलत॥

जा पर कृपा दृष्टि बरसावें।
प्रेम को भेद सोई जन पावें॥

नाम यमुना जब मुख पे आवें।
सबहि अमगंल देखि टरि जावें॥

भजे नाम यमुना अमृत रस।
रहे साँवरो सदा ताहि बस॥

करूणामयी सकल रसखानि।
सुर नर मुनि बंदहि सब ज्ञानी॥

भूतल प्रकटी अवतार जब लीन्हो।
उध्दार सभी भक्तन को किन्हो॥

शेष गिरा श्रुति पार न पावत।
योगी जति मुनी ध्यान लगावत॥

दंड प्रणाम जे आचमन करहि।
नासहि अघ भवसिंधु तरहि॥

भाव भक्ति से नीर न्हावें।
देव सकल तेहि भाग्य सरावें॥

करि ब्रज वास निरंतर ध्यावहि।
परमानंद परम पद पावहि॥

संत मुनिजन मज्जन करहि।
नव भक्तिरस निज उर भरहि॥

पूजा नेम चरण अनुरागी।
होई अनुग्रह दरश बड़भागी॥

दीपदान करि आरती करहि।
अन्तर सुख मन निर्मल रहहि॥

कीरति विशद विनय करी गावत।
सिध्दि अलौकिक भक्ति पावत॥

बड़े प्रेम श्रीयमुना पद गावें।
मोहन सन्मुख सुनन को आवें॥

आतुर होय शरणागत आवें।
कृपाकरी ताहि बेगि अपनावें॥

ममतामयी सब जानहि मन की।
भव पीड़ा हरहि निज जन की॥

शरण प्रतिपाल प्रिय कुंजेश्वरी।
ब्रज उपमा प्रीतम प्राणेश्वरी॥

श्रीजी यमुना कृपा जब होई।
ब्रह्म सम्बन्ध जीव को होई॥

पुष्टिमार्गी नित महिमा गावैं।
कृष्ण चरण नित भक्ति दृढावैं॥

नमो नमो श्री यमुने महारानी।
नमो नमो श्रीपति पटरानी॥

नमो नमो यमुने सुख करनी।
नमो नमो यमुने दु: ख हरनी॥

नमो कृष्णायैं सकल गुणखानी।
श्रीहरिप्रिया निकुंज निवासिनी॥

करूणामयी अब कृपा कीजैं।
फदंकाटी मोहि शरण मे लीजैं॥

जो यमुना चालिसा नित गावैं।
कृपा प्रसाद ते सब सुख पावैं॥

ज्ञान भक्ति धन कीर्ति पावहि।
अंत समय श्रीधाम ते जावहि॥

॥ दोहा ॥

भज चरन चित सुख करन,हरन त्रिविध भव त्रास।
भक्ति पाई आनंद रमन,कृपा दृष्टि ब्रज वास॥

यमुना चालिसा नित नेम ते,पाठ करे मन लाय।
कृष्ण चरण रति भक्ति दृढ, भव बाधा मिट जाय॥

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) – माँ यमुना की भक्ति के लिए: जानें कैसे करें माँ यमुना की पूजा और पाएं आशीर्वाद
यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) – माँ यमुना की भक्ति के लिए: जानें कैसे करें माँ यमुना की पूजा और पाएं आशीर्वाद!

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के लाभ

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का नियमित रूप से पाठ करने से अनेक लाभ होते हैं। इसमें माँ यमुना की महिमा का वर्णन किया गया है, जो भक्तों को शांति और आशीर्वाद प्रदान करता है। इसे पढ़ने से कष्टों का निवारण होता है और व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान भी मिलता है। इसके कुछ प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • जीवन में समृद्धि और खुशहाली आती है।
  • मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।
  • धन और समृद्धि की वृद्धि होती है।
  • पारिवारिक संबंधों में सुधार होता है।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कैसे करें?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम होते हैं, जिन्हें ध्यान में रखना आवश्यक है:

  1. स्नान करके स्वच्छ स्थान पर बैठें।
  2. माँ यमुना का ध्यान करते हुए, दीप जलाएं और तुलसी के पत्ते रखें।
  3. यमुना चालीसा को श्रद्धा भाव से पढ़ें और हर श्लोक का उच्चारण सही से करें।
  4. ध्यान रखें कि पाठ करते समय मन एकाग्र और शांत हो।
  5. पाठ समाप्त करने के बाद, माँ यमुना से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना करें।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का विशेष महत्व

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ न केवल भक्तों को धार्मिक उन्नति दिलाता है, बल्कि यह जीवन में आने वाली विरोधी शक्तियों से भी बचाता है। यह चालीसा विशेष रूप से उन लोगों के लिए है, जो जीवन में कठिनाइयों से गुजर रहे होते हैं। इसके द्वारा अशांति, रोग, और दरिद्रता से छुटकारा मिलता है और मनुष्य को सफलता की प्राप्ति होती है।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कब करना चाहिए?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन यदि इसे प्रात:काल या संध्या समय किया जाए तो इसके प्रभाव और भी अधिक होते हैं। विशेषत: रविवार और पूर्णिमा के दिन यमुना चालीसा का पाठ करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का सही उच्चारण

चालीसा का सही उच्चारण अत्यधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि शब्दों के उच्चारण में ध्यान और श्रद्धा होना चाहिए। यदि शब्दों का उच्चारण सही नहीं होता है, तो पूजा का प्रभाव कम हो सकता है। इसलिए, यमुना चालीसा का पाठ करते समय शब्दों का सही उच्चारण सुनिश्चित करें।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ करने की विशेष विधि

  1. पहले माँ यमुना के चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
  2. यमुना चालीसा के हर श्लोक को ध्यानपूर्वक पढ़ें।
  3. पाठ के बाद, माँ यमुना से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हाथ जोड़कर धन्यवाद अर्पित करें।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के श्लोक

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के श्लोक माँ यमुना की महिमा और उनके विभिन्न रूपों का वर्णन करते हैं। प्रत्येक श्लोक में यमुना के अद्भुत गुणों, उनके प्रभाव और भक्तों के लिए उनके आशीर्वाद के बारे में बताया जाता है। यह श्लोक श्रद्धालुओं के दिलों में एक नया उत्साह और शक्ति का संचार करते हैं।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) से संबंधित पौराणिक कथा

पौराणिक कथाओं के अनुसार, माँ यमुना का जन्म सूर्य देव और संयोगिता के घर हुआ था। माँ यमुना ने अपनी नदी रूपी अवतार से संसार को शुद्ध किया और कई वर्षों तक विभिन्न संकटों से लड़ते हुए अपने भक्तों को मोक्ष प्रदान किया। उनके इस दिव्य कार्यों के कारण, उन्हें भारत के प्रमुख नदी देवताओं में एक सम्मानजनक स्थान प्राप्त हुआ।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के प्रभाव

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ करने से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसके पाठ से मनुष्य को नकारात्मक सोच और व्यक्तिगत समस्याओं से मुक्ति मिलती है। चालीसा के श्लोकों का सही उच्चारण और श्रद्धा भाव से किया गया पाठ व्यक्ति के जीवन को खुशहाल बनाता है।

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का नियमित पाठ करने से न केवल आध्यात्मिक समृद्धि मिलती है, बल्कि यह धार्मिक उन्नति और मानसिक शांति का भी कारण बनता है। माँ यमुना की भक्ति में लीन होकर, हम अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। माँ यमुना के आशीर्वाद से हम सभी प्रकार के कष्टों से उबर सकते हैं और जीवन में सफलता और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

FAQs: यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa)

1. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) क्या है?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) एक धार्मिक स्तुति है जिसमें माँ यमुना की महिमा का वर्णन किया गया है। यह चालीसा 40 श्लोकों में विभाजित होती है और इसका पाठ माँ यमुना के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

2. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ क्यों करें?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ करने से समृद्धि, मानसिक शांति, और धार्मिक उन्नति प्राप्त होती है। यह चालीसा जीवन में कष्टों, रोगों, और समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होती है।

3. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?

जी हां, यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन प्रात:काल और संध्या समय में इसे पढ़ना ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है।

4. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के श्लोक कितने होते हैं?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) में कुल 40 श्लोक होते हैं। इन श्लोकों में माँ यमुना की महिमा, गुण और आशीर्वाद का उल्लेख किया जाता है।

5. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ किसे करना चाहिए?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है, विशेष रूप से वे लोग जो माँ यमुना की भक्ति में विश्वास रखते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।

6. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ विशेष दिनों पर किया जाता है?

रविवार और पूर्णिमा के दिन यमुना चालीसा का पाठ अधिक शुभ माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से माँ यमुना की पूजा के लिए उचित माने जाते हैं।

7. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कैसे करना चाहिए?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ स्वच्छ स्थान पर, ध्यान और श्रद्धा के साथ किया जाना चाहिए। पाठ के दौरान दीपक जलाना और तुलसी के पत्ते रखना शुभ होता है।

8. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) से क्या लाभ होते हैं?

इसके नियमित पाठ से आध्यात्मिक उन्नति, धन की वृद्धि, मानसिक शांति, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में सुधार होता है।

9. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ रोगों से मुक्ति दिलाता है?

हां, यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ मानसिक और शारीरिक रोगों में राहत देता है। यह स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है और शारीरिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है।

10. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ घर में भी किया जा सकता है?

जी हां, यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ घर में भी किया जा सकता है। विशेष रूप से एक शांत वातावरण में इसे करना अधिक प्रभावशाली होता है।

11. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का उच्चारण कैसे करना चाहिए?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का उच्चारण सही तरीके से करना चाहिए। उच्चारण में ध्यान और श्रद्धा होनी चाहिए ताकि पूजा का सही प्रभाव हो।

12. यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ कब शुरू करना चाहिए?

यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ प्रात:काल या संध्या समय में शुरू करना चाहिए। इसके अलावा, रविवार और पूर्णिमा के दिन यह अत्यधिक शुभ होता है।

13. क्या यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) के पाठ से पारिवारिक जीवन में सुधार होता है?

जी हां, यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ पारिवारिक संबंधों में सुधार लाता है और घर में सुख-शांति का माहौल बनाता है।

14. क्या यमुना चालीसा को किसी खास व्रत या उत्सव में पढ़ा जा सकता है?

जी हां, यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) को विशेष व्रत, उत्सव या पारिवारिक पूजा के दौरान भी पढ़ा जा सकता है। इससे पूजा का प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है।

15. क्या यमुना चालीसा का पाठ बड़ों द्वारा भी किया जाता है?

जी हां, यमुना चालीसा (Yamuna Chalisa) का पाठ किसी भी आयु के व्यक्ति द्वारा किया जा सकता है, चाहे वह छोटा हो या बड़ा। सभी को इसके आशीर्वाद और कृपा प्राप्त होती है।

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